रामपुर: अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश किन्नौर पॉक्सो कोर्ट की अदालत ने एक अहम फैसला सुनाते हुए सुभाष निवासी जाल गांव, पोस्ट ऑफिस नारकण्डा तहसील कुमारसेन जिला शिमला को पांच वर्ष सशक्त कारावास व 15000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई. मामला इस प्रकार था कि 20 जून 2017 को पीड़िता जिसकी उम्र 7 साल थी अपने भाई के साथ स्कूल से अपने डेरा जा रही थी. जहां पर वो अपने माता-पिता के साथ गर्मियों में पशु लेकर जंगल में आते थे. तो समय करीब 5 बजे शाम जब वह अपने डेरा से थोड़ी दूर पहुंची तो आरोपी सुभाष पीछे से आया और पीड़िता को हाथ से पकड़कर जंगल की तरफ ले गया. पीड़िता के भाई ने जिसकी उम्र 12 साल थी पीड़िता को आरोपी के चुगंल से छुड़ाने की कोशिश की लेकिन दोषी ने उसे थप्पड़ मारे और पीड़िता को अपने साथ ले गया.
पीड़िता के भाई ने इसकी सूचना डेरा जा कर अपने परिवार वालों को दी. जिस पर परिवार के सदस्य तलाश में निकल गए लेकिन पीड़िता और आरोपी का कहीं पता न चल सका. उसके बाद पीड़िता के पिता ने पुलिस को इस बारे में सूचना दी. पुलिस व परिवार के सदस्यों ने जंगल में रात को खोजबीन की लेकिन पीड़िता और अरोपी न मिले. अगली सुबह लगभग 6 बजे आरोपी व पीड़िता जंगल में मिले लेकिन पुलिस व अन्य लोगों को देखकर आरोपी मौके से भाग गया. जिसको बाद में गिरफ्तार किया गया और पॉक्सो की धारा 363,366 आईपीसी में केस दर्ज किया गया.
मामले की तफतीश इंस्पेक्टर एसएचओ संतोष द्वारा अमल में लाई गई. मामला कोर्ट में आने पर गवाहों के बयान कलमबंद किए गए. सभी साक्ष्य, गवाहों के ब्यानात व दोनों पक्षों की आरग्युमेंट सुनने के आधार पर अदालत ने आरोपी को पॉक्सो की धारा 10 व 363, 366 आई.पी.सी के तहत दोषी पाया और पांच साल कारावास व 15000 रूपये जुमाने की सजा सुनाई. सरकार की तरफ से केस की पैरवी उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल द्वारा की गई.
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