शिमला: राजधानी शिमला के कच्ची घाटी में गुरुवार को जमींदोज हुई बहुमंजिला इमारत के बाद आप-पास के अन्य भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है. इसके साथ लगते दो भवनों और एक होटल के गिरने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में कुछ परिवारों को जिला प्रशासन ने वहां से शिफ्ट किया गया है. जिला प्रशासन ने बीती रात ही संकट मोचन मंदिर लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस और कुछ परिवारों को होटल में शिफ्ट करवा दिया है.
शिमला डीसी आदित्य नेगी ने जानकारी देते हुए कहा कि बिल्डिंग के गिरने से बगल के दोनों भवनों की नींव भी हिल गई है. ऐसे में बारिश के दौरान इनके गिरने का खतरा भी बढ़ गया है. जिला प्रशासन इन भवनों की जांच करवाएगा कि यहां की जमीन कितनी पक्की है.
आदित्य नेगी ने कहा कि कच्ची घाटी में भवन गिरने से सात परिवार प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा एक अन्य भवन भी इसकी चपेट में आया है. इन परिवारों को फौरी राहत के दौर पर 10-10 हजार रुपए की आर्थिक सहायत दी गई है. नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इन भवनों के नीचे जमीन खिसक रही है.
आपको बता दें कि शिमला के कच्ची घाटी में हुए हादसे के बाद प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज घटना स्थल पर पहुंच कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी. साथ ही, उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को पीड़ित परिवारों को राहत प्रदान करने के साथ ही नगर निगम को भवन के गिरने के कारणों का पता लगाने के आदेश दिए थे.