शिमला: जिले में सेब सीजन शुरू हो गया (Apple season begins in Shimla) और हर रोज सेब भट्टाकुफर फल मंडी पहुंच रहा है, लेकिन प्रशासन ने फल मंडी को पार्किंग यार्ड में चलाने के निर्देश जारी कर दिए. इसको लेकर आढ़तियों को नोटिस भी जारी किए गए, लेकिन आढ़ती इस फैसले से नाखुश है. वहीं, कांग्रेस भी जिला प्रशासन के इस फैसले के विरोध में उतर आई है. सरकार पर फल मंडी को खत्म करने के आरोप लगाया. वहीं, बागवानों के साथ मिल कर उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.
मंडी को नहीं किया गया सुरक्षित: कांग्रेस के प्रदेश महासचिव यशवंत छाजटा ने कहा कि शिमला भट्टाकुफर फल मंडी में हजारों करोड़ो का सेब का कारोबार होता और बागवान अपने सेब बेचने आते है. फल मंडी पर लैंडस्लाइड हुआ था ,लेकिन दो साल बाद भी न तो सरकार और न ही जिला प्रशासन ने इसको लेकर कोई कदम उठाया. उन्होंने कहा कि मंडी को सुरक्षित करने के लिए मलबा तक नहीं हटाया गया.
मंडी को बंद करने का फरमान: सेब सीजन शुरू होने के बाद जिला प्रशासन ने मंडी को बंद करने के फरमान जारी कर दिया और पार्किंग यार्ड में मंडी चलाने को कहा जा रहा, जबकि वहां पर जगह काफी कम है. उन्होंने कहा कि सीजन के दौरान इस फल मंडी में हर रोज 40,000 की गरीब पेटियां पहुंचती है,जो जगह प्रशासन ने दी है वहां पर इतनी सेब की पेटियां नहीं आ सकती.
बागवानों को सुविधाओं की कमी: सरकार बागवानों की पूरी तरह से अनदेखी कर रही है. सुविधाएं देना तो दूर बागवानों को मंडी तक मुहैया नहीं करवाई जा रही है . उन्होंने कहा कि सरकार जल्द फल मंडी को ठीक कर वहां पर ही सेब का कारोबार शुरू करना होगा. यदि ऐसा नहीं किया गया तो कांग्रेस सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेगी.
मंडी बंद करने का फैसला इसलिए: बता दें 2020 में भट्टाकुफर फल मंडी में भारी लैंडस्लाइड हुआ था, जिसके नीचे काफी सेब की पेटियां दब गई थी. इस मंडी में बरसात में मलबा नीचे गिर रहा. मंडी को सुरक्षित करने के लिए सर्वे भी करवाया जा रहा और सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से इस मंडी को बंद करने का फैसला लिया गया.
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