शिमला/कुल्लू/लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी और लगातार हो रही बारिश से समूचा प्रदेश शीतलहर की चपेट में आ गया है. वहीं, बर्फबारी के कारण किन्नौर में तीन पर्यटकों की ठंड लगने से मौत हो गई है. यह पर्यटक गोवा और मुंबई के बताए जा रहे हैं. मृतकों की पहचान दीपक नारायण (58), राजेंद्र पाठक (65) और अशोक मधुकर (64) के रूप में हुई है. बता दें कि बर्फबारी से तापमान में छह से सात डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है. लाहौल-स्पीति, किन्नौर सहित कुल्लू, शिमला और चंबा जिलों के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी से मनाली-लेह मार्ग, ग्रांफु-काजा-समदो मार्ग 67 मार्ग यातायात की आवाजाही के लिए बंद हो गए हैं.
अकेले लाहौल स्पीति में सबसे ज्यादा 56, कुल्लू में 1, और चंबा में 7 मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है. राज्य के अधिकांश हिस्सों में तेज हवाओं और अंधड़ ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. शिमला और सिरमौर की ऊंची चोटियों पर इस साल पहली बार बर्फबारी हुई है. मौसम विभाग के अनुसार गोंदला में 18, हंसा में 10 और केलंग में तीन सेंटीमीटर ताजा बर्फबारी दर्ज की गई है. डल्हौजी में 77 मिमी और ओलिंडा में 60 मिमी बारिश रिकार्ड की गई. चंबा के खेरी में 57, ऊना में 53, बंगाणा में 50, नगरोटा सूरियां में 41, सलूणी में 36, धर्मशाला में 16, कसौली में 14, नादौन में 11 और भरमौर में 10 मिमी बारिश हुई है.
लाहौल स्पीति में जमकर बर्फबारी हुई है जिस कारण घाटी में मनाली और केलांग के बीच वाहनों की आवाजाही रूक गई है और घाटी में प्रशासन ने पर्यटक वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. रोहतांग दर्रा में 3 फुट से अधिक बर्फ की मोटी परत जम चुकी है, जबकि अटल टनल रोहतांग के दोनों छोर में भी आधा फुट के करीब बर्फ की परत जमी है. लिहाजा लाहौल स्पीति प्रशासन ने घाटी में पर्यटक वाहनों की आवाजाही पर एहतियातन तौर पर रोक लगा दी है. वहीं, उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने सैलानियों व स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक तौर पर पहाड़ का रूख न करें जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाते.
फिलहाल घाटी के सिस्सू में 3 से 4 इंच, तांदी में 2 इंच, जिला मुख्यालय केलांग में एक से दो इंच ताजा बर्फबारी हो चुकी है, जबकि उदयपुर क्षेत्र में भी बर्फबारी का दौर लगातार जारी है. इसके अलावा मनाली लेह मार्ग में केलांग से आगे वाहनों की आवाजाही बंद हो चुकी है, क्योंकि घाटी की सड़कें बर्फबारी के कारण फिसलन भरी हो गई हैं. मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों के भीतर प्रदेश में बारिश-बर्फबारी की आशंका जताई है. वहीं, मौसम विभाग ने 28 अक्टूबर तक मौसम के साफ रहने का पूर्वानुमान जारी किया है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मानसून से हुए 1161 करोड़ रुपये के नुकसान की रिपोर्ट सरकार ने केंद्र को भेज दी है. 13 जून से 8 अक्टूबर तक प्रदेश में मानसून के दौरान प्रदेश में चल अचल संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है. मानसून के दौरान प्राकृतिक हादसों में 481 लोगों की मौतें हुई हैं, जबकि 627 लोग जख्मी भी हुए हैं. 13 लोग अभी तक लापता बताए जा रहे हैं. बरसात के चलते प्रदेश में 794 पशुधन को भी नुकसान पहुंचा है. इस बीच 1104 घरों को भी आंशिक और पूरी तरह से नुकसान पहुंचा है. भारी बरसात के कारण 18 दुकानें, 8 पुल और 756 गऊशालाएं बरसात के पानी में ढह गई हैं. मानसून में लोक निर्माण विभाग को 686.95 करोड़ रुपये की चपत लगी है.
वहीं, जल शक्ति विभाग को 346.76, बिजली विभाग को 60.8 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है. स्वास्थ्य विभाग भी 60 लाख का नुकसान पहुंचा है. शिक्षा विभाग को भी 64 लाख, ग्रामीण विकास विभाग को 30.6 करोड़, शहरी विकास विभाग को 102.1 करोड़ की क्षति पहुंची है.
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