शिमलाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश में कोरोना महामारी फैलने के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की.
इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले दिशा-निर्देशों के बारे में अवगत करवाया.
मुख्यमंत्री ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह कोविड-19 मामलों को ट्रैक और ट्रेस करने में सहायक सिद्ध होगा. उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में रह रहे श्रमिकों की सेवाएं औद्योगिक इकाइयों में ली जाने की संभावनाओं का पता लगाया जाना चाहिए.उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की सुविधा के लिए प्रदेश में कर्फ्यू में दी गई ढील के दौरान सोमवार और वीरवार को स्टेशनरी की दुकानें खुली रहेंगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्य के मुख्यमंत्रियों का मानना है कि लॉकडाउन का समय बढ़ाया जाना चाहिए और लॉकडाउन का यह चरण पहले से अलग होगा.
जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कर्फ्यू के दौरान किसानों की सुविधा के लिए उचित कदम उठाए जाएं क्योंकि उनकी फसल कटाई का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि उनकी फसल की खरीद के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए.उन्होंने कहा कि फसल कटाई के दौरान किसानों को सामाजिक दूरी के बारे में भी जागरूक किया जाना आवश्यक है.
कोविड-19 पर मुख्यमंत्री ने कहा-
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में तब्लीगी जमात के सम्पर्क में आए 684 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है और उन्हें तब तक निगरानी में रखा जाएगा, जब तक कि उन्हें चिकित्सक पूर्णतः स्वस्थ घोषित नहीं कर देते. उन्होंने कहा कि एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के दौरान कोरोना वायरस के लक्षणों के लिए चिन्हित किए गए लोगों का परीक्षण करने के लिए 15 वाहनों को सैंपलिंग वाहन के रूप में परिवर्तित किया जाएगा.
जय राम ठाकुर ने कहा कि खाद्य और नागरिक आपूर्ति और नागरिक आपूर्ति निगम को लोगों की सुविधा के लिए खुले बाजारों में आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करना चाहिए. नागरिक आपूर्ति निगम के डिपो में बफर स्टॉक सुनिश्चित करने के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए.वहीं,चेकिंग, होर्डिंग और मुनाफाखोरी पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य में कोविड-19 के जांच नमूने बढ़ाने के लिए श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल कॉलेज नेरचौक, जिला मंडी में आरटी-पीसीआर प्रयोगशाला स्थापित करने का आग्रह किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक 5404 व्यक्तियों को कोरोना वायरस के तहत निगरानी में रखा गया है, जिनमें से 2969 लोगों ने 28 दिनों की निगरानी अवधि पूरी कर ली है. उन्होंने कहा कि आज राज्य में कोविड-19 के लिए 64 व्यक्तियों की जांच की गई, जिसमें से 57 सैंपल नेगिटिव पाए गए हैं, दो सैंपल पॉजिटिव पाए गए और पांच सैंपलों की रिपोर्ट अभी आना बाकी है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान ने कहा कि राज्य में अब तक 954 व्यक्तियों की कोरोना वायरस की जांच की गई, जिनमें से 917 सैंपल नेगिटिव पाए गए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 32 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी, जिनमें से छह लोग ठीक हो गए है.
इसके अतिरिक्त, चार व्यक्ति राज्य से बाहर उपचाराधीन हैं और एक व्यक्ति का देहांत हो चुका है. उन्होंने कहा कि शेष 21 व्यक्ति राज्य के अस्पतालों में उपचाराधीन हैं. वहीं,मुख्य सचिव अनिल खाची, पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना, ओंकार चंद शर्मा और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू भी बैठक में उपस्थित थे.