शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अपनी ही पार्टी के विधायक अनिल शर्मा पर दया आती है. बकौल सीएम जयराम ठाकुर, अनिल शर्मा संकट के दौर से गुजर रहे हैं. नगर निगम चुनाव में बागियों और अनिल शर्मा फैक्टर को लेकर पूछे गए एक सवाल में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि अनिल शर्मा को लेकर वे ज्यादा बात नहीं करना चाहते. वे संकट के दौर से गुजर रहे हैं और उन्हें अनिल शर्मा पर दया आती है. अनिल शर्मा के बारे में पार्टी में कोई मजबूरी नहीं है.
सीएम जयराम का अनिल शर्मा पर तंज
सीएम ने कहा कि यदि पार्टी व सरकार की कोई मजबूरी होती तो अनिल शर्मा कैबिनेट में होते. उन्हें कैबिनेट से मुक्त कर दिया गया है. निकट भविष्य में न जाने कहां-कहां से मुक्त होंगे. सीएम बोले कि उन्हें कई बार अनिल शर्मा पर दया आती है. दिलचस्प बात ये है कि नगर निगम चुनाव खत्म हो गया है, लेकिन मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा और सीएम जयराम ठाकुर के बीच सियासी बयान थम नहीं रहे.
शिमला में मीडिया से रू-ब-रू हुए सीएम
नतीजों के बाद गुरूवार को सीएम जयराम ठाकुर शिमला में मीडिया से रू-ब-रू हुए. इस दौरान बागियों और अनिल शर्मा के चुनाव में व्यवहार पर सवाल पूछा गया. इस पर मुख्यमंत्री की अनिल शर्मा के प्रति खीझ दिखाई दी. सवाल ये था कि पार्टी ने कई बागियों को निगम चुनाव में बाहर का रास्ता दिखाया, लेकिन अनिल शर्मा पार्टी लाइन से अलग चलते रहे और उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. क्या अनिल शर्मा को पार्टी में बनाए रखने की कोई मजबूरी है?
अनिल शर्मा अपने ही घर के 9 व 11 वार्ड में हारे
इस पर सीएम ने तंज के लहजे में कहा कि यदि पार्टी की कोई मजबूरी होती तो अनिल शर्मा अभी भी कैबिनेट में होते. वो कैबिनेट में नहीं हैं और उन्हें मुक्त कर दिया गया है. फिर सीएम का लहजे में और भी तल्खी आई और उन्हें व्यंग्य कसते हुए कहा कि आने वाले समय में वे कहां से मुक्त होंगे ये पार्टी हाईकमान तय करेगी. वे अपने ही घर के 9 व 11 वार्ड में हारे हैं. यानी कांग्रेस हारी है.
यहां बता दें कि मंडी नगर निगम भाजपा के लिए नाक का सवाल बना हुआ था. यहां का चुनाव प्रबंधन हालांकि तेजतर्रार कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह के पास था, लेकिन सीएम जयराम ठाकुर ने भी यहां खूब जोर लगाया था. मंडी में प्रचार के दौरान अनिल शर्मा भी एक मुद्दा थे. अनिल शर्मा कोई बयान देते तो सीएम की तरफ से भी पलटवार आता. हालात ये हो गए कि अनिल शर्मा ने सीधे-सीधे चुनौती दे डाली कि वे सीएम व महेंद्र सिंह से नहीं डरते. उन्होंने पार्टी में उपेक्षा का आरोप भी लगाया.
भाजपा में अब अनिल शर्मा के लिए स्पेस नहीं
अनिल शर्मा को लेकर भाजपा की स्थिति अजीब है. भाजपा उन्हें पार्टी से निकालती नहीं और अनिल शर्मा खुद पार्टी से अलग होते नहीं. दोनों ही तरफ से कोई भी उपचुनाव का रिस्क नहीं लेना चाहता, लेकिन गुरूवार को सीएम का ये बयान कि उन्हें अनिल शर्मा पर दया आती है, इससे ये तो साफ हो गया है कि भाजपा में अब अनिल शर्मा के लिए स्पेस नहीं बचा है. अब आने वाले समय में स्थिति यथावत रहेगी.
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