शिमलाः पूरे देश के साथ हिमाचल प्रदेश में भी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल आज यानि शनिवार को किया जाएगा. ट्रायल के लिए शिमला में तीन स्थानों को चुना गया है. कोरोना ड्राई रन के लिए शिमला का दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल कुसुमप्टी और एक निजी अस्पताल में होगा. यह ट्रायल 2 जनवरी से केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार शुरू किया जाएगा.
उच्च अधिकारियों की टीम को दिया गया प्रशिक्षण
हिमाचल में कोरोना वैक्सीन लगाने और ट्रांसपोर्ट की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं. इससे पहले कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया था, जिसमें हर जिला के उच्च अधिकारियों की टीम को प्रशिक्षण दिया गया था. इन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण किया जा रहा है. यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यह मास्टर ट्रेनर अपने-अपने जिलों में जाएंगे और वहां अपनी टीमों को प्रशिक्षित करेंगे.
मास्टर ट्रेनर अपनी टीम को करेंगे प्रशिक्षित
यह मास्टर ट्रेनर फिर अपने जिलों में जाकर बताएंगे कि कोरोना का टीका लोगों को किस तरह सुरक्षित ढंग से लगाया जाएगा और क्या-क्या सावधानियां बरतनी होंगी. प्रदेश स्तर पर आयोजित की गई इस ट्रेनिंग में सभी जिलों के उच्च स्वास्थ्य अधिकारियों जिनमें सीएमओ, डिप्टी सीएमओ भी शामिल हैं. इन्हें वैक्सीन के लिए प्रशिक्षित किया गया है. इसके लिए डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ का सहयोग भी मिल रहा है. इनके प्रतिनिधि भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जानकारियां साझा की हैं.
टीकाकरण के लिए टास्क फोर्स गठित
दरअसल, टीकाकरण के लिए जो टास्क फोर्स बनाई जाएगी, उसमें भारी संख्या में सहायक की जरूरत रहेगी. इसके लिए एनजीओ, स्वयं सहायता समूह और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं से लोगों को सहयोग के लिए आग्रह करना पड़ेगा. यह सुझाव भी ट्रेनिंग के दौरान अधिकारियों को दिया जा रहा है. आंगनवाड़ी के लोग हेल्थ वर्कर और आशा वर्कर तो पहले से ही कोरोना महामारी के इस संकट में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं, लेकिन फिर भी यह लोग वैक्सीनेशन के दौरान कम पड़ेंगे. इसीलिए पहले से तैयारी की जा रही है कि हम उस समय किन-किन लोगों की सहायता ले सकते हैं.
वैक्सीन की सुरक्षा के भी इंतजाम
इसके अलावा आने वाले समय में वैक्सीन की सुरक्षा की भी जरूरत पड़ सकती है. वैक्सीन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस कर्मियों का सहयोग भी लेना पड़ सकता है. ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वैक्सीन लगाने के बाद जो बायो मेडिकल वेस्ट बचेगा, उसका निपटारा किस प्रकार किया जाएगा. यह भी बड़ा सावधानी भरा कार्य होगा. इसके लिए भी स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके अलावा सेफ इंजेक्शन प्रैक्टिस बहुत महत्वपूर्ण है. इन तमाम चीजों को पर प्रशिक्षण दिया गया हैं.
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