शिमला: सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज(Cooperation Minister Suresh Bhardwaj) ने कहा कि प्रदेश में किसानों की फसलों के लिए उचित बाजार उपलब्ध हो सके इसके लिए सहकारिता विभाग तेजी से कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि सितंबर माह में एक योजना बना कर प्रदेश ने एक वर्ष में 100 कृषक उत्पादक संगठन बनाने का लक्ष्य रखा था पिछले एक महीने में 18 एफपीओ बनाए गए. इसके अलावा अन्य की प्रक्रिया जारी है. भारद्वाज ने कहा कि एक एफपीओ के माध्यम से काम से कम 100 किसान को जोड़ा जाएगा.
सुरेश भारद्वाज ने कहा की प्रदेश सहकारिता विभाग कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के लिए विशेष नियम बनाएंगे. जिस से किसी भी प्रकार परेशानी न झेलनी पड़े. उन्होंने कहा कि कृषक उत्पादक संगठन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की योजना के तहत बनाए जा रहे हैं. जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित अधोसंरचना का निर्माण और किसानों की आय में वृद्धि करना है. सहकारिता मंत्री ने प्रदेश सचिवालय में सहकारिता विभाग, नाबार्ड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में कृषक उत्पादक संगठन बनाने को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह(Union Cooperation Minister Amit Shah) से हिमाचल में कृषक उत्पादक संगठन योजना के विस्तार के बारे में चर्चा हुई है.
भारद्वाज ने कहा कि अभी कुछ जिले इस योजना में सम्मिलित किये गए. केंद्र सरकार से बाकी जिलों को भी इस योजना के तहत शामिल करने का आग्रह किया जाएगा. प्रदेश के सभी जिलों में सहकारी क्षेत्रों में एफपीओ बनाने को लेकर बल दिया जाएगा. प्रदेश जल्द ही अपने लक्ष्य को पूरा करेगा. उन्होंने कहा कि जो जिले नाबार्ड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की लक्ष्य सूची में शामिल नहीं हुए. वहां भी एफपीओ बना कर कृषि कोष योजना के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा.
हर संगठन में कम से कम 100 किसान-बागवान शामिल करना अनिवार्य रहेगा. प्रदेश में पहले से गठित करीब 40 सहकारी समितियों को एफपीओ के तौर पर परिवर्तित करने की योजना है.
सहकारिता मंत्री ने बताया कि एफपीओ किसानों-बागवानों का एक समूह होगा, जो कृषि-बागवानी उत्पादन कार्य में लगा हो. यह संगठन कृषि और बागवानी से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां चलाएगा. एक समूह बनाकर उसे कंपनी एक्ट में पंजीकृत करवा सकते हैं. संगठन के माध्यम से खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण खरीदना आसान होगा. जल्द योजना को अंतिम रूप देकर कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जाएगा.
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