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अब मेडिकल कॉलेज के वार्डों में दाखिल नहीं होंगे कोरोना मरीज, मेकशिफ्ट अस्पतालों में होगा इलाज

कोरोना संक्रमित मरीज मेडिकल कॉलेजों के वार्डों में भर्ती नहीं किया जाएगा. यही नहीं ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर की सुविधाएं भी बंद नहीं होंगी. मेडिकल कॉलेज में संक्रमण न फैले और स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों, इसके लिए कोरोना मरीजों को मेक शिफ्ट अस्पतालों के अलावा अलग से वार्ड स्थापित करने की व्यवस्था होगी.

मेक शिफ्ट अस्पताल
मेक शिफ्ट अस्पताल
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Published : Apr 4, 2021, 1:04 PM IST

Updated : Apr 4, 2021, 2:31 PM IST

शिमलाः प्रदेश में कोरोना का सेकंड स्ट्रेन शुरू हो गया है. प्रदेश में प्रतिदिन 200 से ज्याद मामले सामने आने लगे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. इसी के चलते विभाग ने कोरोना के मरीजों को रखने के लिए अलग से व्यवस्था की है.

अब कोरोना संक्रमित मरीज मेडिकल कॉलेज के वार्डों में भर्ती नहीं किए जाएंगे. यही नहीं ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर भी बंद नहीं होंगे. मेडिकल कॉलेज में संक्रमण न फैले और स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों, इसके लिए कोरोना मरीजों को मेकशिफ्ट अस्पतालों के अलावा अलग से वार्ड स्थापित करने की व्यवस्था होगी. स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को इसके बारे में अवगत करा दिया है.

मेडिकल कॉलेज में अब बंद नहीं होगी ओपीडी

आईजीएमसी के नए ओपीडी ब्लॉक में कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए एक या दो फ्लोर रखे जा रहे हैं. इन वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए डॉक्टर शिफ्टों में सेवाएं देंगे. सरकार ने ये भी निर्णय लिया है कि मेडिकल कॉलेज में ओपीडी बंद नहीं होगी. डॉक्टर मास्क लगाकर मरीजों के स्वास्थ्य की जांच करते रहेंगे.

70 एंबुलेंसों को रखा जाएगा स्पेयर

प्रदेश के सभी 6 मेडिकल कालेजों में ऑपरेशन चलते रहेंगे. सरकार ने संक्रमित मरीजों के लिए 70 एंबुलेंसों को स्पेयर रखा है. यह 108 और 102 एंबुलेंस घर पर आइसोलेट मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाएंगी.

मेडिकल कॉलेजों में मेकशिफ्ट अस्पताल शुरू

गौरतलब है कि प्रदेश में चार में से तीन मेकशिफ्ट अस्पताल बनकर तैयार हैं. इसमें नालागढ़, शिमला आईजीएमसी, टांडा मेडिकल कॉलेज में भी मेकशिफ्ट अस्पताल शुरू हो चुके हैं. यहीं, कोरोना मरीजों का उपचार किया जा रहा है. नेरचौक मेडिकल कॉलेज में अभी मेकशिफ्ट अस्पताल तैयार नहीं हुआ है.

ये भी पढ़ेंः अटल टनल बनने के बाद रोहतांग की जगह बारालाचा और शिंकुला दर्रा बना सैलानियों की पसंद

शिमलाः प्रदेश में कोरोना का सेकंड स्ट्रेन शुरू हो गया है. प्रदेश में प्रतिदिन 200 से ज्याद मामले सामने आने लगे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. इसी के चलते विभाग ने कोरोना के मरीजों को रखने के लिए अलग से व्यवस्था की है.

अब कोरोना संक्रमित मरीज मेडिकल कॉलेज के वार्डों में भर्ती नहीं किए जाएंगे. यही नहीं ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर भी बंद नहीं होंगे. मेडिकल कॉलेज में संक्रमण न फैले और स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों, इसके लिए कोरोना मरीजों को मेकशिफ्ट अस्पतालों के अलावा अलग से वार्ड स्थापित करने की व्यवस्था होगी. स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को इसके बारे में अवगत करा दिया है.

मेडिकल कॉलेज में अब बंद नहीं होगी ओपीडी

आईजीएमसी के नए ओपीडी ब्लॉक में कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए एक या दो फ्लोर रखे जा रहे हैं. इन वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए डॉक्टर शिफ्टों में सेवाएं देंगे. सरकार ने ये भी निर्णय लिया है कि मेडिकल कॉलेज में ओपीडी बंद नहीं होगी. डॉक्टर मास्क लगाकर मरीजों के स्वास्थ्य की जांच करते रहेंगे.

70 एंबुलेंसों को रखा जाएगा स्पेयर

प्रदेश के सभी 6 मेडिकल कालेजों में ऑपरेशन चलते रहेंगे. सरकार ने संक्रमित मरीजों के लिए 70 एंबुलेंसों को स्पेयर रखा है. यह 108 और 102 एंबुलेंस घर पर आइसोलेट मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाएंगी.

मेडिकल कॉलेजों में मेकशिफ्ट अस्पताल शुरू

गौरतलब है कि प्रदेश में चार में से तीन मेकशिफ्ट अस्पताल बनकर तैयार हैं. इसमें नालागढ़, शिमला आईजीएमसी, टांडा मेडिकल कॉलेज में भी मेकशिफ्ट अस्पताल शुरू हो चुके हैं. यहीं, कोरोना मरीजों का उपचार किया जा रहा है. नेरचौक मेडिकल कॉलेज में अभी मेकशिफ्ट अस्पताल तैयार नहीं हुआ है.

ये भी पढ़ेंः अटल टनल बनने के बाद रोहतांग की जगह बारालाचा और शिंकुला दर्रा बना सैलानियों की पसंद

Last Updated : Apr 4, 2021, 2:31 PM IST
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