ETV Bharat / city

जाखू मंदिर में निभाई गई रावण दहन की रस्म, लोगों को शामिल होने की नहीं थी अनुमति

ऐतिहासिक जाखू मंदिर के परिसर में केवल मात्र औपचारिकता के लिए रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले जलाए गए. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के स्थान पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने पुतला दहन की परंपरा को निभाया.

Dussehra celebrated in Jakhu temple of Shimla
जाखू मंदिर
author img

By

Published : Oct 25, 2020, 7:24 PM IST

शिमला: कोरोना संक्रमण का प्रभाव इस बार दशहरा पर्व पर भी देखा गया. ऐतिहासिक जाखू मंदिर के परिसर में केवल मात्र औपचारिकता के लिए रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले जलाए गए. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के स्थान पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने पुतला दहन की परंपरा को निभाया.

जाखू मंदिर परिसर में जहां हर बार कई फीट ऊंचा रावण का पुतला जलाया जाता था और सैकड़ों लोग इस मौके पर मौजूद होते थे. वहीं, इस बार सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी गई.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि हर बार जाखू में कई फीट ऊंचे पुतलों का निर्माण किया जाता था. जिनके लिए महीनों का समय लगता था, लेकिन इस बार केवल रस्म अदायगी के लिए पुतले खड़े किए गए थे.

रिमोट के स्थान पर मशाल से पुतलों को आग लगाई गई. कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया गया. इस मौके पर केवल कुछ ही लोगों को मौजूद रहने की अनुमति दी गई थी.

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए बताया कि बीते वर्षों के मुकाबले इस वर्ष कोरोना महामारी के मद्देनजर सादगी से दशहरे का आयोजन हनुमान मंदिर जाखू में किया गया. कोरोना महामारी के मद्देनजर भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी एसओपी का पालन किया गया.

उन्होंने बताया कि यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत, असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें धर्म और सत्य के मार्ग को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है, क्योंकि अंत में सच्चाई की ही विजय होती है.

ये भी पढे़ंः कुल्लू दशहरा: ढालपुर में निकली भगवान रघुनाथ की रथयात्रा, 8 देवी देवताओं ने लिया भाग

शिमला: कोरोना संक्रमण का प्रभाव इस बार दशहरा पर्व पर भी देखा गया. ऐतिहासिक जाखू मंदिर के परिसर में केवल मात्र औपचारिकता के लिए रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले जलाए गए. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के स्थान पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने पुतला दहन की परंपरा को निभाया.

जाखू मंदिर परिसर में जहां हर बार कई फीट ऊंचा रावण का पुतला जलाया जाता था और सैकड़ों लोग इस मौके पर मौजूद होते थे. वहीं, इस बार सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी गई.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि हर बार जाखू में कई फीट ऊंचे पुतलों का निर्माण किया जाता था. जिनके लिए महीनों का समय लगता था, लेकिन इस बार केवल रस्म अदायगी के लिए पुतले खड़े किए गए थे.

रिमोट के स्थान पर मशाल से पुतलों को आग लगाई गई. कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया गया. इस मौके पर केवल कुछ ही लोगों को मौजूद रहने की अनुमति दी गई थी.

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए बताया कि बीते वर्षों के मुकाबले इस वर्ष कोरोना महामारी के मद्देनजर सादगी से दशहरे का आयोजन हनुमान मंदिर जाखू में किया गया. कोरोना महामारी के मद्देनजर भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी एसओपी का पालन किया गया.

उन्होंने बताया कि यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत, असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें धर्म और सत्य के मार्ग को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है, क्योंकि अंत में सच्चाई की ही विजय होती है.

ये भी पढे़ंः कुल्लू दशहरा: ढालपुर में निकली भगवान रघुनाथ की रथयात्रा, 8 देवी देवताओं ने लिया भाग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.