शिमला: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई घटना के बाद किसानों ने सोमवार को देशभर में प्रदर्शन का ऐलान किया है. शिमला में भी किसान सभा व सीपीआईएम से जुड़े अन्य संगठनों ने रिज मैदान और मॉल रोड पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों के द्वारा धारा 144 तोड़ा गया. इन संगठनों ने मांग की है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा (Union Minister of State for Home Ajay Mishra) और उनके बेटे पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए.
इस दौरान सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा ने कहा कि किसानों की हत्या का षड्यंत्र रचा गया है. देश संविधान के तहत चलता है लेकिन इस तरह की दादागिरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को पद से इस्तीफा देना चाहिए अगर ऐसा नहीं करते हैं तो राष्ट्रपति को उन्हें पद से बर्खास्त करना चाहिए. सिंघा ने कहा मंत्री के बेटे के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार करना चाहिए. उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के किसानों पर हमला करने के बयान पर भी कार्रवाई की मांग की. राकेश सिंघा ने मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है.
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क्या है पूरा मामला: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान रविवार को यहां भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई. खबरों के मुताबिक स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) वाहनों द्वारा कुछ प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी में आग लगा दी.
खीरी के जिलाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने तिकोनिया में मीडियाकर्मियों को बताया कि इस घटना में चार किसान और चार अन्य (एसयूवी सवार) मारे गए.इस बीच, मृतक किसानों की पहचान बहराइच जिले के नानपारा निवासी दलजीत सिंह व गुरविंदर सिंह तथा पलिया-खीरी के लवप्रीत सिंह और नछत्तर सिंह के रूप में हुई है. दो एसयूवी चालकों समेत चार अन्य की पहचान अभी नहीं हो पाई है.
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