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हिमाचल में पहली बार बुजुर्गों और दिव्यांगों को मिलेगी पोस्टल बैलेट की सुविधा, 65 हजार मतदाता करेंगे वोट

हिमाचल प्रदेश में 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव में करीब 65 हजार मतदाताओं को पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलने वाली है. निर्वाचन आयोग प्रदेश के 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, दिव्यांग नागरिकों और आपातकालीन सेवाओं में जुटे कर्मियों को यह सुविधा देगा. वहीं, प्रदेश में 3047 दृष्टिबाधित मतदाता ब्रेल साइनेज फीचर की मदद से बिना किसी की सहायता के वोट कर सकेंगे.

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Published : Oct 19, 2021, 8:17 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 3:15 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पहली बार 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग नागरिकों को पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलने जा रही है. इस सुविधा के शुरू होने से करीब 65 हजार से अधिक मतदाता उपचुनाव में अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे. इससे पहले यह सुविधा सिर्फ सेना के जवानों और कुछ अन्य लोगों को मिलती थी, लेकिन कोविड की वजह से निर्वाचन आयोग ने इसे बुजुर्गों और दिव्यागों के लिए शुरू किया है. प्रदेश में पहली बार दृष्टिबाधित मतदाता भी बिना किसी की सहायता से वोट कर सकेंगे. इसके लिए ब्रेल साइनेज फीचर की सहायता उपलब्ध करवाई गई है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी. पालरासू ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण यह वर्ग अति संवेदनशील है. इसके अलावा आपातकालीन सेवाओं में जुटे कर्मियों को भी पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलेगी. इन में एचआरटीसी के कर्मचारी, डॉक्टर, विद्युत व्यवस्था में लगे कर्मचारी आदि शामिल होंगे. कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रत्येक मतदाता को डिस्पोजेबल ग्लव्स भी मिलेंगे. मतदाता को यह ग्लव्ज मतदान से ठीक पहले दिया जाएगा और प्रयोग के बाद वहां रखे डस्टबिन में डालना होगा.

मतदाताओं को यह सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए निर्वाचन आयोग ने बुजुर्ग और दिव्यांग वोटर्स की सूची तैयार की है. इस सूची के अनुसार बैलेट पेपर घर ही भेजे जाएंगे. जिन्हें चुनाव कर्मचारी बाद में घर जाकर ही कलेक्ट करेंगे. इसके लिए प्रदेश भर में कर्मचारियों की 15-15 टीमें बनाई जा रही हैं. यह टीमें पहले चुनाव में मतदान करने संबंधी राय लेने के लिए कि क्या वो बैलेट पेपर की सहायता से मतदान करना चाहेंगे या फिर ईवीएम से इस बारे में पूछने मतदाताओं के घर जाएगी. इसके बाद पोस्टल बैलेट देने के लिए दूसरी बार कर्मचारी मतदाताओं के घर जाएंगे. तीसरी बार मतदान कर्मी मतदाताओं के घर तक जाएंगे, जब उन्हें पोस्टल बैलेट पेपर कलेक्ट करने होंगे.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी, ताकि किसी भी तरह का कोई सवाल न उठ सके और मतदान की गोपनीयता भी बनी रहेगी. पोस्टल बैलेट को लेने से पहले उसे सील बंद लिफाफे में पैक किया जाएगा और संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर के पास जमा करवाया जाएगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि पोस्टल बैलेट पेपर संबंधित चुनाव क्षेत्र में मतगणना वाले दिन ही खुलेंगे. उपचुनावों में तीनों विधानसभा क्षेत्रों और मंडी लोकसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर लगभग 65 हजार से अधिक दिव्यांग और 80 साल की आयु के मतदाता बताए जा रहे हैं.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ईवीएम (EVM) और टेंडर वोट (Tendered votes) के लिये मत पत्रों की छपाई का कार्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार प्रदेश राजकीय मुद्राणालय से पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र के लिये 56,500,फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के लिये 4000, अर्की विधानसभा क्षेत्र के लिये 4000, जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के लिये 3,500 मत पत्रों की छपाई की गई है. इसके अलावा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूचियों की छपाई का कार्य भी पूरा कर लिया गया है. मंडी संसदीय क्षेत्र के लिये 5,100, फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के लिये 300, अर्की विधानसभा क्षेत्र के लिये 400 और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के लिये 300 सूचियां छपवाई गई हैं.

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दलीप नेगी ने मुद्रण कार्य का विशेष रूप से जायजा लिया है. इस कार्य को निर्धारित समय पर सफलतापूर्वक खत्म करवाने के लिए उन्होंने मुद्रणालय और निर्वाचन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रशंसा भी की है. वहीं, सी. पालरासू ने कहा कि मत पत्र और चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूचियों का वितरण संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों को कर दिया गया है.

हिमाचल में पहली बार दृष्टिबाधित मतदाता भी बिना किसी की सहायता से वोट कर सकेंगे. इसके लिए ब्रेल साइनेज फीचर की सहायता उपलब्ध करवाई गई है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि उपचुनाव में 3047 दृष्टिबाधित मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. दृष्टिबाधित मतदाताओं को मतदान के दौरान सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं.

उपचुनावों में मंडी लोकसभा क्षेत्र में 2718 दृष्टिबाधित मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. जिनमें भरमौर क्षेत्र में 88, लाहौल- स्पीति में 78, मनाली में 74, कुल्लू में 140, बंजार में 128, आनी में 183, करसोग में 287, सुंदर नगर में 84, नाचन में 157, सिराज में 313, द्रंग में 80, जोगिंदर नगर में 127, मंडी में 194, बल्ह में 199, सरकाघाट में 160, रामपुर में 286 और किन्नौर निर्वाचन क्षेत्र में 140 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

तीन विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के लिए 329 दृष्टिबाधित मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे. जिनमें अर्की विधानसभा क्षेत्र में 125, जुब्बल-कोटखाई निर्वाचन क्षेत्र में 129 और फतेहपुर निर्वाचन क्षेत्र में 75 दृष्टिबाधित मतदाता हैं. इन मतदाताओं की सुविधा के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ ब्रेल साइनेज फीचर को जोड़ा है.

पहले एक पोलिंग स्टेशन पर 1500 के करीब मतदाता मतदान कर सकते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने निर्णय लिया है कि अब अधिकतम एक हजार मतदाता ही एक पोलिंग स्टेशन पर मतदान कर सकेंगे. जिसके बाद मंडी संसदीय क्षेत्र में जहां पहले 2113 पोलिंग स्टेशन होते थे, लेकिन अब 249 अतिरिक्त पोलिंग स्टेशनों की व्यवस्था की जाएगी. जिनमें से कुल 118 मतदान केंद्र शहरी क्षेत्र में और 31 मतदान केंद्र शहरी सहायक क्षेत्रों में होगे. इसके अलावा 1995 मतदान केंद्रों की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में की जाएगी.

फतेहपुर में पहले जहां 111 पोलिंग स्टेशन थे अब वहां 30 अतिरिक्त पोलिंग स्टेशनों की व्यवस्था की जाएगी. अर्की विधानसभा क्षेत्र में पहले जहां 132 पोलिंग स्टेशन की व्यवस्था होती थी वहां अब 22 अतिरिक्त पोलिंग स्टेशनों की व्यवस्था की जाएगी. शिमला जिला के जुब्बल-कोटखाई में पहले 128 पोलिंग स्टेशन होते थे लेकिन अब 8 अतिरिक्त पोलिंग स्टेशनों की व्यवस्था की जाएगी.

इस बार उपचुनावों में 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों को वेबकास्टिंग के माध्यम से जोड़ा जा रहा है. यह पहली बार है जब इतने बड़े स्तर पर मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी. उप-निर्वाचन के लिए स्थापित कुल 2796 मतदान केंद्रों में से 1383 मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग सुविधा उपलब्ध रहेगी. भारत निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने और मतदाताओं में विश्वास बहाली के लिए सभी अतिसंवेदनशील अथवा संवेदनशील, कुल मतदान केंद्रों के 50 प्रतिशत जिनमें पूरक मतदान केंद्र भी शामिल हैं, इनमें से जो भी अधिक हो, उतने मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

मंडी संसदीय क्षेत्र के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में स्थापित 2365 मतदान केंद्रों में से 1168 मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा फतेहपुर, अर्की व जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्रों के उप-निर्वाचन के लिए स्थापित कुल 431 मतदान केंद्रों में स्थित 215 केंद्रों को वेबकास्टिंग से जोड़ा गया है. वेब-कास्टिंग के दौरान मतदान की गोपनीयता का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा.

ये भी पढ़ें: शहीदों के कफन-ताबूत में घोटाला करने वाली BJP सरकार बहा रही घड़ियाली आंसू- दीपक शर्मा

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पहली बार 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग नागरिकों को पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलने जा रही है. इस सुविधा के शुरू होने से करीब 65 हजार से अधिक मतदाता उपचुनाव में अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे. इससे पहले यह सुविधा सिर्फ सेना के जवानों और कुछ अन्य लोगों को मिलती थी, लेकिन कोविड की वजह से निर्वाचन आयोग ने इसे बुजुर्गों और दिव्यागों के लिए शुरू किया है. प्रदेश में पहली बार दृष्टिबाधित मतदाता भी बिना किसी की सहायता से वोट कर सकेंगे. इसके लिए ब्रेल साइनेज फीचर की सहायता उपलब्ध करवाई गई है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी. पालरासू ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण यह वर्ग अति संवेदनशील है. इसके अलावा आपातकालीन सेवाओं में जुटे कर्मियों को भी पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलेगी. इन में एचआरटीसी के कर्मचारी, डॉक्टर, विद्युत व्यवस्था में लगे कर्मचारी आदि शामिल होंगे. कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रत्येक मतदाता को डिस्पोजेबल ग्लव्स भी मिलेंगे. मतदाता को यह ग्लव्ज मतदान से ठीक पहले दिया जाएगा और प्रयोग के बाद वहां रखे डस्टबिन में डालना होगा.

मतदाताओं को यह सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए निर्वाचन आयोग ने बुजुर्ग और दिव्यांग वोटर्स की सूची तैयार की है. इस सूची के अनुसार बैलेट पेपर घर ही भेजे जाएंगे. जिन्हें चुनाव कर्मचारी बाद में घर जाकर ही कलेक्ट करेंगे. इसके लिए प्रदेश भर में कर्मचारियों की 15-15 टीमें बनाई जा रही हैं. यह टीमें पहले चुनाव में मतदान करने संबंधी राय लेने के लिए कि क्या वो बैलेट पेपर की सहायता से मतदान करना चाहेंगे या फिर ईवीएम से इस बारे में पूछने मतदाताओं के घर जाएगी. इसके बाद पोस्टल बैलेट देने के लिए दूसरी बार कर्मचारी मतदाताओं के घर जाएंगे. तीसरी बार मतदान कर्मी मतदाताओं के घर तक जाएंगे, जब उन्हें पोस्टल बैलेट पेपर कलेक्ट करने होंगे.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी, ताकि किसी भी तरह का कोई सवाल न उठ सके और मतदान की गोपनीयता भी बनी रहेगी. पोस्टल बैलेट को लेने से पहले उसे सील बंद लिफाफे में पैक किया जाएगा और संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर के पास जमा करवाया जाएगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि पोस्टल बैलेट पेपर संबंधित चुनाव क्षेत्र में मतगणना वाले दिन ही खुलेंगे. उपचुनावों में तीनों विधानसभा क्षेत्रों और मंडी लोकसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर लगभग 65 हजार से अधिक दिव्यांग और 80 साल की आयु के मतदाता बताए जा रहे हैं.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ईवीएम (EVM) और टेंडर वोट (Tendered votes) के लिये मत पत्रों की छपाई का कार्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार प्रदेश राजकीय मुद्राणालय से पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र के लिये 56,500,फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के लिये 4000, अर्की विधानसभा क्षेत्र के लिये 4000, जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के लिये 3,500 मत पत्रों की छपाई की गई है. इसके अलावा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूचियों की छपाई का कार्य भी पूरा कर लिया गया है. मंडी संसदीय क्षेत्र के लिये 5,100, फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के लिये 300, अर्की विधानसभा क्षेत्र के लिये 400 और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के लिये 300 सूचियां छपवाई गई हैं.

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दलीप नेगी ने मुद्रण कार्य का विशेष रूप से जायजा लिया है. इस कार्य को निर्धारित समय पर सफलतापूर्वक खत्म करवाने के लिए उन्होंने मुद्रणालय और निर्वाचन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रशंसा भी की है. वहीं, सी. पालरासू ने कहा कि मत पत्र और चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूचियों का वितरण संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों को कर दिया गया है.

हिमाचल में पहली बार दृष्टिबाधित मतदाता भी बिना किसी की सहायता से वोट कर सकेंगे. इसके लिए ब्रेल साइनेज फीचर की सहायता उपलब्ध करवाई गई है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि उपचुनाव में 3047 दृष्टिबाधित मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. दृष्टिबाधित मतदाताओं को मतदान के दौरान सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं.

उपचुनावों में मंडी लोकसभा क्षेत्र में 2718 दृष्टिबाधित मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. जिनमें भरमौर क्षेत्र में 88, लाहौल- स्पीति में 78, मनाली में 74, कुल्लू में 140, बंजार में 128, आनी में 183, करसोग में 287, सुंदर नगर में 84, नाचन में 157, सिराज में 313, द्रंग में 80, जोगिंदर नगर में 127, मंडी में 194, बल्ह में 199, सरकाघाट में 160, रामपुर में 286 और किन्नौर निर्वाचन क्षेत्र में 140 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

तीन विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के लिए 329 दृष्टिबाधित मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे. जिनमें अर्की विधानसभा क्षेत्र में 125, जुब्बल-कोटखाई निर्वाचन क्षेत्र में 129 और फतेहपुर निर्वाचन क्षेत्र में 75 दृष्टिबाधित मतदाता हैं. इन मतदाताओं की सुविधा के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ ब्रेल साइनेज फीचर को जोड़ा है.

पहले एक पोलिंग स्टेशन पर 1500 के करीब मतदाता मतदान कर सकते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने निर्णय लिया है कि अब अधिकतम एक हजार मतदाता ही एक पोलिंग स्टेशन पर मतदान कर सकेंगे. जिसके बाद मंडी संसदीय क्षेत्र में जहां पहले 2113 पोलिंग स्टेशन होते थे, लेकिन अब 249 अतिरिक्त पोलिंग स्टेशनों की व्यवस्था की जाएगी. जिनमें से कुल 118 मतदान केंद्र शहरी क्षेत्र में और 31 मतदान केंद्र शहरी सहायक क्षेत्रों में होगे. इसके अलावा 1995 मतदान केंद्रों की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में की जाएगी.

फतेहपुर में पहले जहां 111 पोलिंग स्टेशन थे अब वहां 30 अतिरिक्त पोलिंग स्टेशनों की व्यवस्था की जाएगी. अर्की विधानसभा क्षेत्र में पहले जहां 132 पोलिंग स्टेशन की व्यवस्था होती थी वहां अब 22 अतिरिक्त पोलिंग स्टेशनों की व्यवस्था की जाएगी. शिमला जिला के जुब्बल-कोटखाई में पहले 128 पोलिंग स्टेशन होते थे लेकिन अब 8 अतिरिक्त पोलिंग स्टेशनों की व्यवस्था की जाएगी.

इस बार उपचुनावों में 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों को वेबकास्टिंग के माध्यम से जोड़ा जा रहा है. यह पहली बार है जब इतने बड़े स्तर पर मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी. उप-निर्वाचन के लिए स्थापित कुल 2796 मतदान केंद्रों में से 1383 मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग सुविधा उपलब्ध रहेगी. भारत निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने और मतदाताओं में विश्वास बहाली के लिए सभी अतिसंवेदनशील अथवा संवेदनशील, कुल मतदान केंद्रों के 50 प्रतिशत जिनमें पूरक मतदान केंद्र भी शामिल हैं, इनमें से जो भी अधिक हो, उतने मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

मंडी संसदीय क्षेत्र के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में स्थापित 2365 मतदान केंद्रों में से 1168 मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा फतेहपुर, अर्की व जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्रों के उप-निर्वाचन के लिए स्थापित कुल 431 मतदान केंद्रों में स्थित 215 केंद्रों को वेबकास्टिंग से जोड़ा गया है. वेब-कास्टिंग के दौरान मतदान की गोपनीयता का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा.

ये भी पढ़ें: शहीदों के कफन-ताबूत में घोटाला करने वाली BJP सरकार बहा रही घड़ियाली आंसू- दीपक शर्मा

Last Updated : Jan 4, 2022, 3:15 PM IST
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