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अवैध स्पिरिट की सप्लाई करने वालों के खिलाफ आबकारी विभाग की कार्रवाई, इस फर्म पर होगी FIR

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Published : Feb 4, 2022, 8:13 PM IST

Updated : Feb 4, 2022, 9:18 PM IST

राज्य कर एवं आबकारी विभाग लगातार अवैध स्पिरिट की सप्लाई करने वालों के खिलाफ (Supplying Illegal Spirit in Himachal) कार्रवाई कर रहा है. विभान ने हाल ही में सिरमौर के काला अंब स्थित एक औद्योगिक परिसर का निरीक्षण भी किया. इस दौरान पया गया की इस फर्म ने कुछ सरकारी अस्पतालों को हैंड सैनिटाइजर के खेप भेजी थी. वहीं, जब इसकी जांच पड़ताल करवाई गई, तो ऐसा कुछ नहीं पया गया. जिससे प्रतीत होता है कि उक्त फर्म द्वारा स्पिरिट की अवैध सप्लाई की जा रही थी. वहीं, विभाग ने फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया है.

Supplying Illegal Spirit in Himachal
अवैध स्पिरिट की सप्लाई

शिमला/नाहन: मंडी जहरीली शराब कांड (Mandi poisonous liquor case) के बाद राज्य कर एवं आबकारी विभाग लगातार अवैध स्पिरिट की सप्लाई करने वालों के खिलाफ (Supplying Illegal Spirit in Himachal) कार्रवाई कर रहा है. विभाग के संयुक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी उज्ज्वल राणा ने मंडी स्थित गोवर्धन बॉटलिंग प्लांट में निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं की कड़ियों को जोड़ते हुए और ऑनलाइन डाटा के द्वारा ई-बिलों की जांच करते हुए सिरमौर के काला अंब स्थित एक औद्योगिक परिसर डच फॉर्मुलेशन का निरीक्षण किया.

विभाग के आयुक्त यूनुस ने बताया कि निरीक्षण (Excise Department inspection in kala amb) के दौरान पाया गया कि परिसर में किसी भी प्रकार का कोई उत्पाद तैयार नहीं किया जा रहा था. उक्त इकाई के पास ड्रग अथॉरिटी द्वारा कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है. इस यूनिट ने वर्ष 2020-21 में 8.06 करोड़ रुपये की परचेज ई-बिलों में की है और लगभग 4.77 करोड़ रुपये की बिक्री दिखाई है. दोनों में कुल अंतर 3.39 करोड़ रुपये बनाता है. जिसका कोई भी स्टॉक परिसर में नहीं पाया गया.

उज्ज्वल राणा, संयुक्त आयुक्त, राज्य कर एवं आबकारी विभाग.

उन्होंने कह कि इस कंपनी की एक अन्य फर्म डेनिश लैब अंबाला में भी है. इस फर्म के भी ई वे बिल चेक किए गए. इस दौरान पाया गया कि इस फर्म ने सीएमओ धर्मशाला को हैंड सैनिटाइजर के चार खेप नवंबर व दिसंबर 21 में भेजे हैं. इसी तरह इसी फर्म ने हैंड सैनिटाइजर के 3 खेप राजीव गांधी आयुष मेडिकल कॉलेज पपरोला को भेजे हैं. इन सभी की कीमत 51 लाख रुपये है. इस के अतिरिक्त डच फॉर्मुलेशन काला अंब ने भी हैंड सैनिटाइजर की एक खेप पपरोला कॉलेज को भेजी है.

इसकी कीमत 7.50 लाख है. यहां ये भी उल्लेखनीय है कि उक्त फर्मों को समय दिए जाने के बावजूद भी किसी तरह की डिटेल विभाग को उपलब्ध नहीं करवाई गई. विभाग ने यह सारा डाटा ई वे बिल सिस्टम से निकाला है. जब इसकी जांच पड़ताल करवाई गई, तो मेडिकल कॉलेज पपरोला और सीएमओ धर्मशाला ने लिखित में सूचित किया कि उन्होंने ऐसी कोई भी सप्लाई नहीं मंगवाई है और न ही उन्होंने सप्लाई प्राप्त की है.

कुल अवैध (Illegal liquor in Himachal) सप्लाई 58.50 लाख रुपये की है, जिससे लगभग एक लाख बल्क लीटर स्पिरिट खरीदी जा सकती है और लगभग 37 से 40 हजार पेटी शराब का उत्पादन किया जा सकता है. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त फर्मों द्वारा हैंड सैनिटाइजर सप्लाई करने की आड़ में स्पिरिट की सप्लाई की जा रही थी. इस संबंध में विभाग द्वारा उक्त फर्म के खिलाफ आगामी कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है.

ये भी पढ़ें: करसोग में बर्फबारी से 33 सड़कें बंद, कई क्षेत्रों में बिजली भी गुल

शिमला/नाहन: मंडी जहरीली शराब कांड (Mandi poisonous liquor case) के बाद राज्य कर एवं आबकारी विभाग लगातार अवैध स्पिरिट की सप्लाई करने वालों के खिलाफ (Supplying Illegal Spirit in Himachal) कार्रवाई कर रहा है. विभाग के संयुक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी उज्ज्वल राणा ने मंडी स्थित गोवर्धन बॉटलिंग प्लांट में निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं की कड़ियों को जोड़ते हुए और ऑनलाइन डाटा के द्वारा ई-बिलों की जांच करते हुए सिरमौर के काला अंब स्थित एक औद्योगिक परिसर डच फॉर्मुलेशन का निरीक्षण किया.

विभाग के आयुक्त यूनुस ने बताया कि निरीक्षण (Excise Department inspection in kala amb) के दौरान पाया गया कि परिसर में किसी भी प्रकार का कोई उत्पाद तैयार नहीं किया जा रहा था. उक्त इकाई के पास ड्रग अथॉरिटी द्वारा कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है. इस यूनिट ने वर्ष 2020-21 में 8.06 करोड़ रुपये की परचेज ई-बिलों में की है और लगभग 4.77 करोड़ रुपये की बिक्री दिखाई है. दोनों में कुल अंतर 3.39 करोड़ रुपये बनाता है. जिसका कोई भी स्टॉक परिसर में नहीं पाया गया.

उज्ज्वल राणा, संयुक्त आयुक्त, राज्य कर एवं आबकारी विभाग.

उन्होंने कह कि इस कंपनी की एक अन्य फर्म डेनिश लैब अंबाला में भी है. इस फर्म के भी ई वे बिल चेक किए गए. इस दौरान पाया गया कि इस फर्म ने सीएमओ धर्मशाला को हैंड सैनिटाइजर के चार खेप नवंबर व दिसंबर 21 में भेजे हैं. इसी तरह इसी फर्म ने हैंड सैनिटाइजर के 3 खेप राजीव गांधी आयुष मेडिकल कॉलेज पपरोला को भेजे हैं. इन सभी की कीमत 51 लाख रुपये है. इस के अतिरिक्त डच फॉर्मुलेशन काला अंब ने भी हैंड सैनिटाइजर की एक खेप पपरोला कॉलेज को भेजी है.

इसकी कीमत 7.50 लाख है. यहां ये भी उल्लेखनीय है कि उक्त फर्मों को समय दिए जाने के बावजूद भी किसी तरह की डिटेल विभाग को उपलब्ध नहीं करवाई गई. विभाग ने यह सारा डाटा ई वे बिल सिस्टम से निकाला है. जब इसकी जांच पड़ताल करवाई गई, तो मेडिकल कॉलेज पपरोला और सीएमओ धर्मशाला ने लिखित में सूचित किया कि उन्होंने ऐसी कोई भी सप्लाई नहीं मंगवाई है और न ही उन्होंने सप्लाई प्राप्त की है.

कुल अवैध (Illegal liquor in Himachal) सप्लाई 58.50 लाख रुपये की है, जिससे लगभग एक लाख बल्क लीटर स्पिरिट खरीदी जा सकती है और लगभग 37 से 40 हजार पेटी शराब का उत्पादन किया जा सकता है. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त फर्मों द्वारा हैंड सैनिटाइजर सप्लाई करने की आड़ में स्पिरिट की सप्लाई की जा रही थी. इस संबंध में विभाग द्वारा उक्त फर्म के खिलाफ आगामी कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है.

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Last Updated : Feb 4, 2022, 9:18 PM IST
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