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DYFI प्रदेश स्तरीय सदस्यता अभियान, युवाओं के लिए की जाएगी स्थाई रोजगार की मांग

डीवाईएफआई राज्य इकाई हिमाचल में युवाओं की मांगों को लेकर राज्य स्तरीय सदस्यता अभियान शुरू करने जा रहा है. यह अभियान 31 अगस्त से 30 सितंबर तक चलेगा. डीवाईएफआई राज्य कमेटी अध्यक्ष अनिल मनकोटिया ने इसकी जानकारी दी.

DYFI will start state level membership campaign in Himachal
डीवाईएफआई राज्य कमेटी अध्यक्ष अनिल मनकोटिया
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Published : Aug 29, 2020, 4:41 PM IST

शिमलाः हिमाचल के युवाओं के मुददों को उठाते हुए डीवाईएफआई राज्य इकाई ने फैसला लिया है कि प्रदेश में राज्य स्तरीय सदस्यता अभियान चलाया जाएगा. ये अभियान पूरे प्रदेश में 31 अगस्त से 30 सितंबर तक चलाया जाएगा. इसकी जानकारी डीवाईएफआई राज्य कमेटी अध्यक्ष अनिल मनकोटिया ने दी.

इस दौरान डीवाईएफआई राज्य कमेटी अध्यक्ष अनिल मनकोटिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में महामारी से पहले 14 लाख पढ़े लिखे बेरोजगार कार्यालय में पंजीकृत हैं. वहीं, महामारी के बाद 5 लाख लोगों का रोजगार खत्म हो चुका है और यह सारे लोग बेरोजगार होकर घरों में बैठने के लिए मजबूर हो चुके हैं. इस बेरोजगारी के चलते इनके लिए परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

मनकोटिया ने कहा कि यह वो आंकड़े हैं जो कहीं न कहीं पंजीकृत बेरोजगारों में आते हैं. इसके अलावा भी कोरोना महामारी के चलते निजी बसों में कार्यरत चालक परिचालक, टैक्सी ड्राइवर, टूरिस्ट गाइड, कोचिंग सेंटर, होटल मजदूर, घोड़ा चालक अन्य दूसरे असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले बहुत सारे लोग जो कहीं भी पंजीकृत नहीं हैं. उनका भी रोजगार खत्म हुआ है. उन्होने कहा कि पंजीकृत और गैर पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या को जोड़ा जाए तो ये आंकड़ा 25 लाख के पार चला जाता है.

अनिल मनकोटिया ने कहा कि बेरोजगार अपने परिवार की गुजर बसर को लेकर मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप आत्महत्या करने वाले बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा हर रोज बढ़ता जा रहा हैं.

उन्होंने कहा कि अभियान नौजवानों के मुद्दों को लेकर चलाया जाएगा. जिसमें बेरोजगार युवाओं के लिए स्थाई व पक्के रोजगार की मांग, सभी बेरोजगारों को रोजगार न मिलने तक 7500 रुपये मासिक बेरोजगारी भत्ते की मांग, शहरी रोजगार गारंटी योजना को सही तरीके से लागू करने की मांग की जाएगी.

साथ ही निजी क्षेत्र से निकाले गए सभी लोगों को दोबारा नौकरी पर रखने, हिमाचल में बस किराया वृद्धि को वापिस करने, बिजली पानी के दामों में कई गयी बढ़ोतरी को वापस करने, स्नातक और स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष के छात्रों को पिछली कक्षा के आधार पर पद्दोनत करने की मांगों को प्रथमिकता के आधार पर उठाया जाएगा.

राज्य कमेटी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इन तमाम मुद्दों को लेकर पूरे प्रदेश में 31 अगस्त से 30 सितंबर तक प्रदेश के युवाओं को लामबंद करते हुए सदस्यता अभियान का आगाज किया जाएगा. साथ ही 1 सितम्बर से बेरोजगार युवक युवतियों के लिए मुख्यमंत्री को नौकरी के लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन भेजे जाएंगे.

इसी कड़ी के तहत 20 सितम्बर को जिला व लोकल स्तर पर सभी बेरोजगार युवक युवतियों को लामबंद करते हुए जिला व लोकल स्तर पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे.

ये भी पढ़ेंः जेपी नड्डा और अनुराग ठाकुर से मिले KCC बैंक के अध्यक्ष डॉ. राजीव भारद्वाज

शिमलाः हिमाचल के युवाओं के मुददों को उठाते हुए डीवाईएफआई राज्य इकाई ने फैसला लिया है कि प्रदेश में राज्य स्तरीय सदस्यता अभियान चलाया जाएगा. ये अभियान पूरे प्रदेश में 31 अगस्त से 30 सितंबर तक चलाया जाएगा. इसकी जानकारी डीवाईएफआई राज्य कमेटी अध्यक्ष अनिल मनकोटिया ने दी.

इस दौरान डीवाईएफआई राज्य कमेटी अध्यक्ष अनिल मनकोटिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में महामारी से पहले 14 लाख पढ़े लिखे बेरोजगार कार्यालय में पंजीकृत हैं. वहीं, महामारी के बाद 5 लाख लोगों का रोजगार खत्म हो चुका है और यह सारे लोग बेरोजगार होकर घरों में बैठने के लिए मजबूर हो चुके हैं. इस बेरोजगारी के चलते इनके लिए परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

मनकोटिया ने कहा कि यह वो आंकड़े हैं जो कहीं न कहीं पंजीकृत बेरोजगारों में आते हैं. इसके अलावा भी कोरोना महामारी के चलते निजी बसों में कार्यरत चालक परिचालक, टैक्सी ड्राइवर, टूरिस्ट गाइड, कोचिंग सेंटर, होटल मजदूर, घोड़ा चालक अन्य दूसरे असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले बहुत सारे लोग जो कहीं भी पंजीकृत नहीं हैं. उनका भी रोजगार खत्म हुआ है. उन्होने कहा कि पंजीकृत और गैर पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या को जोड़ा जाए तो ये आंकड़ा 25 लाख के पार चला जाता है.

अनिल मनकोटिया ने कहा कि बेरोजगार अपने परिवार की गुजर बसर को लेकर मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप आत्महत्या करने वाले बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा हर रोज बढ़ता जा रहा हैं.

उन्होंने कहा कि अभियान नौजवानों के मुद्दों को लेकर चलाया जाएगा. जिसमें बेरोजगार युवाओं के लिए स्थाई व पक्के रोजगार की मांग, सभी बेरोजगारों को रोजगार न मिलने तक 7500 रुपये मासिक बेरोजगारी भत्ते की मांग, शहरी रोजगार गारंटी योजना को सही तरीके से लागू करने की मांग की जाएगी.

साथ ही निजी क्षेत्र से निकाले गए सभी लोगों को दोबारा नौकरी पर रखने, हिमाचल में बस किराया वृद्धि को वापिस करने, बिजली पानी के दामों में कई गयी बढ़ोतरी को वापस करने, स्नातक और स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष के छात्रों को पिछली कक्षा के आधार पर पद्दोनत करने की मांगों को प्रथमिकता के आधार पर उठाया जाएगा.

राज्य कमेटी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इन तमाम मुद्दों को लेकर पूरे प्रदेश में 31 अगस्त से 30 सितंबर तक प्रदेश के युवाओं को लामबंद करते हुए सदस्यता अभियान का आगाज किया जाएगा. साथ ही 1 सितम्बर से बेरोजगार युवक युवतियों के लिए मुख्यमंत्री को नौकरी के लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन भेजे जाएंगे.

इसी कड़ी के तहत 20 सितम्बर को जिला व लोकल स्तर पर सभी बेरोजगार युवक युवतियों को लामबंद करते हुए जिला व लोकल स्तर पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे.

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