शिमला: प्रदेश में करीब 1 लाख 5 हजार छात्र छात्रवृत्ति के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर आवेदन नहीं कर पाए हैं. ऐसे में इन छात्रों की छात्रवृत्ति पर खतरा मंडरा रहा है. छात्र स्कॉलरशिप लेने से वंचित न हो इस लिए प्रदेश शिक्षक संघ ने पोर्टल को दोबारा खोलने की मांग की है.
हिमाचल राज्य अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा है कि 15 अक्टूबर तक इस पोर्टल पर छात्रवृत्ति ऑनलाइन दर्ज की जा रही थी लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है. इस वजह से हिमाचल के हजारों छात्र नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर अपना पंजीकरण नहीं कर पाए हैं.
प्रदेश में ढेड़ लाख के करीब छात्र इस छात्रवृत्ति को प्राप्त करते हैं जिनमें से अभी तक 45 हजार ही अपना नामांकन पोर्टल पर दर्ज करवा पाए हैं, जबकि अन्य 1 लाख 5 हजार छात्र इस पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हो पाए हैं. ऐसे में इन छात्रों की छात्रवृत्ति पर संकट मंडरा रहा है और अगर छात्रों का पंजीकरण पोर्टल पर नहीं होता है तो उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिल पाएगी.
आंकड़ों की मानें तो प्रदेश में 18 हजार के करीब संस्थान है जिसमें से अभी तक मात्र 8 हजार संस्थान और स्कूल ही पोर्टल पर लिस्टेड हो सके हैं. लगभग 10 हजार के करीब संस्थान अभी भी ऐसे हैं जो नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर लिस्ट नहीं हो पाए हैं. ऐसे में इन संस्थानों के छात्रों की छात्रवृत्ति पर संकट है।
संघ इस मामले को लेकर नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल दिल्ली के कार्यालय में भी अपनी मांग को रखा है और आपत्ति दर्ज करवाई है. इसके साथ ही संघ ने शिक्षा मंत्री और प्रधान सचिव शिक्षा के समक्ष यह मांग उठाई है कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए इस मामले में एनआईसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से बात की जाए और नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल को 30 नवंबर तक दोबारा से खुलवाया जाए जिससे कि प्रदेश के जो छात्र अभी तक पोर्टल पर आवेदन नहीं कर पाए हैं वह इस प्रक्रिया को पूरा कर अपनी छात्रवृत्ति प्राप्त कर सकें.