शिमला: कोविड 19 के चलते प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को भी शैक्षणिक गतिविधियों के लिए बंद रखा गया है. कोविड-19 की वजह से एचपीयू में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही छात्रों की यूजी और पीजी की परीक्षाओं के साथ पीजी की इस सत्र की प्रवेश प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि अगर हालात सामान्य नहीं होते हैं तो एचपीयू पीजी के सत्र 2020-21 में छात्रों को यूजी की मैरिट के आधार पर एडमिशन देगा. ऐसे में अब अगर स्थिति प्रदेश में जल्द ही ठीक नहीं हुई तो इस बार पीजी में प्रवेश के लिए छात्रों को प्रवेश परीक्षाएं नहीं देनी होगी. इसके साथ ही एचपीयू में अब छात्रों की समस्याओं के सामाधन के लिए 24 घंटे तीन टोल फ्री नंबर जल्द लगने वाले हैं.
एचपीयू के मेन गेट पर यह नंबर लगाए जायेंगे जहां एक जूनियर ऑफिस असिस्टेंट कंप्यूटर के साथ बैठाया जाएगा और वह छात्रों के परीक्षाओं, नियुक्तियों, रिसर्च और अन्य सभी सवालों के जवाब देंगे. कोविड के इस संकट के बीच में यूजी और पीजी परीक्षाओं के साथ ही पीजी प्रवेश परीक्षाओं को लेकर ईटीवी से खास बातचीत में एचपीयू कुलपति प्रो.सिकंदर कुमार ने कहा कि एचपीयू यूजी ओर पीजी परीक्षाओं को लेकर पूरी तरह से तैयार है लेकिन अभी सरकार की ओर से मंजूरी का ही इतंजार किया जा रहा है.
कोरोना संकट के बीच करवाई गई बोर्ड की परीक्षा
सरकार की ओर से जैसे ही परीक्षाओं को करवाने को लेकर निर्देश जारी किए जाएंगे, वैसे ही परीक्षाएं एचपीयू की ओर से करवाई जाएंगी. यूजी फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर जो स्थिति असमंजस भरी बनी हुई है उस पर कुलपति ने कहा कि हर राज्य की परिस्थितियां कोविड की अलग-अलग हैं लेकिन हिमाचल में अभी अधिक समस्या नहीं है और जिस तरह से बोर्ड की एक परीक्षा कोविड के बीच करवाई गई है. वैसे ही यूजी की परीक्षाएं भी सोशल डिस्टेंसिंग और सभी नियमों का पालन करते हुए करवाने में एचपीयू सक्षम है.
कोरोना संकट के चलते शैक्षणिक संस्थान हुए बंद
वहीं, ऑनलाइन परीक्षा पर भी कुलपति ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि जिस समय कोरोना के चलते शैक्षणिक संस्थान बंद हुए थे. उस समय यूजी का 80 फीसदी और पीजी का 40 फीसदी सिलेबस कवर हो चुका था. बाकी सिलेबस ऑनलाइन स्टडी के माध्यम से ही कॉलेज ओर विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने पूरा किया है.
एमफिल और पीएचडी के छात्रों की कक्षाएं भी शुरू
एचपीयू हर संभव माध्यम से छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं ले रहा है जिससे छात्रों का सिलेबस पूरा किया जा सके ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो जाए. प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि एचपीयू में प्रशासनिक शाखाओं में कर्मचारी काम पर आ रहे हैं. वहीं, विभागों में शिक्षकों को भी बुला लिया गया है. एमफिल और पीएचडी के छात्रों की कक्षाएं भी शुरू कर दी गई है. रेगुलर छात्रों को विश्वविद्यालय में प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद ही बुलाया जाएगा.
मेरिट के आधार पर ही छात्रों को प्रवेश
कोविड-19 की स्थिति के चलते अन्य राज्यों ने छात्रों की परीक्षाएं ना करवा कर उन्हें प्रमोट करने का फैसला लिया है. प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा एचपीयू में परीक्षा को लेकर कहा कि प्रदेश में यूजी के अंतिम सेमेस्टर के साथ ही पीजी की परीक्षाएं करवाने की तैयारी की है. अगर एचपीयू इन परीक्षाओं को सफलतापूर्वक करवा लेता है और कोई समस्या इस दौरान नहीं आती है तो एचपीयू पीजी की प्रवेश परीक्षाएं भी करवाएगा और दूसरे राज्यों के लिए एक रोल मॉडल बनेगा. इसके साथ ही कुलपति ने यह बात भी मानी है कि अगर यह संभव नहीं हो पाता है तो फिर मेरिट के आधार पर ही छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा.
एचपीयू में ईआरपी सिस्टम के तहत ही सभी कार्य हो रहे ऑनलाइन
एचपीयू में ईआरपी सिस्टम के तहत ही सारा कार्य ऑनलाइन किया जा रहा है. इस ईआरपी के सिस्टम में कुछ समस्याएं अभी भी आ रही है जिससे आवेदनकर्ताओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. विश्वविद्यालय के कुलपति मान रहे हैं कि हर सिस्टम में किसी तरह की खामियां रहती हैं. विश्वविद्यालय पूरा प्रयास कर रहा है कि ईआरपी सिस्टम को और सुदृढ़ किया जाए जिससे छात्रों को दिक्कत ना आए. इसके लिए आवेदन की तिथि को भी आगे बढ़ाया गया है.
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