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जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ली, सरकार से मिला ये आश्वासन

हिमाचल प्रदेश में जिला परिषद कैडर के 3,800 कर्मचारियों और अधिकारियों (district council employees officers and federation) ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है. दरअसल सरकार की तरफ से कर्मचारियों को विभाग के तहत करने के लिए एक कमेटी का गठन का आश्वासन दिया गया है, जिसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ली है.

district council employees officers and federation end strike
जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ली
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Published : Jul 8, 2022, 10:23 PM IST

शिमला: जिला परिषद कैडर के 3,800 कर्मचारियों और अधिकारियों ने हड़ताल वापस ले ली है. सरकार से आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली है. सरकार ने पंचायती राज विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर इन अधिकारियों और कर्मचारियों के लंबित मसले सुलझाने का भरोसा दिलाया है. ये कर्मचारी और अधिकारी जिला परिषद के कैडर को पंचायती राज विभाग के कर्मचारी का दर्जा देने की मांग रहे थे. इसके अलावा संशोधित वेतनमान और समय पर वेतन जारी करने का मामला भी प्रमुखता से उठा रहे थे.

जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों (district council employees officers and federation) को विभाग के तहत करने के लिए एक कमेटी का गठन का आश्वासन सरकार की तरफ से दिया गया है. इसमें पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग के आला अधिकारियों को शामिल किया जाएगा. यह कमेटी उन राज्यों का अध्ययन करेगी जिनमें जिला परिषद कर्मचारियों को ग्रामीण विकास विभाग के तहत लाया गया है. इस रिपोर्ट के बाद प्रदेश सरकार भी उसी तर्ज पर इन कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने पर विचार करेगी.

इससे पहले पिछले करीब 10 दिनों से हड़ताल पर बैठे जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की मांगों पर बोलते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर (Rural Development and Panchayati Raj Minister Virender Kanwar) ने कहा था कि इन कर्मचारियों की मांगों को प्रदेश सरकार सहानुभूति से हल करने पर विश्वास रखती है. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जहां तक ज़िला परिषद कैडर के कर्मचारियों की नए वेतन आयोग और सैलरी से संबंधित अन्य मांगें हैं. उन पर प्रदेश सरकार जल्द ही निर्णय कर लेगी.

इसके अलावा अन्य छोटी मांगों पर भी सरकार के निर्णय लेगी, लेकिन जहां तक जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने के बाद है इस पर सरकार ने एक कमेटी के गठन का फैसला लिया है. इस कमेटी में कुल 5 सदस्य शामिल किए जाएंगे. जिनमें ग्रामीणों विकास और पंचायती राज सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे. यह कमेटी उन राज्यों में पॉलिसी का अध्ययन करेगी. जिनमें जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को विभागों में मर्ज किया गया है.

इसके बाद प्रदेश सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर ही हिमाचल प्रदेश में भी कोई निर्णय ले पाने में समर्थ होगी. 4800 जिला परिषद कर्मचारी करीब 10 दिन से हड़ताल पर डटे थे. इनकी पेन डाउन स्ट्राइक की वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा. पंचायत दफ्तर में ग्रामीणों के कोई भी काम नहीं हो पा रहे थे.

हड़ताल के कारण जिला परिषद अधिकारियों व कर्मचारियों की हड़ताल से सभी विकास कार्य ठप्प हो गए थे. ग्रामीणों को जन्म, मृत्यु व BPL प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहे थे. प्रमाण पत्र नहीं मिलने से युवा युवा विभिन्न पदों के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे थे. शादी और नए जन्मे बच्चों का पंजीकरण भी नहीं हो पा रहा थे.

क्या है जिला परिषद कर्मचारियों की मांग: जिला परिषद कर्मियों की एक ही मांग है. वे पंचायती राज या ग्रामीण विकास विभाग में मर्ज चाहते हैं, क्योंकि अभी जिला परिषद कैडर में होने की वजह से इन्हें सरकारी विभागों के कर्मचारियों के समान विभिन्न वित्तीय लाभ नहीं मिल पा रहे हैं. ज्यादातर कर्मचारी बीते 22 सालों से तकनीकी सहायक, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, पंचायत सचिव पद पर सेवाएं दे रहे हैं.

शिमला: जिला परिषद कैडर के 3,800 कर्मचारियों और अधिकारियों ने हड़ताल वापस ले ली है. सरकार से आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली है. सरकार ने पंचायती राज विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर इन अधिकारियों और कर्मचारियों के लंबित मसले सुलझाने का भरोसा दिलाया है. ये कर्मचारी और अधिकारी जिला परिषद के कैडर को पंचायती राज विभाग के कर्मचारी का दर्जा देने की मांग रहे थे. इसके अलावा संशोधित वेतनमान और समय पर वेतन जारी करने का मामला भी प्रमुखता से उठा रहे थे.

जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों (district council employees officers and federation) को विभाग के तहत करने के लिए एक कमेटी का गठन का आश्वासन सरकार की तरफ से दिया गया है. इसमें पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग के आला अधिकारियों को शामिल किया जाएगा. यह कमेटी उन राज्यों का अध्ययन करेगी जिनमें जिला परिषद कर्मचारियों को ग्रामीण विकास विभाग के तहत लाया गया है. इस रिपोर्ट के बाद प्रदेश सरकार भी उसी तर्ज पर इन कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने पर विचार करेगी.

इससे पहले पिछले करीब 10 दिनों से हड़ताल पर बैठे जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की मांगों पर बोलते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर (Rural Development and Panchayati Raj Minister Virender Kanwar) ने कहा था कि इन कर्मचारियों की मांगों को प्रदेश सरकार सहानुभूति से हल करने पर विश्वास रखती है. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जहां तक ज़िला परिषद कैडर के कर्मचारियों की नए वेतन आयोग और सैलरी से संबंधित अन्य मांगें हैं. उन पर प्रदेश सरकार जल्द ही निर्णय कर लेगी.

इसके अलावा अन्य छोटी मांगों पर भी सरकार के निर्णय लेगी, लेकिन जहां तक जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने के बाद है इस पर सरकार ने एक कमेटी के गठन का फैसला लिया है. इस कमेटी में कुल 5 सदस्य शामिल किए जाएंगे. जिनमें ग्रामीणों विकास और पंचायती राज सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे. यह कमेटी उन राज्यों में पॉलिसी का अध्ययन करेगी. जिनमें जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को विभागों में मर्ज किया गया है.

इसके बाद प्रदेश सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर ही हिमाचल प्रदेश में भी कोई निर्णय ले पाने में समर्थ होगी. 4800 जिला परिषद कर्मचारी करीब 10 दिन से हड़ताल पर डटे थे. इनकी पेन डाउन स्ट्राइक की वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा. पंचायत दफ्तर में ग्रामीणों के कोई भी काम नहीं हो पा रहे थे.

हड़ताल के कारण जिला परिषद अधिकारियों व कर्मचारियों की हड़ताल से सभी विकास कार्य ठप्प हो गए थे. ग्रामीणों को जन्म, मृत्यु व BPL प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहे थे. प्रमाण पत्र नहीं मिलने से युवा युवा विभिन्न पदों के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे थे. शादी और नए जन्मे बच्चों का पंजीकरण भी नहीं हो पा रहा थे.

क्या है जिला परिषद कर्मचारियों की मांग: जिला परिषद कर्मियों की एक ही मांग है. वे पंचायती राज या ग्रामीण विकास विभाग में मर्ज चाहते हैं, क्योंकि अभी जिला परिषद कैडर में होने की वजह से इन्हें सरकारी विभागों के कर्मचारियों के समान विभिन्न वित्तीय लाभ नहीं मिल पा रहे हैं. ज्यादातर कर्मचारी बीते 22 सालों से तकनीकी सहायक, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, पंचायत सचिव पद पर सेवाएं दे रहे हैं.

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