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हिमाचल की जेब भर रहा सेब, 1.15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उग रहा लाल रसीला फल

देश की एप्पल स्टेट हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन क्षेत्र (Apple production in Himachal Pradesh) निरंतर बढ़ रहा है. वर्ष 2018-19 में हिमाचल में 113151 हेक्टेयर क्षेत्र सेब उत्पादन के तहत दर्ज किया गया था. अब यह बढ़कर 1.15 लाख हेक्टेयर हो गया है.

Apple production in Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन
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Published : May 10, 2022, 8:35 PM IST

शिमला: देश की एप्पल स्टेट हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन क्षेत्र निरंतर बढ़ रहा है. वर्ष 2018-19 में हिमाचल में 113151 हेक्टेयर क्षेत्र सेब उत्पादन के तहत दर्ज किया गया था. अब यह बढ़कर 1.15 लाख हेक्टेयर हो गया है. हिमाचल प्रदेश में (Apple production in Himachal Pradesh ) पिछले सीजन में 6.11 लाख मीट्रिक टन सेब का उत्पादन हुआ था. यदि हिमाचल प्रदेश में तीन साल का रिकॉर्ड देखा जाए तो वर्ष 2018-19 में 3.68 लाख मीट्रिक टन सेब हुआ था. उस दौरान प्रदेश में 113151 हेक्टेयर क्षेत्र सेब उत्पादन के तहत था. वर्ष 2019-20 में हिमाचल में 114144 हेक्टेयर क्षेत्र में 7.15 लाख मीट्रिक टन सेब पैदा हुआ था. वर्ष 2020-21 में 114646 हेक्टेयर क्षेत्र में 4.81 लाख मीट्रिक टन सेब हुआ था. अब यह आंकड़ा 1.15 लाख हेक्टेयर हो गया है.

हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन के तहत सबसे अधिक क्षेत्र जिला शिमला में आता है. शिमला में 42 हजार हेक्टेयर में सेब पैदा होता है. अकेला शिमला जिला है जहां सेब उत्पादन डेढ़ से अढ़ाई लाख मीट्रिक टन होता है. हिमाचल प्रदेश में सेब को स्टोर करने के लिए सरकारी सेक्टर में चार सीए स्टोर हैं. वहीं, निजी सेक्टर में 28 सीए स्टोर हैं. सरकारी सेक्टर में सीए स्टोर में 2680 मीट्रिक टन सेब स्टोर किया जा सकता है. वहीं, प्राइवेट सेक्टर में यह क्षमता 81 हजार मीट्रिक टन से अधिक है. बड़ी बात है कि हिमाचल में 15 सीए स्टोर नॉन हिमाचली कारोबारियों के हैं. सबसे बड़ा सीए स्टोर अदानी एग्रीफ्रेश का है. हिमाचल में अडानी एग्री फ्रेश 15 साल से सेब की खरीद कर रहा है. हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला में अडानी ग्रुप के तीन सीए (कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर) स्टोर हैं. देश के एप्पल स्टेट हिमाचल में सालाना 2 से 3 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होता है. सेब का सालाना कारोबार 3500 करोड़ रुपए का है. कुल उत्पादन में से अडानी समूह सालाना 15 से 18 लाख पेटी सेब खरीदता है.

Apple production in Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन क्षेत्र

अडानी एग्री फ्रेश सेब की (Apple State Himachal Pradesh) परंपरागत वैरायटी रॉयल को ही खरीदता है. ये अलग बात है कि हिमाचल में रॉयल के अलावा पचास से अधिक विदेशी किस्मों के सेब का उत्पादन किया जा रहा है. अडानी केवल (varieties of apples) रॉयल सेब खरीदता है. इसका कारण ये है कि (Apple production in Himachal Pradesh) रॉयल सेब की शैल्फ लाइफ अधिक है. यानी तोड़ने के बाद ये काफी समय तक खराब नहीं होता. हिमाचल में अडानी एग्री फ्रेश के ऊपरी शिमला में तीन सीए स्टोर हैं. ये सीए स्टोर मेंहदली, बिथल व सैंज में हैं. इन सभी की क्षमता 22 मीट्रिक टन है. ऐसे में अडानी कुल 22 मीट्रिक टन सेब ही खरीदता है. अडानी ग्रुप किलो के हिसाब से सेब खरीदता है, जो बागवानों के लिए ये फायदे का सौदा साबित हो रहा है. हिमाचल में वर्ष 2006 से अडानी ग्रुप लगातार सेब खरीद रहा है.

हिमाचल में सेब उत्पादन का इतिहास 100 साल से भी अधिक का हो गया है. छोटे पहाड़ी प्रदेश को सेब उत्पादन ने समृद्धि भी दी है. सेब उत्पादन के आकर्षण में वीवीआईपी भी शामिल हैं. हिमाचल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से लेकर कई मंत्रियों, नेताओं, अफसरों और बड़े डॉक्टर्स के नाम सेब बागीचे हैं. यहां के वीवीआईपी सेब बागवानों में पूर्व सीएम व कांग्रेस के दिग्गज राजनेता रहे स्व. वीरभद्र सिंह का नाम भी शामिल है. पूर्व मंत्री विद्या स्टोक्स के परिवार का नाम तो सेब उत्पादन के साथ सुनहरे अक्षरों में है.

Apple production in Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन

मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ठाकुर, पंडित सुखराम के बेटे अनिल शर्मा, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, ऊपरी शिमला के कद्दावर राजनेता स्व. नरेंद्र बरागटा, कांग्रेस नेता रोहित ठाकुर, विधायक नंदलाल, पूर्व विधायक स्व. राकेश वर्मा, विधायक बलवीर वर्मा, करसोग से कांग्रेस नेता मनसा राम व मस्त राम, माकपा नेता राकेश सिंघा, किन्नौर के विधायक जगत नेगी, पूर्व विधायक तेजवंत नेगी, भाजपा नेता सूरत नेगी, कुल्लू से भाजपा नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष खीमी राम शर्मा, पूर्व मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता स्व. राजकृष्ण गौड़, कांग्रेस विधायक सुंदर ठाकुर, भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी, शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान जैसे कई वीवीआईपी एप्पल प्रोडक्शन के साथ जुड़े हैं.

हिमाचल सरकार में बड़े आईएएस अफसर भी बागीचों के (Apple production in Himachal Pradesh) मालिक हैं. पूर्व मुख्य सचिव स्वर्गीय पी मित्रा, वीसी फारका, सचिव अनिल खाची, पूर्व आईएएस एसकेबीएस नेगी के पास भी बागीचे हैं. इसके अलावा आईएएस अफसर नरेंद्र चौहान, आईएएस जगदीश चंद्र शर्मा, सुदेश मोक्टा सहित कई बड़े अफसर सेब बागानों के मालिक हैं. हिमाचल के कई बड़े डॉक्टर्स भी सेब उत्पादन से जुड़े हैं. राज्य के माने हुए सर्जन आरएस झोबटा, आईजीएमसी अस्पताल के पूर्व एमएस और स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक डॉ. रमेश चंद, चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ. जीके वर्मा, आर्थो सर्जन लोकेंद्र रॉकी आदि कई नामी डॉक्टर्स बागवानी में भी कुशल हैं.

इसका कारण ये है कि हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन अपने सफर (Apple production in Himachal Pradesh) के सौ साल पूरे कर चुका है. हिमाचल में शिमला जिले में प्रदेश का अस्सी फीसदी सेब पैदा होता है. शिमला के अलावा मंडी, कुल्लू, चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, सिरमौर में सेब उगाया जाता है. प्रदेश में चार लाख बागवान परिवार हैं. सेब उत्पादन में शिमला जिले ने सबसे अधिक नाम कमाया है. यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि सेब उत्पादन से हुई कमाई टैक्स के दायरे में नहीं आती है. अस्सी के दशक में जब सेब बागवानी अपने चरम की तरफ जा रही थी तो कई वीवीआईपी ने इसमें हाथ आजमाया. ये बात अलग है कि कई राजनेताओं के पास पुश्तैनी जमीन और बागीचे हैं.

Apple production in Himachal Pradesh
हिमाचल में सेब की पैदावार

हिमाचल में इस समय सरकार सेब उत्पादन के अलावा अन्य फलों के उत्पादन को भी प्रोत्साहित कर रही है. बागवानी मंत्री महेंद्र ठाकुर का कहना है कि हिमाचल में सेब की नई किस्मों पर जोर दिया जा रहा है. हिमाचल में प्रति हेक्टेयर सेब उत्पादन का आंकड़ा बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं. हिमाचल में अभी अधिकतम प्रति हेक्टेयर 15 मीट्रिक टन सेब उत्पादन हो रहा है. जिसे बढ़ाकर 40 मीट्रिक टन तक किए जाने की जरूरत है. शिमला जिले के प्रगतिशील बागवान रामलाल चौहान का कहना है कि सरकारी स्तर पर अभी सेब उत्पादन को और बढ़ावा दिया जाने की जरूरत है उन्होंने कहा कि सेब उत्पादन हिमाचल की संपूर्ण अर्थव्यवस्था को क्रांतिकारी रूप से बदल सकता है.

ये भी पढ़ें: शिमला फल मंडी में चेरी के बाद बादाम और खुमानी की एंट्री, अच्छे दाम मिलने से बागवान खुश

शिमला: देश की एप्पल स्टेट हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन क्षेत्र निरंतर बढ़ रहा है. वर्ष 2018-19 में हिमाचल में 113151 हेक्टेयर क्षेत्र सेब उत्पादन के तहत दर्ज किया गया था. अब यह बढ़कर 1.15 लाख हेक्टेयर हो गया है. हिमाचल प्रदेश में (Apple production in Himachal Pradesh ) पिछले सीजन में 6.11 लाख मीट्रिक टन सेब का उत्पादन हुआ था. यदि हिमाचल प्रदेश में तीन साल का रिकॉर्ड देखा जाए तो वर्ष 2018-19 में 3.68 लाख मीट्रिक टन सेब हुआ था. उस दौरान प्रदेश में 113151 हेक्टेयर क्षेत्र सेब उत्पादन के तहत था. वर्ष 2019-20 में हिमाचल में 114144 हेक्टेयर क्षेत्र में 7.15 लाख मीट्रिक टन सेब पैदा हुआ था. वर्ष 2020-21 में 114646 हेक्टेयर क्षेत्र में 4.81 लाख मीट्रिक टन सेब हुआ था. अब यह आंकड़ा 1.15 लाख हेक्टेयर हो गया है.

हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन के तहत सबसे अधिक क्षेत्र जिला शिमला में आता है. शिमला में 42 हजार हेक्टेयर में सेब पैदा होता है. अकेला शिमला जिला है जहां सेब उत्पादन डेढ़ से अढ़ाई लाख मीट्रिक टन होता है. हिमाचल प्रदेश में सेब को स्टोर करने के लिए सरकारी सेक्टर में चार सीए स्टोर हैं. वहीं, निजी सेक्टर में 28 सीए स्टोर हैं. सरकारी सेक्टर में सीए स्टोर में 2680 मीट्रिक टन सेब स्टोर किया जा सकता है. वहीं, प्राइवेट सेक्टर में यह क्षमता 81 हजार मीट्रिक टन से अधिक है. बड़ी बात है कि हिमाचल में 15 सीए स्टोर नॉन हिमाचली कारोबारियों के हैं. सबसे बड़ा सीए स्टोर अदानी एग्रीफ्रेश का है. हिमाचल में अडानी एग्री फ्रेश 15 साल से सेब की खरीद कर रहा है. हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला में अडानी ग्रुप के तीन सीए (कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर) स्टोर हैं. देश के एप्पल स्टेट हिमाचल में सालाना 2 से 3 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होता है. सेब का सालाना कारोबार 3500 करोड़ रुपए का है. कुल उत्पादन में से अडानी समूह सालाना 15 से 18 लाख पेटी सेब खरीदता है.

Apple production in Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन क्षेत्र

अडानी एग्री फ्रेश सेब की (Apple State Himachal Pradesh) परंपरागत वैरायटी रॉयल को ही खरीदता है. ये अलग बात है कि हिमाचल में रॉयल के अलावा पचास से अधिक विदेशी किस्मों के सेब का उत्पादन किया जा रहा है. अडानी केवल (varieties of apples) रॉयल सेब खरीदता है. इसका कारण ये है कि (Apple production in Himachal Pradesh) रॉयल सेब की शैल्फ लाइफ अधिक है. यानी तोड़ने के बाद ये काफी समय तक खराब नहीं होता. हिमाचल में अडानी एग्री फ्रेश के ऊपरी शिमला में तीन सीए स्टोर हैं. ये सीए स्टोर मेंहदली, बिथल व सैंज में हैं. इन सभी की क्षमता 22 मीट्रिक टन है. ऐसे में अडानी कुल 22 मीट्रिक टन सेब ही खरीदता है. अडानी ग्रुप किलो के हिसाब से सेब खरीदता है, जो बागवानों के लिए ये फायदे का सौदा साबित हो रहा है. हिमाचल में वर्ष 2006 से अडानी ग्रुप लगातार सेब खरीद रहा है.

हिमाचल में सेब उत्पादन का इतिहास 100 साल से भी अधिक का हो गया है. छोटे पहाड़ी प्रदेश को सेब उत्पादन ने समृद्धि भी दी है. सेब उत्पादन के आकर्षण में वीवीआईपी भी शामिल हैं. हिमाचल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से लेकर कई मंत्रियों, नेताओं, अफसरों और बड़े डॉक्टर्स के नाम सेब बागीचे हैं. यहां के वीवीआईपी सेब बागवानों में पूर्व सीएम व कांग्रेस के दिग्गज राजनेता रहे स्व. वीरभद्र सिंह का नाम भी शामिल है. पूर्व मंत्री विद्या स्टोक्स के परिवार का नाम तो सेब उत्पादन के साथ सुनहरे अक्षरों में है.

Apple production in Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन

मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ठाकुर, पंडित सुखराम के बेटे अनिल शर्मा, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, ऊपरी शिमला के कद्दावर राजनेता स्व. नरेंद्र बरागटा, कांग्रेस नेता रोहित ठाकुर, विधायक नंदलाल, पूर्व विधायक स्व. राकेश वर्मा, विधायक बलवीर वर्मा, करसोग से कांग्रेस नेता मनसा राम व मस्त राम, माकपा नेता राकेश सिंघा, किन्नौर के विधायक जगत नेगी, पूर्व विधायक तेजवंत नेगी, भाजपा नेता सूरत नेगी, कुल्लू से भाजपा नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष खीमी राम शर्मा, पूर्व मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता स्व. राजकृष्ण गौड़, कांग्रेस विधायक सुंदर ठाकुर, भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी, शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान जैसे कई वीवीआईपी एप्पल प्रोडक्शन के साथ जुड़े हैं.

हिमाचल सरकार में बड़े आईएएस अफसर भी बागीचों के (Apple production in Himachal Pradesh) मालिक हैं. पूर्व मुख्य सचिव स्वर्गीय पी मित्रा, वीसी फारका, सचिव अनिल खाची, पूर्व आईएएस एसकेबीएस नेगी के पास भी बागीचे हैं. इसके अलावा आईएएस अफसर नरेंद्र चौहान, आईएएस जगदीश चंद्र शर्मा, सुदेश मोक्टा सहित कई बड़े अफसर सेब बागानों के मालिक हैं. हिमाचल के कई बड़े डॉक्टर्स भी सेब उत्पादन से जुड़े हैं. राज्य के माने हुए सर्जन आरएस झोबटा, आईजीएमसी अस्पताल के पूर्व एमएस और स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक डॉ. रमेश चंद, चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ. जीके वर्मा, आर्थो सर्जन लोकेंद्र रॉकी आदि कई नामी डॉक्टर्स बागवानी में भी कुशल हैं.

इसका कारण ये है कि हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन अपने सफर (Apple production in Himachal Pradesh) के सौ साल पूरे कर चुका है. हिमाचल में शिमला जिले में प्रदेश का अस्सी फीसदी सेब पैदा होता है. शिमला के अलावा मंडी, कुल्लू, चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, सिरमौर में सेब उगाया जाता है. प्रदेश में चार लाख बागवान परिवार हैं. सेब उत्पादन में शिमला जिले ने सबसे अधिक नाम कमाया है. यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि सेब उत्पादन से हुई कमाई टैक्स के दायरे में नहीं आती है. अस्सी के दशक में जब सेब बागवानी अपने चरम की तरफ जा रही थी तो कई वीवीआईपी ने इसमें हाथ आजमाया. ये बात अलग है कि कई राजनेताओं के पास पुश्तैनी जमीन और बागीचे हैं.

Apple production in Himachal Pradesh
हिमाचल में सेब की पैदावार

हिमाचल में इस समय सरकार सेब उत्पादन के अलावा अन्य फलों के उत्पादन को भी प्रोत्साहित कर रही है. बागवानी मंत्री महेंद्र ठाकुर का कहना है कि हिमाचल में सेब की नई किस्मों पर जोर दिया जा रहा है. हिमाचल में प्रति हेक्टेयर सेब उत्पादन का आंकड़ा बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं. हिमाचल में अभी अधिकतम प्रति हेक्टेयर 15 मीट्रिक टन सेब उत्पादन हो रहा है. जिसे बढ़ाकर 40 मीट्रिक टन तक किए जाने की जरूरत है. शिमला जिले के प्रगतिशील बागवान रामलाल चौहान का कहना है कि सरकारी स्तर पर अभी सेब उत्पादन को और बढ़ावा दिया जाने की जरूरत है उन्होंने कहा कि सेब उत्पादन हिमाचल की संपूर्ण अर्थव्यवस्था को क्रांतिकारी रूप से बदल सकता है.

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