रामपुर: 210 मेगावाट की निर्माणाधीन लुहरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के मजदूरों ने परियोजना मुख्यालय बिथल में मंगलवार को सीटू के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया. मजदूरों का आरोप था कि उन्हें समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है और ना ही परियोजना निर्माण स्थल पर श्रम कानूनों के तहत दी जाने वाली सुविधाएं दी जा रही हैं.
हाइड्रो प्रोजेक्ट में काम करने वाले मजदूरों को कहना है कि शिमला जिले के नीरथ और कुल्लू क्षेत्र में इन दिनों परियोजना बांध स्थल का निर्माण कार्य जोरों पर है. परियोजना निरमंड स्थल में पानी, टॉयलेट और स्वास्थ्य सेवाएं मजदूरों को नहीं दी जा रही है. इस दौरान उन्होंने परियोजना निर्माण स्थल नीरथ में करोड़ों रुपये की रेत और पत्थर परियोजना निर्माताओं की सांठगांठ से बेचने का आरोप लगाया है.
प्रदर्शन कर रहे मजूदरों का कहना है कि स्थानीय और गरीब लोगों को रेत नहीं दी जाती, लेकिन कुछ ठेकेदार और परियोजना निर्माता मिल कर करोड़ों का रेत और पत्थर बेच रहे है. उन्होंने इसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. उनका कहना था कि परियोजना निर्माण के आरंभ में ही भ्रष्टाचार पनपने लगा है तो आने वाले समय में परियोजना निर्माण में भारी धांधली हो सकती है और जिसका खामियाजा देश की संपत्ति को नुकसान के रूप में होगा.
सीटू नेता रंजीत ठाकुर ने बताया कि लुहरी प्रोजेक्ट में जो मजदूर काम कर रहे हैं. उनमें कई मजदूरों को अप्रैल से वेतन नहीं मिला है. परियोजना प्रबंधन ने भी माना है कि पूर्व में गलतियां हुई हैं. वार्ता के बाद उन्होंने मजदूरों की समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया है. परियोजना निर्माण स्थल में रेत और पत्थर अवैध रूप से बिक्री का मामला भी सामने आया है. इसमें भविष्य में भ्रष्टाचार बढ़ सकता, इसलिए सरकार इस पर ध्यान दें.
परियोजना प्रमुख आरएल नेगी ने भी माना है कि मजूदरों के वेतन संबंधी मामला जायज है. जिसे जल्द से जल्द हल किया जाएगा. उन्होंने परियोजना निर्माण में लगी कंपनियों को चेतवनी दी है कि भविष्य में मजदूरों की जायज समस्याओं को तुरंत हल करें. रेत बिक्री वाले मामले को भी गंभीर बताते हुए कार्रवाई की बात
कही है.
लुहरी परियोजना मजदूर यूनियन के प्रधान कपिल ने बताया कि परियोजना मुख्यालय के सामने मजदूरों को वेतन, कार्य स्थल पर पानी और अन्य मूल भूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. सीटू संगठन से जुड़े मजदूरों ने श्रम कानून के लागू नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.