ETV Bharat / city

हिमाचल में होगी करुणामूलक आधार पर नौकरी की समीक्षा, सरकार ने बनाई कमेटी - compassionate grounds in Himachal

राजधानी शिमला में भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों के साथ सीएम जयराम ठाकुर ने बैठक की. इस दौरान कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री ने चर्चा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कामगारों और श्रमिक वर्ग के कल्याण की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (Himachal Tourism Development Corporation), हिमाचल पथ परिवहन निगम और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड सीमित के श्रमिकों और कर्मचारियों की मांगों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा.

jobs on compassionate grounds in himachal
सीएम जयराम ठाकुर.
author img

By

Published : Feb 8, 2022, 5:35 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों कारपोरेशन और वार्डों में करुणामूलक आधार पर रोजगार देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी काम करेगी. यह कमेटी सभी मामलों की समीक्षा करेगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों की बैठक में कामगारों और श्रमिकों के मुद्दों पर चर्चा हुई. भारतीय मजदूर संघ ने प्रदेश में कर्मचारी वर्ग की मांगों को लेकर सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखा.

इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीटिंग में बताया कि पंचायत वेटरनरी सहायक (Panchayat Veterinary Assistants) को नियमित किए जाने को नियमित किए जाने के मामले में आगामी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कामगारों और श्रमिक वर्ग के कल्याण की दिशा में काम कर रही है. राज्य सरकार ने अपने चार वर्षों के कार्यकाल में दिहाड़ीदारों की न्यूनतम दिहाड़ी 210 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिदिन की है, जिससे उन्हें मासिक 2700 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने औद्योगिक इकाइयों में कार्य करने वाले श्रमिकों को पर्याप्त और समुचित दिहाड़ी सुनिश्चित की है. सभी दिहाड़ीदारों को साप्ताहिक अवकाश भी प्रदान किया जा रहा है.

सीएम जयराम ठाकुर.

जयराम ठाकुर ने कहा कि गत चार वर्षों में प्रदेश सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं की राशि में 1750 रुपये की बढ़ोतरी की है. उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों में राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकताओं के मानदेय में भी 2850 रुपये प्रतिमाह की बढ़ोतरी की है और आज उन्हें 7300 रुपये प्रतिमाह प्राप्त हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अंशकालिक राजस्व कार्यकर्ताओं और स्नातक जल कार्यकर्ता लिपिक (वाटर वर्कर क्लर्क) से संबंधित मामलों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (Himachal Tourism Development Corporation), हिमाचल पथ परिवहन निगम और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड सीमित के श्रमिकों और कर्मचारियों की मांगों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा.


मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्डों और निगमों की सर्विस कमेटी की बैठकें नियमित आधार पर आयोजित की जानी चाहिए ताकि कर्मचारियों से संबंधित मामलों का निस्तारण किया जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य में सीमेंट संयंत्र प्रबंधकों द्वारा श्रमिकों के शोषण पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर सीमेंट संयंत्रों और अन्य औद्योगिक इकाइयों में आंतरिक गतिविधियों के लिए ठेकेदारों के माध्यम से सेवाएं उपलब्ध करवाने की अनुमति प्रदान की जाएगी.

प्रदेश के कर्मचारियों को श्रमिकों की सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश में जनसंख्या अनुपात में देश में सबसे अधिक कर्मचारी हैं. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है और भारत तथा हिमाचल प्रदेश भी इसका अपवाद नहीं है. महामारी के दौरान भारतीय मजदूर संघ ने इस स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार को अपना रचनात्मक सहयोग प्रदान किया है.

उन्होंने कहा कि राज्य के कर्मचारियों ने भी परीक्षा की इस घड़ी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. विशेष तौर पर आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने महामारी के दौरान अपनी सराहनीय सेवाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष के बजट में इस बैठक में प्राप्त सुझावों को शामिल करने का भी प्रयास किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से पर्यवेक्षकों की पदोन्नति का कोटा 80 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया जाएगा.

सीएम जयराम ने अधिकारियों को नवसृजित 412 पंचायतों में पंचायत चौकीदारों के पदों को सृजित करने और भरने के निर्देश भी दिए ताकि लोगों को सुविधा प्राप्त हो सके. इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के अध्यक्ष मदन राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा ही कर्मचारियों और श्रमिकों की विभिन्न मांगों के प्रति संवेदनशील रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट तैयार करते समय मजदूरों और मजदूर वर्ग की विभिन्न मांगों पर विचार करने का आग्रह किया.

ये भी पढ़ें: बीजेपी विधायक अनिल शर्मा ने जयराम सरकार को घेरा, CM पर लगाया क्षेत्र की अनदेखी का आरोप

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों कारपोरेशन और वार्डों में करुणामूलक आधार पर रोजगार देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी काम करेगी. यह कमेटी सभी मामलों की समीक्षा करेगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों की बैठक में कामगारों और श्रमिकों के मुद्दों पर चर्चा हुई. भारतीय मजदूर संघ ने प्रदेश में कर्मचारी वर्ग की मांगों को लेकर सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखा.

इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीटिंग में बताया कि पंचायत वेटरनरी सहायक (Panchayat Veterinary Assistants) को नियमित किए जाने को नियमित किए जाने के मामले में आगामी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कामगारों और श्रमिक वर्ग के कल्याण की दिशा में काम कर रही है. राज्य सरकार ने अपने चार वर्षों के कार्यकाल में दिहाड़ीदारों की न्यूनतम दिहाड़ी 210 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिदिन की है, जिससे उन्हें मासिक 2700 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने औद्योगिक इकाइयों में कार्य करने वाले श्रमिकों को पर्याप्त और समुचित दिहाड़ी सुनिश्चित की है. सभी दिहाड़ीदारों को साप्ताहिक अवकाश भी प्रदान किया जा रहा है.

सीएम जयराम ठाकुर.

जयराम ठाकुर ने कहा कि गत चार वर्षों में प्रदेश सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं की राशि में 1750 रुपये की बढ़ोतरी की है. उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों में राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकताओं के मानदेय में भी 2850 रुपये प्रतिमाह की बढ़ोतरी की है और आज उन्हें 7300 रुपये प्रतिमाह प्राप्त हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अंशकालिक राजस्व कार्यकर्ताओं और स्नातक जल कार्यकर्ता लिपिक (वाटर वर्कर क्लर्क) से संबंधित मामलों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (Himachal Tourism Development Corporation), हिमाचल पथ परिवहन निगम और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड सीमित के श्रमिकों और कर्मचारियों की मांगों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा.


मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्डों और निगमों की सर्विस कमेटी की बैठकें नियमित आधार पर आयोजित की जानी चाहिए ताकि कर्मचारियों से संबंधित मामलों का निस्तारण किया जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य में सीमेंट संयंत्र प्रबंधकों द्वारा श्रमिकों के शोषण पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर सीमेंट संयंत्रों और अन्य औद्योगिक इकाइयों में आंतरिक गतिविधियों के लिए ठेकेदारों के माध्यम से सेवाएं उपलब्ध करवाने की अनुमति प्रदान की जाएगी.

प्रदेश के कर्मचारियों को श्रमिकों की सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश में जनसंख्या अनुपात में देश में सबसे अधिक कर्मचारी हैं. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है और भारत तथा हिमाचल प्रदेश भी इसका अपवाद नहीं है. महामारी के दौरान भारतीय मजदूर संघ ने इस स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार को अपना रचनात्मक सहयोग प्रदान किया है.

उन्होंने कहा कि राज्य के कर्मचारियों ने भी परीक्षा की इस घड़ी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. विशेष तौर पर आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने महामारी के दौरान अपनी सराहनीय सेवाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष के बजट में इस बैठक में प्राप्त सुझावों को शामिल करने का भी प्रयास किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से पर्यवेक्षकों की पदोन्नति का कोटा 80 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया जाएगा.

सीएम जयराम ने अधिकारियों को नवसृजित 412 पंचायतों में पंचायत चौकीदारों के पदों को सृजित करने और भरने के निर्देश भी दिए ताकि लोगों को सुविधा प्राप्त हो सके. इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के अध्यक्ष मदन राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा ही कर्मचारियों और श्रमिकों की विभिन्न मांगों के प्रति संवेदनशील रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट तैयार करते समय मजदूरों और मजदूर वर्ग की विभिन्न मांगों पर विचार करने का आग्रह किया.

ये भी पढ़ें: बीजेपी विधायक अनिल शर्मा ने जयराम सरकार को घेरा, CM पर लगाया क्षेत्र की अनदेखी का आरोप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.