शिमला: भारतमाला परियोजना में बद्दी-बरोटीबाला-नालागढ़ नोड को शामिल (BBN in Bharatmala project) करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केन्द्र सरकार का आभार जताया है. आने वाले जून माह तक इस परियोजना की डिटेल रिपोर्ट तैयार हो जाएगी. केंद्र सरकार ने भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत विकसित किए जाने वाले 11 औद्योगिक कॉरिडोर के 32 नोड में हिमाचल प्रदेश के बद्दी-बरोटीबाला-नालागढ़ नोड (Baddi Barotibala Nalagarh Road) को शामिल किया है. मुख्यमंत्री ने बीबीएन नोड को विकसित करने से संबंधित गतिविधियों को गति प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम सीमित (एनआईसीडीसी) के प्रयासों की भी सराहना की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना उद्योगों को संभारतंत्र (लॉजिस्टिकस) उपलब्ध करवाने, भविष्य के औद्योगिक नगर और राज्य में औद्योगिक विकास को और प्रोत्साहन प्रदान करने में दूरगामी (CM Jairam Thakur thanked the central government) साबित होगी. इस परियोजना से रोजगार के अवसर सृजित होंगे और आर्थिक उन्नति के साथ-साथ सर्वांगीण सामाजिक एवं आर्थिक सुनिश्चित होगा. मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को मूर्तरूप प्रदान करने के लिए केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष प्रभावी ढंग से मामला उठाया था और अमृतसर कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर से इसे जोड़ने से न केवल विनिर्माण क्षेत्र बल्कि कृषि क्षेत्र को भी होने वाले सीधे लाभ से उन्हें अवगत करवाया था.
इसी कड़ी में राज्य सरकार के एक प्रतिनिधिमण्डल ने आज निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति के नेतृत्व में नई दिल्ली में राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम सीमित (एनआईसीडीसी) के कार्यालय में आयोजित हितधारकों एवं परामर्शदाता संघों की बैठक में भाग लिया, जिसमें एनआईसीडीसी के वरिष्ठ अधिकारी और एलएण्डटी, पीडब्ल्यूसी और निप्पॉन-कोई की ओर से परामर्शदाता भी शामिल थे. यह बैठक मुख्य तौर पर अमृतसर कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के अन्तर्गत बद्दी-बरोटीबाला-नालागढ़ (बीबीएन) नोड के लिए परियोजना विकास गतिविधियों के संबंध में चुनिंदा परामर्शदाता संघों के साथ आयोजित की गई. इसी माह के प्रारम्भ में एलएण्डटी के नेतृत्व वाले संघ को बीबीएन नोड की मास्टर प्लानिंग और प्रारम्भिक इंजीनियरिंग संबंधी परामर्श के लिए चयनित किया गया है.
राज्य सरकार की ओर से निदेशक उद्योग ने बैठक में जानकारी दी कि बीबीएन क्षेत्र में औद्योगिक नोड के विकास के लिए 4000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि उपलब्ध है.इस भूमि का स्टेट ऑफ आर्ट एकीकृत औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने और बेहतर आवासीय एवं सामाजिक अधोसंरचना की स्थापना में उपयोग किया जा सकता है.
राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम सीमित की समीक्षा बैठक में देश में भविष्य के औद्योगिक नगरों की स्थापना और विश्व स्तरीय विनिर्माण सुविधाओं को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर कार्यक्रम (एनआईसीपी) अपनाने पर सहमति बनी. इस कार्यक्रम का वृहद उद्देश्य विभिन्न सेक्टर में अगली पीढ़ी की तकनीकों के उपयोग से विश्व स्तरीय विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना है ताकि विश्व के उत्कृष्ट विनिर्माण और निवेश केन्द्रों से मुकाबला किया जा सके.
यह परियोजना प्रदेश सरकार के सहयोग से संचालित की जा रही है और इसमें राज्य सरकार अपने परियोजना भागांश के रूप में भूमि उपलब्ध करवाएगी और नोड के विकास के लिए शेष व्यय केन्द्र सरकार वहन करेगी, जोकि राज्य द्वारा उपलब्ध करवाई गई भूमि की कीमत के बराबर होगा. नोड को विकसित करने के लिए राज्य एवं केन्द्र सरकार संयुक्त रूप से कार्य करेगी. इस परियोजना की अधिकतम लागत 3000 करोड़ रुपये होगी. इसके अतिरिक्त, वॉएबल गैप फंडिंग के अन्तर्गत राज्य को 10 वर्षों के लिए ब्याजमुक्त ऋण का भी प्रावधान है.