शिमला: राजधानी शिमला के कच्ची घाटी में बहुमंजिला भवन धराशायी हो गया. इसमे कोई जानी नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन अन्य भवनों को खतरा पैदा हो गया है. भवन में गुरुवार की सुबह ही दरारें आ गई थी, जिसके बाद भवन को खाली करवा दिया गया था और कुछ घंटों के बाद ये भवन जमींदोज हो गया. इस इमारत में करीब आठ परिवार रहते थे, जिन्हें समय रहते बाहर निकाल लिया गया.
वहीं, शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने इस हादसे पर दुख जताया और शिमला शहर में बन रही बड़ी-बड़ी इमारतों पर सवाल खड़े किए हैं. विक्रमादित्य सिंह ने नियमों का सख्ती से पालन करवाने की मांग की है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शिमला में काफी बड़ी-बड़ी इमारतें बनाई गई है. बड़ी इमारतें आने वाले समय में बड़ा खतरा बन सकती है.
शिमला में भवन की मंजिलें तय होनी चाहिए और इसके लिए सख्त कानून बनाने की जरूरत है. वोट बैंक के चक्कर में अभी तक इस ओर कोई ध्यान नही दिया गया, लेकिन अब इस पर सोचने की जरूरत है. कांग्रेस विधायक ने कहा कि शहर में भवन निर्माण में सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए. ताकि भविष्य में कोई बड़ा हादसा ना हो. एनजीटी के नियमों को भी और सख्त करना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई ऐसा हादसा ना हो.
बता दें कि कच्ची घाटी में अधिकतर भवन पहाड़ी पर बने हैं और पांच से सात मंजिला भवन बनाए गए हैं. ये क्षेत्र पहले पंचायत में था और कई भवन ऐसे हैं जोकि नियमों पर ताक पर रख कर बनाया गया है. जिसके चलते इन भवनों के गिरने का खतरा बना हुआ है.
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