शिमला: कोरोना संक्रमण के चलते निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार को लेकर पाबंदियां और बढ़ा दी हैं. आम तौर पर चुनाव प्रचार वोटिंग वाले दिन से 48 घंटे पहले ही थम जाता है, लेकिन अबकी बार चुनाव प्रचार को 72 घंटे पहले ही बंद करने का फैसला किया गया है. सभी प्रत्याशी 27 अक्टूबर शाम 6 बजे तक ही प्रचार कर पाएंगे. इसके इन आदेशों के अनुसार अब प्रदेश में चुनाव प्रचार का शोर 27 अक्टूबर शाम 6 बजे ही थम जाएगा.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी. पालरासु ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए इस प्रकार के दिशा-निर्देशों जारी किए गए हैं. कोरोना संक्रमण को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने इससे पहले जारी आदेशों के अनुसार भी जनसभाओं में लोगों की उपस्थिति पर पाबंदी लगाते हुए संख्या निर्धारित कर दी थी. निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी आदेशों के अनुसार उपचुनावों में स्टार प्रचारकों की रैली या जनसभा में अधिकतम एक हजार लोग ही शामिल हो सकेंगे.
हॉल अथवा अन्य आंतरिक स्थलों (इनडोर) में आयोजित होने वाली बैठकों के लिए अनुमत क्षमता का 30 प्रतिशत या 200 व्यक्ति शामिल हो सकेंगे. बैठक में शामिल होने वाले लोगों की संख्या गिनने के लिए एक रजिस्टर रखने कहा गया है. खुले स्थानों पर (आउटडोर) आयोजित होने वाली बैठकों अथवा सभाओं में स्टार प्रचारकों के मामले में क्षमता के 50 प्रतिशत या एक हजार और अन्य सभी मामलों में 50 प्रतिशत क्षमता या 500 लोगों, जो भी कम हो, को ही एकत्र होने की अनुमति दी गई है. आयोजन के दौरान पूरे इलाके को बंद करने और पुलिस की पहरेदारी के निर्देश दिए गए हैं. मैदान में प्रवेश करने वालों की गिनती पर नजर रखी जाएगी. घेराबंदी/बैरिकेडिंग का खर्च उम्मीदवार/पार्टी द्वारा वहन किया जाएगा. रैलियों के लिए केवल उन्हीं मैदानों का उपयोग किया जाएगा, जिन्हें पूरी तरह से घेरा/बैरिकेड किया गया हो.
नुक्कड़ सभाओं में स्थान की उपलब्धता और कोविड-19 दिशा-निर्देशों की अनुपालना के अधीन अधिकतम 50 व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी. मतदान समाप्त होने से 72 घंटे पहले मौन की अवधि निर्धारित है. मतगणना दिवस पर भीड़ को रोकने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को उचित उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं. मतगणना के दौरान हर समय उचित दूरी और अन्य कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा.
पुलिस विभाग से साथ बैठक कर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सीमावर्ती क्षेत्रों, जिलों और राज्य की सीमाओं पर जांच व रोकथाम के व्यापक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं. अंतर जिला व अंतरराज्यीय नाकों और अन्य प्रवेश स्थलों पर 24 घंटे निगरानी तथा पड़ोसी राज्य अथवा जिलों से शराब, ड्रग्स, नकदी, अवैध शस्त्र इत्यादि की संभावित खपत पर नियंत्रण व निगरानी के लिए उन जिलों और राज्यों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने को कहा है.
उन्होंने संबंधित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में हिस्ट्रीशीटर, घोषित भगोड़े तथा अन्य अपराधियों के विरुद्ध निवारक उपाय करने व लंबित गैर जमानती वारंट के निष्पादन के निर्देश भी दिए. इसके अलावा शस्त्र जमा करवाने, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती के लिए कार्य योजना, उड़न दस्तों व अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने तथा दैनिक आधार पर विभिन्न गतिविधियों की रिपोर्ट प्रेषित करने को भी कहा.
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