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HPU में शिक्षक भर्ती पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, VC पर लगाए भगवाकरण के आरोप

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Published : Jan 1, 2021, 5:45 PM IST

कांग्रेस ने एचपीयू शिमला में हो रही शिक्षक भर्तियों सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि एचपीयू में वीसी एक एजेंडे के तहत काम कर रहे हैं और एक ही विचारधारा के लोगों को नियुक्तियां दी जा रही हैं

Congress president Kuldeep Rathore
Congress president Kuldeep Rathore

शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हो रही नियुक्तियों पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं और राज्यपाल से विश्वविद्यालय में हो रही शिक्षकों की नियुक्तियों की जांच की मांग की है. शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने विश्वविद्यालय के कुलपति पर विश्वविद्यालय का भगवाकरण करने का आरोप लगाया.

कुलदीप राठौर ने कहा कि कोरोना काल में चोर दरवाजे से विश्वविद्यालय में भर्तियां हो रही हैं और अपने चहेतों को नियुक्तियां दी जा रही है. उन्होंने कहा कि यूजीसी गाइडलाइन को पूरी तरह से दरकिनार किया जा रहा है और स्क्रीनिंग कमेटी में सेवानिवृत्त शिक्षकों बिठाया जा रहा है जोकि नियमों के विपरीत है.

वीडियो.

'वीसी एक एजेंडे के तहत कर रहे काम'

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एचपीयू में वीसी एक एजेंडे के तहत काम कर रहे हैं और एक ही विचारधारा के लोगों को नियुक्तियां दी जा रही हैं. विश्वविद्यालय में सितंबर 2020 में विभिन्न विभागों में चल रही शिक्षकों के पदों पर भर्ती में यूजीसी की गाइडलाइन की अवहेलना की जा रही है. उन्होंने कहा कि इन नियुक्तियों की पूरी जांच होनी चाहिए.

उन्होंने महामारी के समय जल्दबाजी और अफरातफरी में की जा रही नियुक्तियों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन की मंशा पर प्रश्न चिन्ह लगाए और कहा कि सामान्य प्रक्रिया में पदों के विज्ञापन 1 साल के लिए होता है, लेकिन विश्वविद्यालय ने इस समय के बाद इसे जानबूझकर अतिरिक्त 6 महीनों के लिए आगे बढ़ाया है.

'विश्वविद्यालय पर डाला जा रहा आर्थिक बोझ'

केंद्र सरकार के दिशा निर्देशानुसार संस्थान में कोविड काल में सरकार की पूर्व अनुमति के बगैर किसी भी नई नियुक्ति पर पूर्ण प्रतिबंध था. कुलदीप राठौर ने कहा कि चयन समिति के समक्ष प्रस्तुत हुए बिना ही कुछ एक शिक्षकों को जो कि पूर्व में निजी संस्थानों में कार्यरत थे. उनकी पूर्व की सेवाओं का लाभ देते हुए उन्हें पदोन्नत व वित्तीय लाभ देकर विश्वविद्यालय पर भारी आर्थिक बोझ डाल दिया है.

कुलदीप राठौर ने राज्यपाल से इन सभी भर्तियों की जांच की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि इन पर तुरंत रोक लगाई जाए और यदि बच्चों की जांच नहीं होती तो कांग्रेसी कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगी. राठौर ने कहा कि यदि इन नियुक्तियों की जांच नहीं होती है तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.

ये भी पढ़ें- इस बार 50वां पूर्ण राज्यत्व दिवस रहेगा खास, PM मोदी दे सकते हैं प्रदेश के नाम संदेश

शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हो रही नियुक्तियों पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं और राज्यपाल से विश्वविद्यालय में हो रही शिक्षकों की नियुक्तियों की जांच की मांग की है. शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने विश्वविद्यालय के कुलपति पर विश्वविद्यालय का भगवाकरण करने का आरोप लगाया.

कुलदीप राठौर ने कहा कि कोरोना काल में चोर दरवाजे से विश्वविद्यालय में भर्तियां हो रही हैं और अपने चहेतों को नियुक्तियां दी जा रही है. उन्होंने कहा कि यूजीसी गाइडलाइन को पूरी तरह से दरकिनार किया जा रहा है और स्क्रीनिंग कमेटी में सेवानिवृत्त शिक्षकों बिठाया जा रहा है जोकि नियमों के विपरीत है.

वीडियो.

'वीसी एक एजेंडे के तहत कर रहे काम'

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एचपीयू में वीसी एक एजेंडे के तहत काम कर रहे हैं और एक ही विचारधारा के लोगों को नियुक्तियां दी जा रही हैं. विश्वविद्यालय में सितंबर 2020 में विभिन्न विभागों में चल रही शिक्षकों के पदों पर भर्ती में यूजीसी की गाइडलाइन की अवहेलना की जा रही है. उन्होंने कहा कि इन नियुक्तियों की पूरी जांच होनी चाहिए.

उन्होंने महामारी के समय जल्दबाजी और अफरातफरी में की जा रही नियुक्तियों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन की मंशा पर प्रश्न चिन्ह लगाए और कहा कि सामान्य प्रक्रिया में पदों के विज्ञापन 1 साल के लिए होता है, लेकिन विश्वविद्यालय ने इस समय के बाद इसे जानबूझकर अतिरिक्त 6 महीनों के लिए आगे बढ़ाया है.

'विश्वविद्यालय पर डाला जा रहा आर्थिक बोझ'

केंद्र सरकार के दिशा निर्देशानुसार संस्थान में कोविड काल में सरकार की पूर्व अनुमति के बगैर किसी भी नई नियुक्ति पर पूर्ण प्रतिबंध था. कुलदीप राठौर ने कहा कि चयन समिति के समक्ष प्रस्तुत हुए बिना ही कुछ एक शिक्षकों को जो कि पूर्व में निजी संस्थानों में कार्यरत थे. उनकी पूर्व की सेवाओं का लाभ देते हुए उन्हें पदोन्नत व वित्तीय लाभ देकर विश्वविद्यालय पर भारी आर्थिक बोझ डाल दिया है.

कुलदीप राठौर ने राज्यपाल से इन सभी भर्तियों की जांच की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि इन पर तुरंत रोक लगाई जाए और यदि बच्चों की जांच नहीं होती तो कांग्रेसी कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगी. राठौर ने कहा कि यदि इन नियुक्तियों की जांच नहीं होती है तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.

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