शिमलाः प्रदेश में अब हर विधानसभा क्षेत्र में अटल स्कूलों की तरह ही अब छात्रों के लिए एक्सीलेंस स्कूल सरकार की ओर से खोले जाएंगे. इन स्कूलों को खोलने के लिए विधायकों को जमीन का चयन करना होगा, जहां पर स्कूलों को बनाया जा सके.
जमीन मिलने के बाद विधायक ही सरकार को अपने क्षेत्र में एक्सीलेंस स्कूल खोलने का प्रपोजल सरकार को भेजें. सरकार की ओर से सभी विधायकों को इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द से पूरा करने को कहा गया हैं. जमीन का चयन करने के साथ ही इन स्कूलों को खोलने के लिए जो भी सुझाव हो वह भी दे सकते हैं.
इन एक्सीलेंस स्कूलों को खोलने के लिए सरकार ने शिक्षा विभाग से भी सुझाव मांगे है. शिक्षा विभाग ही इन स्कूलों को खोलने के लिए पूरा प्रपोजल तैयार करेंगे. इन स्कूलों में क्या सुविधाएं होंगी, शिक्षकों की नियुक्ति किस आधार पर होगी इस पर खास ध्यान दिया जाएगा.
इन स्कूलों में स्मार्ट सुविधाओं पर भी फोकस होगा. ऑनलाइन स्टडी , अंग्रेजी मीडियम के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाएगा. यह स्कूल कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर ही खोले जाएंगे. जहां प्रवेश परीक्षा की मेरिट के आधार पर छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा. इन स्कूलों को ऐसी जगह पर खोला जाएगा जहां कोई बड़ा स्कूल नहीं होगा. इन स्कूलों को ग्रामीण क्षेत्रों में खोलने को प्राथमिकता दी जाएगी.
बोर्डिंग स्कूलों की तरह ही यह एक्सीलेंस स्कूल होंगें जहां बच्चों को रहने के लिए हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी ओर पांचवीं के बाद छात्रों को यहां प्रवेश दिया जाएगा.
इन स्कूलों में गर्ल्स स्कूलों में महिला प्रिंसिपल ओर हॉस्टल में वार्डन महिला की तैनाती की जाएगी और बॉयज स्कूलों में पुरूष स्टाफ को रखा जाएगा. छात्र जब तक अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर लेते तब तक उन्हें हॉस्टल में ही रखा जाएगा.
वहीं, स्कूलों में स्मार्ट सुविधाएं देने का सरकार जोर देगी. इन स्कूलों को खोलने से पहले बाहरी राज्यों में चल रहे इस तरह के स्कूलों का मॉडल देखा जाएगा, जिससे कि बेहतर से बेहतर तरीके से यह एक्सीलेंस स्कूल प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में खोले जा सकें। सरकार इस बात पर ध्यान देगी की इन स्कूलों से गुणवत्ता का स्तर बढ़ सके और प्रदेश के छात्रों को बेहतर शिक्षा के अवसर भी मिल सकें.
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