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हिमाचल में तेजी से फैल रहा साइबर क्राइम, ऑनलाइन ढगी के मामलों में हुई बढ़ोतरी: संजय कुंडू

बीते 2 सालों में प्रदेश में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. साइबर अपराध में 2018 में 80, 2019 में 95 और 2020 में 59 एफआईआर दर्ज की गई हैं. वहीं, 2018 में 980, 2019 में 1638, जबकि 2020 में शिकायत के आधार पर 1984 मामले दर्ज हुए हैं. ये जानकारी डीजीपी संजय कुंडू ने दी.

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Published : Aug 6, 2020, 6:25 PM IST

cyber crime case increased in himachal pradesh
शिमला

शिमला: दुनिया भर में कोरोना महामारी के दौरान ऐतिहात बरतने के उद्देश्य से वर्तमान में निजी व सरकारी काम इंटरनेट के माध्यम से किए जा रहे हैं. ऐसे में साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं. दरअसल बीते 2 सालों में प्रदेश में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो साइबर अपराध के तहत 2018 में 80, 2019 में 95 और 2020 में 59 एफआईआर दर्ज की गई हैं. वहीं, 2018 में 980, 2019 में 1638, जबकि 2020 में शिकायत के आधार पर 1984 मामले दर्ज हुए हैं.

प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि प्रदेश में साइबर केस पैसे की ठगी से संबंधित ज्यादा दर्ज हुए हैं. उन्होंने कहा कि लोग अपने महत्वपूर्ण डाटा को कम्प्यूटर में न रखें डाटा का बैकअप अपने पास रखें. वहीं, सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहें. उन्होंने कहा कि आउट डेटेड सॉफ्टवेयर व प्लगिन्स का इस्तेमाल ना करें, बल्कि एड ब्लोकर का उपयोग करें. वहीं, किसी भी अपरचित सेंडर से आए मेल को न खोलें और अटेचमेंट डाउनलोड न करें.

वीडियो.

डीजीपी ने कहा कि अभी हाल ही में सीएम जयराम ठाकुर के नाम से नाइजीरिया से फर्जी ई मेल भेजे जा रहे थे. साइबर क्राइम विभाग ने 40 मेल बंद करवाई हैं और जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ेंगे इसलिए लोगों को जागरूक होना आवश्यक है.

डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि पुलिस को साइबर मामले सुलझाने के लिए लिए फॉरेंसिक लैब की जरूरत है. ऐसे में सरकार से फॉरेंसिक लैब की मांग की जाएगी, ताकि जल्द से जल्द साइबर क्राइम के मामले सुलझ सकें. वहीं, अगर ये सुविधा नहीं मिलती है, तो साइबर क्राइम के मामलों को सुलझाने में लंबा समय लगेगा.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में ग्रेड-पे में कटौती के विरोध में उतरे डॉक्टर्स, काले बिल्ले लगाकर जताया रोष

शिमला: दुनिया भर में कोरोना महामारी के दौरान ऐतिहात बरतने के उद्देश्य से वर्तमान में निजी व सरकारी काम इंटरनेट के माध्यम से किए जा रहे हैं. ऐसे में साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं. दरअसल बीते 2 सालों में प्रदेश में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो साइबर अपराध के तहत 2018 में 80, 2019 में 95 और 2020 में 59 एफआईआर दर्ज की गई हैं. वहीं, 2018 में 980, 2019 में 1638, जबकि 2020 में शिकायत के आधार पर 1984 मामले दर्ज हुए हैं.

प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि प्रदेश में साइबर केस पैसे की ठगी से संबंधित ज्यादा दर्ज हुए हैं. उन्होंने कहा कि लोग अपने महत्वपूर्ण डाटा को कम्प्यूटर में न रखें डाटा का बैकअप अपने पास रखें. वहीं, सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहें. उन्होंने कहा कि आउट डेटेड सॉफ्टवेयर व प्लगिन्स का इस्तेमाल ना करें, बल्कि एड ब्लोकर का उपयोग करें. वहीं, किसी भी अपरचित सेंडर से आए मेल को न खोलें और अटेचमेंट डाउनलोड न करें.

वीडियो.

डीजीपी ने कहा कि अभी हाल ही में सीएम जयराम ठाकुर के नाम से नाइजीरिया से फर्जी ई मेल भेजे जा रहे थे. साइबर क्राइम विभाग ने 40 मेल बंद करवाई हैं और जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ेंगे इसलिए लोगों को जागरूक होना आवश्यक है.

डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि पुलिस को साइबर मामले सुलझाने के लिए लिए फॉरेंसिक लैब की जरूरत है. ऐसे में सरकार से फॉरेंसिक लैब की मांग की जाएगी, ताकि जल्द से जल्द साइबर क्राइम के मामले सुलझ सकें. वहीं, अगर ये सुविधा नहीं मिलती है, तो साइबर क्राइम के मामलों को सुलझाने में लंबा समय लगेगा.

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