शिमला: विदेश में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर ठग लोगों के खातों से पैसे उड़ाने के लिए नई-नई जुगत लगाते रहते हैं. किसी न किसी तरीके से वो कई बार खातों को खाली करने में सफल हो जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि खाताधारक बेहद सावधानी बरतें. अब साइबर ठगी का नया तरीका सामने आया है. इसमें ठग किसी के अकाउंट को हैक कर लेते हैं और पूरी रकम लूट लेते हैं.
डिजिटल दौर में स्मार्टफोन की जरुरत लगभग हर किसी को है. स्मार्टफोन से बहुत से बहुत से काम आसान हो जाते हैं. साथ ही कई जरुरी चीजें भी हम अपने स्मार्टफोन में सेव करके रखते हैं. कुछ अपनी गलतियों के द्वारा भी स्मार्टफोन सुरक्षित नहीं रहता है. ऐसे में ज्यादा जरुरी है कि हम अपने स्मार्टफोन (Smartphone Security Tips) को ऑनलाइन ठगी, फर्जीवाड़े, मालवेयर और वायरस से बचाकर रखें. वहीं, साइबर विभाग शिमला ने लोगों (protect smartphones from hackers) को अलर्ट किया है कि ठग स्मार्टफोन के जरिए ठगी कर रहे हैं. ऐसे में फोन का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें.
साइबर सुरक्षा से संबंधित अमेरिकी सरकार की एजेंसी, नेशनल काउंटरइंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर (NCSC) ने एक बुलेटिन जारी किया, ताकि यूजर्स को सर्विलांस टूल्स (mobile security tips) से अधिक जागरूक और सुरक्षित रहने में मदद मिल सके. एनसीएससी ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कंपनियां और व्यक्ति सरकारों और अन्य संस्थाओं को कमर्शियल सर्विलास टूल बेच रहे हैं जिन्होंने उनका उपयोग दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए किया है.
एक सर्विलांस टूल क्या कर सकता है? ये टूल फोन कॉल सहित ऑडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं. फोन की लोकेशन ट्रैक कर सकते हैं टेक्स्ट मैसेज, फाइल्स, चैट्स, कमर्शियल मैसेजिंग ऐप कंटेंट, कॉन्टैक्ट्स और ब्राउजिंग हिस्ट्री सहित फोन पर लगभग सभी कंटेंट को एक्सेस और रिट्रीव कर सकते हैं.
ऐसे निगरानी उपकरणों से बचने के लिए क्या किया जा सकता है?: अमेरिकी एजेंसी द्वारा लिस्ट कुछ स्टेप हैं जिनका फॉलो करके कोई भी भविष्य में सुरक्षित रह सकता है.
- डिवाइस ऑपरेटिंग सिस्टम और मोबाइल एप्लिकेशन को नियमित रूप से अपडेट करें.
- जिन लोगों को आप नहीं जानते उनके द्वारा भेजे गए लिंक या अटैचमेंट को ओपन करने से बचें.
- संदिग्ध लिंक या संदिग्ध ईमेल और अटैचमेंट पर क्लिक न करें.
- लिंक पर क्लिक करने से पहले यूआरएल की चेक करें या सीधे वेबसाइट पर जाएं.
- मोबाइल डिवाइस को नियमित रूप से रीस्टार्ट करें, जो मैलवेयर को नुकसान पहुंचाने या हटाने में मदद कर सकते हैं.
- एन्क्रिप्ट और पासवर्ड से अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें.
- जब भी संभव हो अपने डिवाइस का फिजिकल कंट्रोल बनाए रखें.
- विश्वसनीय वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का उपयोग करें.
- डिवाइस पर जियोलोकेशन ऑप्शन और कवर कैमरा डिसेबल करें.
वहीं, साइबर विभाग के एसपी नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि लोक अपने स्मार्टफोन को सावधानीपूर्वक चलाएं और अनावश्यक ऐप को डाउनलोड न करें और न कोई ओटीपी किसी से शेयर करें. कोई लिंक आए जो अज्ञात हो उसे भी ओपन न करें इससे आप ठगी का शिकार हो सकते हैं.