शिमलाः आईजीएमसी में मरीजों की हालत दयनीय हो गई है. यहां पर अब कोरोना को छोड़कर अन्य मरीजों की ओर डॉक्टरों ने देखना ही छोड़ दिया है. ऐसे में मरीजों को दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर होना पड़ रहा है. हैरानी की बात है कि आईजीएमसी में रैपिड एंटीजन टेस्ट किट ही उपलबध नहीं हो पा रही है, जिसके चलते मरीजों के ऑपरेशन तक नहीं हो पा रहे हैं.
इसका खुलासा तब हुआ जब हितेश नामक एक मरीज ने अपना दुख बयान किया. पीड़ित हितेश का कहना है कि उसका गिरने के चलते पांव फैक्चर हुआ है. वह उपचार के लिए आईजीएमसी आया. उसका दो साल से इलाज जारी है, लेकिन डॉक्टर उसका ऑपरेशन नहीं कर रहे थे. अब जब डॉक्टर ऑपरेशन करने को तैयार हुए तो वह कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट मांग रहे हैं.
एंटिजन रैपिड टेस्ट किट खत्म!
जब आईजीएमसी में कोरोना का टेस्ट करवाना चाह तो, उन्हें टेस्ट करने से मना कर दिया. जब टेस्ट करने वाले डॉक्टरों से बात की गई तो उनका कहना था कि उनके पास एंटिजन रैपिड टेस्ट किट खत्म हो गई है. मरीज का कहना है कि डॉक्टर से लिखित में मांगा जा रहा था कि टेस्ट किट खत्म है, लेकिन उन्होंने लिखित में देने से मना कर दिया.
खुल रही दावों की पोल
यहां पर सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आईजीएमसी हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल है. अगर इस अस्पताल की हालत ही इतन खस्ता है तो अन्य अस्पतालों की स्थिति क्या होगी. कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन एक से बढ़कर एक दावे कर रहा है, लेकिन इनके दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.
बिना कोरोना टेस्ट के नहीं हो रहे ऑपरेशन
जब रैपिड टेस्ट किट तक उपलबध नहीं हो पा रही है तो कोविड-19 के टेस्ट कैसे होंगे. आईजीएमसी में बिना कोरोना टेस्ट के किसी भी मरीजों के ऑपरेशन नहीं होते हैं. ऐसे में अब मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
यहां पर विभाग के पास यह भी शिकायतें आई हैं कि कोरोना काल में डॉक्टरों ने अन्य बीमारी के मरीजों को देखना ही छोड़ दिया है. शिकायतें मिलने के बाद भी विभाग सर्तक होता नजर नहीं आ रहा है. कोरोना काल के 10 महीनों से प्रदेश भर के मरीज ऑपरेशन करवाने के लिए भटक रहे हैं.
पीजीआई रेफर किए जा रहे मरीज
आईजीएमसी से ऑर्थो के मरीजों को पीजीआई चंडीगढ़ के लिए भेजा जा रहे हैं. यहां पर अगर कोई डॉक्टर पॉजिटिव आ रहा है तो डॉक्टर तुरंत लिख रहे हैं कि मरीज को पीजीआई ले जाओ. अगर पीजीआई में इलाज होता तो भी मरीज चले जाते, लेकिन पीजीआई ने पहले ही मरीजों को देखने से हाथ खड़े किए हैं. किसी मरीज का अगर आपातकालीन में ऑपरेशन करना पड़े तो भी यहां पर कोई इंतजाम नहीं है. यहां एक ऑर्थो ही नहीं बल्कि अन्य विभाग की भी हालत खराब है.
लैब में पेडिंग रहते है सैंपल
आईजीएमसी की आरटीपीआर लैब में कोरोना को लेकर लिए जा रहे सैंपल पेडिंग में पड़े रहते हैं. इसके पीछे क्या कारण है. इसको बताने के लिए अधिकारी व डॉक्टर तैयार नहीं है. जहां एक तरफ सरकार दावे कर रही है कि आगामी दिनों में टेस्टींग को सुविधा को बढ़ाया जाएगा, लेकिन स्थिति कुछ ओर ही बता रही है.
होम आइसोलेट वालों को नहीं मिलती समय से रिपोर्ट
अगर कोई लोग कोरोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आ रहे हैं और वे होम आइसोलेट हो जाते हैं, तो उन्हें कोरोना के टेस्ट करवाने पड़ते हैं. यहां उनका सैंपल तो ले लिया जाता है, लेकिन रिपोर्ट लेने के लिए कई बार 5 से अधिक दिनों का इंतजार करना पड़ता है. कभी भी उनकी कोरोना रिपोर्ट समय से नहीं आती है. ऐसी स्थिति से जुझ रहे लोगों को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
उधर, आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक का कहना है कि अस्पताल के पास एंटीजन टेस्ट किट उपलबध है, लेकिन थोड़ी कम है. किसी कारण से किट की सप्लाई नहीं आ पाई थी, लेकिन एक दिन के अंदर किटें उपलबध हो जाएंगी. मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं आने दी जा रही है. अस्पताल में कभी भी टेस्ट किट खत्म नहीं हुई है. मरीजों के ऑपरेशन करने में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है. मरीजों के ऑपरेशन भी हो रहे हैं.
ये भी पढ़ें- हिमाचल में हिम सुरक्षा अभियान के तहत 21.54 लाख लोगों की हुई स्वास्थ्य की जांच
ये भी पढ़ें- 14 दिसंबर को होगी हिमाचल कैबिनेट की बैठक, पंचायत चुनाव और कोरोना संक्रमण पर चर्चा संभव