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पंचग्रही योग ने बढ़ाया महाशिवरात्रि का महत्व, राशि के अनुसार करें कुछ विशेष उपाय, पूरी होंगी मनोकामनाएं

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Published : Feb 27, 2022, 2:43 PM IST

मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस साल महाशिवरात्रि एक मार्च को है. इस बार महाशिवरात्रि पर पंचग्रही योग के साथ ही केदार योग का महासंयोग बन रहा है. ईटीवी भारत धर्म में आज हम आपको बताएंगे कि क्या है महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त. साथ ही बताएंगे कि राशियों के अनुसार कौन से विशेष उपाय करने पर आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

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शिमला/नई दिल्ली : हजारों सालों से विज्ञान 'शिव' के अस्तित्व को समझने का प्रयास कर रहा है. जब भौतिकता का मोह खत्म हो जाए और ऐसी स्थिति आए कि ज्ञानेंद्रियां भी बेकाम हो जाएं, उस स्थिति में शून्य आकार लेता है और जब शून्य भी अस्तित्वहीन हो जाए तो वहां शिव का प्राकट्य होता है. शिव यानी शून्य से परे. जब कोई व्यक्ति भौतिक जीवन को त्याग कर सच्चे मन से मनन करे तो शिव की प्राप्ति होती है. उन्हीं एकाकार और अलौकिक शिव के महारूप को उल्लास से मनाने का त्योहार है महाशिवरात्रि. हर साल यह पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है.

इस साल महाशिवरात्रि पर्व एक मार्च को है. इस बार महाशिवरात्रि पर दो शुभ संयोग बनने के साथ पंचग्रही योग भी बन रहा है. ऐसे में शुभ संयोग में महाशिवरात्रि पर शिव आराधना करने पर सभी भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य ही पूरी होंगी. दरअसल महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं. दरअसल महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं.

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महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त

ये भी पढ़ें: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर अर्पित करें बेलपत्र, दूर होंगी धन संबंधी समस्याएं

शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन ज्योतिष उपाय करने से आपकी सभी परेशानियां खत्म हो सकती हैं. महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा की जानी चाहिए तभी इसका फल मिलता है. इस दिन का प्रत्येक घड़ी-पहर परम शुभ रहता है. कुवांरी कन्याओं को इस दिन व्रत करने से मनोनुकूल पति की प्राप्ति होती है और विवाहित स्त्रियों का वैधव्य दोष भी नष्ट हो जाता है. महाशिवरात्रि में शिवलिंग की पूजा करने से जन्मकुंडली के नवग्रह दोष तो शांत होते हैं, विशेष कर चंद्रजनित दोष जैसे मानसिक अशान्ति, मां के सुख और स्वास्थ्य में कमी, मित्रों से संबंध, मकान-वाहन के सुख में विलम्ब, हृदय रोग, नेत्र विकार, चर्म-कुष्ट रोग, नजला-जुकाम, स्वांस रोग, कफ-निमोनिया संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है और समाज में मान प्रतिष्ठा बढ़ती है.

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से व्यापार में उन्नति और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है. भांग अर्पण से घर की अशांति, प्रेत बाधा तथा चिंता दूर होती है. मंदार पुष्प से नेत्र और ह्रदय विकार दूर रहते हैं. शिवलिंग पर धतूर के पुष्प-फल चढ़ाने से दवाओं के रिएक्शन तथा विषैले जीवों से खतरा समाप्त हो जाता है. शमीपत्र चढ़ाने से शनि की शाढ़ेसाती, मारकेश तथा अशुभ ग्रह-गोचर से हानि नहीं होती. इसलिए श्रीमहाशिवरात्रि के एक-एक क्षण का सदुपयोग करें और शिवकृपा प्रसाद से त्रिबिध तापों से मुक्ति पायें.

ये भी पढ़ें: महाशिवरात्रि 1 मार्च 2022: भगवान शिव की आराधना का दिन, जानें पूजा का मुहूर्त

शुभ योग : इस बार महाशिवरात्रि पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ परिघ योग बनेगा. धनिष्ठा और परिघ योग के बाद शतभिषा नक्षत्र और शिव योग का संयोग होगा. ज्योतिष शास्त्र में परिघ योग में पूजा करने पर शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होती है.

ग्रहों का योग : इस वर्ष महाशिवरात्रि एक मार्च को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि पर ग्रहों का विशेष योग बनने जा रहा है. दरअसल इस बार मकर राशि में पंचग्रही योग का निर्माण हो रहा है. मकर राशि में शनि, मंगल, बुध, शुक्र और चंद्रमा ये पांचों ग्रह एक साथ रहेंगे. इसके अलावा लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति भी रहेगी.

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राशि के अनुसार करें कुछ विशेष उपाय

जानें महाशिवरात्रि के पूजा का शुभ मुहूर्त- महाशिवरात्रि के दिन राशि अनुसार कुछ विशेष उपाय करने से जातकों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनकी जन्म कुंडली में ग्रह शांत होते हैं.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि etvbharat.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

ये भी पढ़ें- रविवार के दिन ऐसे करें भगवान सूर्यदेव को प्रसन्न, मान-सम्मान और तेज की होगी प्राप्ति

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शिमला/नई दिल्ली : हजारों सालों से विज्ञान 'शिव' के अस्तित्व को समझने का प्रयास कर रहा है. जब भौतिकता का मोह खत्म हो जाए और ऐसी स्थिति आए कि ज्ञानेंद्रियां भी बेकाम हो जाएं, उस स्थिति में शून्य आकार लेता है और जब शून्य भी अस्तित्वहीन हो जाए तो वहां शिव का प्राकट्य होता है. शिव यानी शून्य से परे. जब कोई व्यक्ति भौतिक जीवन को त्याग कर सच्चे मन से मनन करे तो शिव की प्राप्ति होती है. उन्हीं एकाकार और अलौकिक शिव के महारूप को उल्लास से मनाने का त्योहार है महाशिवरात्रि. हर साल यह पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है.

इस साल महाशिवरात्रि पर्व एक मार्च को है. इस बार महाशिवरात्रि पर दो शुभ संयोग बनने के साथ पंचग्रही योग भी बन रहा है. ऐसे में शुभ संयोग में महाशिवरात्रि पर शिव आराधना करने पर सभी भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य ही पूरी होंगी. दरअसल महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं. दरअसल महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं.

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महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त

ये भी पढ़ें: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर अर्पित करें बेलपत्र, दूर होंगी धन संबंधी समस्याएं

शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन ज्योतिष उपाय करने से आपकी सभी परेशानियां खत्म हो सकती हैं. महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा की जानी चाहिए तभी इसका फल मिलता है. इस दिन का प्रत्येक घड़ी-पहर परम शुभ रहता है. कुवांरी कन्याओं को इस दिन व्रत करने से मनोनुकूल पति की प्राप्ति होती है और विवाहित स्त्रियों का वैधव्य दोष भी नष्ट हो जाता है. महाशिवरात्रि में शिवलिंग की पूजा करने से जन्मकुंडली के नवग्रह दोष तो शांत होते हैं, विशेष कर चंद्रजनित दोष जैसे मानसिक अशान्ति, मां के सुख और स्वास्थ्य में कमी, मित्रों से संबंध, मकान-वाहन के सुख में विलम्ब, हृदय रोग, नेत्र विकार, चर्म-कुष्ट रोग, नजला-जुकाम, स्वांस रोग, कफ-निमोनिया संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है और समाज में मान प्रतिष्ठा बढ़ती है.

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से व्यापार में उन्नति और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है. भांग अर्पण से घर की अशांति, प्रेत बाधा तथा चिंता दूर होती है. मंदार पुष्प से नेत्र और ह्रदय विकार दूर रहते हैं. शिवलिंग पर धतूर के पुष्प-फल चढ़ाने से दवाओं के रिएक्शन तथा विषैले जीवों से खतरा समाप्त हो जाता है. शमीपत्र चढ़ाने से शनि की शाढ़ेसाती, मारकेश तथा अशुभ ग्रह-गोचर से हानि नहीं होती. इसलिए श्रीमहाशिवरात्रि के एक-एक क्षण का सदुपयोग करें और शिवकृपा प्रसाद से त्रिबिध तापों से मुक्ति पायें.

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शुभ योग : इस बार महाशिवरात्रि पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ परिघ योग बनेगा. धनिष्ठा और परिघ योग के बाद शतभिषा नक्षत्र और शिव योग का संयोग होगा. ज्योतिष शास्त्र में परिघ योग में पूजा करने पर शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होती है.

ग्रहों का योग : इस वर्ष महाशिवरात्रि एक मार्च को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि पर ग्रहों का विशेष योग बनने जा रहा है. दरअसल इस बार मकर राशि में पंचग्रही योग का निर्माण हो रहा है. मकर राशि में शनि, मंगल, बुध, शुक्र और चंद्रमा ये पांचों ग्रह एक साथ रहेंगे. इसके अलावा लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति भी रहेगी.

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राशि के अनुसार करें कुछ विशेष उपाय

जानें महाशिवरात्रि के पूजा का शुभ मुहूर्त- महाशिवरात्रि के दिन राशि अनुसार कुछ विशेष उपाय करने से जातकों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनकी जन्म कुंडली में ग्रह शांत होते हैं.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि etvbharat.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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