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लॉकडाउन के दौरान पड़ोसी राज्यों को भेजी 6.82 लाख क्विंटल हरे मटर व अन्य सब्जियां

हिमाचल में लॉकडाउन के दौरान किसानों द्वारा प्रदेश में तैयार की गई 6.82 लाख क्विंटल हरे मटर, गोभी और अन्य विभिन्न प्रकार की ऑफ सीजन सब्जियां पड़ोसी राज्यों में भेजी गई हैं. प्रदेश सरकार का कहना है कि किसानों व व्यापारियों को किसान रथ मोबाइल ऐप की सहायता से लगभग 5 लाख ट्रकों व 20 हजार ट्रैक्टरों की जानकारी उपलब्ध करवाई गई.

cm jairam on vegetable supply
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Published : Jun 14, 2020, 5:29 PM IST

शिमलाः लॉकडाउन के दौरान किसानों द्वारा प्रदेश में तैयार की गई 6.82 लाख क्विंटल हरे मटर, गोभी और अन्य विभिन्न प्रकार की ऑफ सीजन सब्जियां प्रदेश से बाहर पड़ोसी राज्यों में भेजी गई हैं.

इन सब्जियों को बाहरी राज्यों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के अधिकारियों ने पड़ोसी राज्यों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा और किसानों की सब्जियों को पड़ोसी राज्यों में पहुंचाने और मार्केट उपलब्ध करवाने में हर संभव सहयोग किया. जिसके परिणाम स्वरूप कृषकों को उनके उत्पाद के अच्छे दाम मिल सके हैं.

किसानों व व्यापारियों ने किसान रथ मोबाइल एप्प की सहायता से लगभग 5 लाख ट्रकों व 20 हजार ट्रैक्टरों की जानकारी उपलब्ध करवाई गई ताकि इस एप्प का उपयोग कर प्रदेश के किसान व व्यापारी अपनी कृषि उपज व अन्य विभिन्न प्रकार के सब्जी उत्पादों को राज्य के अंदर व राज्य के बाहर की विभिन्न मंडियों तक आसानी से पहुंचा सकें.

प्रदेश सरकार का कहना है कि किसानों को प्रदेश भर में लगभग 35,164 क्विंटल धान, मक्की, चहरी और बाजरा सहित अन्य प्रकार के बीज विभिन्न कृषि योजनाओं के माध्यम से अनुदान दरों पर कृषि विक्रय केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध करवाया जा चुका है.

वहीं, बीज की मांग के अनुसार बीज की सप्लाई विभिन्न जिलों में कृषि विभाग के माध्यम से निरंतर जारी है. साथ ही विभिन्न सब्जियों के बीज भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. ताकि किसानों को कृषि कार्य करने में असुविधा न हो.

कृषि विभाग द्वारा कृषकों की सुविधा के लिए कृषि समर्पित रूम भी स्थापित किया है. प्रदेश के किसानों द्वारा तैयार किए जाने वाले कृषि उत्पादों के क्रय-विक्रय के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में बनाए गए 60 मार्केट यार्ड और 41 कलेक्शन सेंटर संकट के इस समय में लगातार क्रियाशील रहे.

हिमाचल में कृषि मार्केट यार्डों व कृषि उत्पाद कलेक्शन सेंटरों के लगातार क्रियाशील रहने से प्रदेश में फल व सब्जियों की कोई कमी नहीं रही और किसानों को इस वैश्विक संकट के दौरान होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने में भी मदद मिली है.

कृषि विभाग के निदेशक डॉ. आरके कौंडल ने बताया कि प्रदेश के मध्य व निचले क्षेत्रों में गेहूं कटाई का कार्य लगभग पूरा हो गया है और विभाग द्वारा किसानों से गेहूं बीज प्रक्योरमेंट का कार्य भी किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत अब तक 14,030 क्विंटल गेहूं बीज का भंडारण भी एफसीआई के माध्यम से किया जा चुका है.

उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार समय-समय पर विभिन्न कदम उठाए गए हैं ताकि किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके और कृषि संबंधी कार्य निरंतर चलते रहे.

ये भी पढ़ें- निजी कंपनी के डायरेक्टर ने महिला पर लगाया ब्लैकमेल करने का आरोप, जांच में जुटी पुलिस

शिमलाः लॉकडाउन के दौरान किसानों द्वारा प्रदेश में तैयार की गई 6.82 लाख क्विंटल हरे मटर, गोभी और अन्य विभिन्न प्रकार की ऑफ सीजन सब्जियां प्रदेश से बाहर पड़ोसी राज्यों में भेजी गई हैं.

इन सब्जियों को बाहरी राज्यों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के अधिकारियों ने पड़ोसी राज्यों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा और किसानों की सब्जियों को पड़ोसी राज्यों में पहुंचाने और मार्केट उपलब्ध करवाने में हर संभव सहयोग किया. जिसके परिणाम स्वरूप कृषकों को उनके उत्पाद के अच्छे दाम मिल सके हैं.

किसानों व व्यापारियों ने किसान रथ मोबाइल एप्प की सहायता से लगभग 5 लाख ट्रकों व 20 हजार ट्रैक्टरों की जानकारी उपलब्ध करवाई गई ताकि इस एप्प का उपयोग कर प्रदेश के किसान व व्यापारी अपनी कृषि उपज व अन्य विभिन्न प्रकार के सब्जी उत्पादों को राज्य के अंदर व राज्य के बाहर की विभिन्न मंडियों तक आसानी से पहुंचा सकें.

प्रदेश सरकार का कहना है कि किसानों को प्रदेश भर में लगभग 35,164 क्विंटल धान, मक्की, चहरी और बाजरा सहित अन्य प्रकार के बीज विभिन्न कृषि योजनाओं के माध्यम से अनुदान दरों पर कृषि विक्रय केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध करवाया जा चुका है.

वहीं, बीज की मांग के अनुसार बीज की सप्लाई विभिन्न जिलों में कृषि विभाग के माध्यम से निरंतर जारी है. साथ ही विभिन्न सब्जियों के बीज भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. ताकि किसानों को कृषि कार्य करने में असुविधा न हो.

कृषि विभाग द्वारा कृषकों की सुविधा के लिए कृषि समर्पित रूम भी स्थापित किया है. प्रदेश के किसानों द्वारा तैयार किए जाने वाले कृषि उत्पादों के क्रय-विक्रय के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में बनाए गए 60 मार्केट यार्ड और 41 कलेक्शन सेंटर संकट के इस समय में लगातार क्रियाशील रहे.

हिमाचल में कृषि मार्केट यार्डों व कृषि उत्पाद कलेक्शन सेंटरों के लगातार क्रियाशील रहने से प्रदेश में फल व सब्जियों की कोई कमी नहीं रही और किसानों को इस वैश्विक संकट के दौरान होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने में भी मदद मिली है.

कृषि विभाग के निदेशक डॉ. आरके कौंडल ने बताया कि प्रदेश के मध्य व निचले क्षेत्रों में गेहूं कटाई का कार्य लगभग पूरा हो गया है और विभाग द्वारा किसानों से गेहूं बीज प्रक्योरमेंट का कार्य भी किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत अब तक 14,030 क्विंटल गेहूं बीज का भंडारण भी एफसीआई के माध्यम से किया जा चुका है.

उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार समय-समय पर विभिन्न कदम उठाए गए हैं ताकि किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके और कृषि संबंधी कार्य निरंतर चलते रहे.

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