शिमला: बागवानी विभाग अब विदेशों की तर्ज पर सेब के बगीचों में ड्रोन स्प्रे का ट्रायल कर रहा है. ट्रायल में कुछ खामियां सामने आई हैं, जिसे विभाग दूर करने का प्रयास कर रहा है. विभाग अलग-अलग क्षेत्रों में एक साल तक ट्राइल करेगा.
ट्रायल सफल होने के बाद बागवानों को दवाइयों के छिड़काव के लिए ये ड्रोन मुहैया करवाए जाएंगे. बता दें कि स्प्रे के लिए ड्रोन का प्रयोग समय और दवाइयों की बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी कारगार साबित होगा. प्रदेश में सेब उत्पादन लागत विदेशों की तुलना में चार गुना ज्यादा है. इस लागत को कम करने के लिए उद्यान विभाग नए प्रयोग कर रहा है.
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उद्यान विभाग ने विश्व पोषित परियोजना के तहत एक कंसलटेंट कंपनी को सेब के बागीचों में स्प्रे के लिए विदेशी तकनीक अपनाने को कहा है. बता दें कि प्रदेश की आर्थिकी में सेब का बड़ा योगदान है. ज्यादातर शिमला, कुल्लू, किन्नौर के लोगों की आर्थिक स्थिति सेब पर ही निर्भर रहते है. इन क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक का कम प्रयोग होने से सेब पर लागत काफी ज्यादा आती है.