किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर प्रदेश के सबसे दुर्गम क्षेत्रों में से एक हैं. जहां की भौगोलिक परिस्थितियां सबसे अलग हैं और खासकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती हैं. जिसके कारण जिला के लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं.
वहीं, डीसी किन्नौर हेमराज बैरवा ने स्वास्थ्य विभाग से जिला के सभी दुर्गम क्षेत्रों के चिकित्सालयों में तैनात कर्मियों व डॉक्टरों के बारे में जानकारियां मांगी हैं, ताकि जिला के दुर्गम क्षेत्रों को डॉक्टर, दवाईयां व दूसरी सेवाएं मिल सके.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में किन्नौर को स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव न रहे, इसलिए अब जिला के सभी दुर्घम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सम्बंधित चीजों को पूरा करने की कोशिश रहेगी. डीसी किन्नौर हेमराज बैरवा ने कहा कि उनका जिला किन्नौर में पहली बार प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर उनकी तैनाती हुई है और अब वे जिला के भौगोलिक परिस्थितियों से धीरे- धीरे परिचित हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जिला के दुर्गम क्षेत्रों में सबसे अत्यधिक जरूरतमंद चीज स्वास्थ्य सेवाएं हैं, क्योंकि किन्नौर में एक मात्र क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ में है. जहां तक दूर दराज के क्षेत्र के लोगों को अपने स्वास्थ्य से सम्बंधित जांच के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर रिकांगपिओ या शिमला की ओर जाना पड़ता है.
ऐसे में अब उन्होंने किन्नौर के दूरदराज क्षेत्रों के चिकित्सालयों में भी अच्छी दवाईयां, डॉक्टरों की तैनाती, स्वास्थ्य केंद्रों में सफाई कर्मी व दूसरी सुविधाएं देने के लिए तैयारियां की जा रही हैं और जल्द ही सरकार से विचार कर किन्नौर के दुर्घम क्षेत्रों को स्वास्थ्य संबधित सेवाओं समेत उन्हें डॉक्टरों की जरूरत भी पूरा करने की कोशिश की जाएगी.
डीसी ने कहा कि कोरोना वायरस को देखते हुए जिला में जिन क्षेत्रों में सड़क की सुविधा ठीक नहीं है, उन्हें दरुस्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि जिला किन्नौर के दुर्घम क्षेत्र के लोगों को अपने इलाज के लिए किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े.