शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामलों में रोजाना इजाफा हो रहा है. कोरोना के नए मामलों ने स्वास्थ्य विभाग और सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है. फिलहाल हिमाचल प्रदेश में 1610 कोरोना के मामले एक्टिव हैं. प्रतिदिन 200 से 250 मामले सामने आ रहे हैं.
बात अगर जिला शिमला की करें तो यहां फिलहाल 230 कोरोना के मामले एक्टिव हैं. आईजीएमसी के एमएस डॉक्टर जनक राज का कहना है कि लोगों की लापरवाही के चलते मामले बढ़े हैं. अगर लोगों ने नियमों का पालन नहीं किया तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं. कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है.
एमएस डॉक्टर जनक राज का कहना है कि आईजीएमसी में मरीजों के सैंपल लिए जा रहे हैं. रोजाना चार से पांच पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. लोगों की लापरवाही के चलते कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. सरकार ने रियायत दी है, लेकिन कोरोना ने नहीं.
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए डीसी शिमला आदित्य नेगी ने नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं. अब नो मास्क, नो सर्विस नीति का सख्ती से पालन करना आवश्यक होगा. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए फेस कवर या मास्क का उपयोग करने वाले लोगों को ही सार्वजनिक, निजी, परिवहन, ट्रेन, बस, टैक्सी आदि में बैठने की अनुमति होगी. इसके साथ ही अस्पतालों, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों तथा दुकानों आदि में सेवाएं प्राप्त करने वाले लोगों के लिए भी यह नीति लागू रहेगी.
डीसी आदित्य नेगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार की पांच स्तरीय रणनीति पर लगातार ध्यान केन्द्रित करना होगा. उन्होंने बताया कि सभी सरकारी तथा निजी कार्यालयों के प्रमुख अपने कार्यालयों में कोविड-19 संबंधित प्रोटोकॉल के लिए जिम्मेदार होंगे. उपायुक्त ने बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी विभाग को सख्ती से कोविड नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं. बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को कोविड-19 वैक्सीन प्रमाण पत्र या 72 घंटे पुरानी आरटीपीसीआर रिपोर्ट लानी होगी.
डीसी ने कहा कि आदेशों को लागू करने के लिए पुलिस अधीक्षक, संबंधित उपमंडलाधिकारी तथा संबंधित पीआरआई-यूएलबी के प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी रहेगी. यह आदेश जिले के सम्पूर्ण क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से आगामी आदेशों तक लागू रहेंगे. नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियमों के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हिमाचल सरकार ने फैसला लिया है कि देवभूमि की सैर को आने वाले पर्यटकों को अब 72 घंटे पुरानी आरटीपीसीआर रिपोर्ट लानी होगी. यदि हिमाचल की सैर को आने की इच्छा रखने वाले किसी सैलानी ने टीकाकरण करवा लिया है तो उसे आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाने की बाध्यता नहीं होगी.
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