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चार साल में एनडीपीएस के 5855 मामले दर्ज, 7938 को किया गिरफ्तार: सीएम जयराम ठाकुर

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Published : Jul 30, 2022, 9:40 PM IST

चंडीगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मादक द्रव्यों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर आयोजित सम्मेलन (conference on Drug Trafficking and National security in Chandigarh ) आयोजित हुआ. इस दौरान सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में पिछले चार साल में एनडीपीएस के तहत 5855 मामले दर्ज किए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2019 में टोल फ्री नशा निवारण हेल्पलाइन नम्बर 1908 आरंभ की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

conference on Drug Trafficking and National security in Chandigarh
सीएम जयराम ठाकुर

शिमला: चंडीगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मादक द्रव्यों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर आयोजित सम्मेलन में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि (conference on Drug Trafficking and National security in Chandigarh) पिछले चार साल में एनडीपीएस के तहत 5855 मामले दर्ज किए हैं. इन मामलों में 7938 अपराधियों को किया गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार मादक द्रव्यों की तस्करी और नशे जैसी सामाजिक बुराई के समूल नाश के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने (CM Jairam Thakur) कहा कि नशे के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के अंतर्गत मादक द्रव्यों के उद्गम स्थल से लेकर नशीले पदार्थों के उपयोग वाले स्थान तक के नेटवर्क को समाप्त करने के उद्देश्य से मादक द्रव्यों के उत्पादक और आपूर्तिकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत प्रदेश स्तर पर राज्य मादक द्रव्य अपराध नियंत्रण इकाई स्थापित की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नशे के विरुद्ध तकनीक का उपयोग किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2019 में टोल फ्री नशा निवारण हेल्पलाइन नम्बर 1908 आरंभ की गई है. इस हेल्पलाइन का मुख्य उद्देश्य आमजन को मादक पदार्थों के तस्करों की जानकारी साझा करने की दिशा में प्रोत्साहित करना और नशा पीड़ितों एवं उनके अभिभावकों को व्यसन मुक्ति के संदर्भ में परामर्श प्रदान करना है. इस हेल्पलाइन पर मादक द्रव्यों के संबंध में जानकारी देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाती है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में ही एक मोबाइल ऐप ड्रग फ्री हिमाचल भी आरंभ की है. उन्होंने कहा की इस एप पर लोग अपनी पहचान बताए बिना मादक पदार्थों की तस्करी, बिक्री और उपयोग की सूचना पुलिस विभाग को प्रदान कर सकते हैं.

इस ऐप को 42000 नागरिकों द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि इस एप पर अभी तक नशे के विरुद्ध 2194 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं. इन सूचनाओं के आधार पर नशा तस्करों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मादक पदार्थ रोकथाम नीति के तहत नशा उत्पादन, तस्करी एवं सेवन इत्यादि की रोकथाम के लिए पुनर्वास, व्यसन मुक्ति और वैकल्पिक विकास कार्यक्रम की दिशा में विस्तृत नीति बनाई जा रही है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नशे के विरुद्ध विभिन्न विभागों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करने, जन-जन को इस दिशा में जागरूक बनाने तथा हितधारकों को प्रशिक्षित करने के लिए नशा निवारण बोर्ड भी गठित किया गया है. राज्य में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित करने के साथ साथ थाना स्तर पर नशा निवारण समितियां गठित की गई हैं. गत चार वर्षों में इन समितियों द्वारा लगभग 10 लाख लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के विषय में जागरूक किया जा चुका है.

उन्होंने कहा कि नशा तस्करों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश पुलिस द्वारा अनेक अभिनव प्रथाएं आरंभ की गई हैं. उन्होंने कहा कि इनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. जयराम ठाकुर ने कहा कि नशा एक विश्वव्यापी समस्या है और हिमाचल प्रदेश में जन जन के सहयोग से इस सामाजिक कुरीति के उन्मूलन की दिशा में समुचित प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नशे की गंभीर समस्या से समग्र रूप से निपटने के लिए हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ द्वारा वर्ष 2019 में संयुक्त स्तर पर पंचकूला में अन्तरराज्यीय ड्रग सचिवालय की स्थापना की गई है.

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नशा निवारण एवं नियंत्रण की प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाने और तकनीक के व्यावहारिक प्रशिक्षण की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने नशा तस्करों के विरुद्ध संयुक्त एवं समन्वित कार्रवाई पर भी बल दिया. इस सम्मेलन में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी अपने-अपने राज्यों में नशे की कुरीति के विरुद्ध किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रदान की.

ये भी पढ़ें: उद्योग मंत्री के करीबी मुकेश कुमार ने थामा कांग्रेस का दामन, कांग्रेस कार्यालय शिमला में ली सदस्यता

शिमला: चंडीगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मादक द्रव्यों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर आयोजित सम्मेलन में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि (conference on Drug Trafficking and National security in Chandigarh) पिछले चार साल में एनडीपीएस के तहत 5855 मामले दर्ज किए हैं. इन मामलों में 7938 अपराधियों को किया गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार मादक द्रव्यों की तस्करी और नशे जैसी सामाजिक बुराई के समूल नाश के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने (CM Jairam Thakur) कहा कि नशे के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के अंतर्गत मादक द्रव्यों के उद्गम स्थल से लेकर नशीले पदार्थों के उपयोग वाले स्थान तक के नेटवर्क को समाप्त करने के उद्देश्य से मादक द्रव्यों के उत्पादक और आपूर्तिकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत प्रदेश स्तर पर राज्य मादक द्रव्य अपराध नियंत्रण इकाई स्थापित की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नशे के विरुद्ध तकनीक का उपयोग किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2019 में टोल फ्री नशा निवारण हेल्पलाइन नम्बर 1908 आरंभ की गई है. इस हेल्पलाइन का मुख्य उद्देश्य आमजन को मादक पदार्थों के तस्करों की जानकारी साझा करने की दिशा में प्रोत्साहित करना और नशा पीड़ितों एवं उनके अभिभावकों को व्यसन मुक्ति के संदर्भ में परामर्श प्रदान करना है. इस हेल्पलाइन पर मादक द्रव्यों के संबंध में जानकारी देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाती है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में ही एक मोबाइल ऐप ड्रग फ्री हिमाचल भी आरंभ की है. उन्होंने कहा की इस एप पर लोग अपनी पहचान बताए बिना मादक पदार्थों की तस्करी, बिक्री और उपयोग की सूचना पुलिस विभाग को प्रदान कर सकते हैं.

इस ऐप को 42000 नागरिकों द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि इस एप पर अभी तक नशे के विरुद्ध 2194 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं. इन सूचनाओं के आधार पर नशा तस्करों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मादक पदार्थ रोकथाम नीति के तहत नशा उत्पादन, तस्करी एवं सेवन इत्यादि की रोकथाम के लिए पुनर्वास, व्यसन मुक्ति और वैकल्पिक विकास कार्यक्रम की दिशा में विस्तृत नीति बनाई जा रही है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नशे के विरुद्ध विभिन्न विभागों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करने, जन-जन को इस दिशा में जागरूक बनाने तथा हितधारकों को प्रशिक्षित करने के लिए नशा निवारण बोर्ड भी गठित किया गया है. राज्य में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित करने के साथ साथ थाना स्तर पर नशा निवारण समितियां गठित की गई हैं. गत चार वर्षों में इन समितियों द्वारा लगभग 10 लाख लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के विषय में जागरूक किया जा चुका है.

उन्होंने कहा कि नशा तस्करों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश पुलिस द्वारा अनेक अभिनव प्रथाएं आरंभ की गई हैं. उन्होंने कहा कि इनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. जयराम ठाकुर ने कहा कि नशा एक विश्वव्यापी समस्या है और हिमाचल प्रदेश में जन जन के सहयोग से इस सामाजिक कुरीति के उन्मूलन की दिशा में समुचित प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नशे की गंभीर समस्या से समग्र रूप से निपटने के लिए हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ द्वारा वर्ष 2019 में संयुक्त स्तर पर पंचकूला में अन्तरराज्यीय ड्रग सचिवालय की स्थापना की गई है.

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नशा निवारण एवं नियंत्रण की प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाने और तकनीक के व्यावहारिक प्रशिक्षण की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने नशा तस्करों के विरुद्ध संयुक्त एवं समन्वित कार्रवाई पर भी बल दिया. इस सम्मेलन में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी अपने-अपने राज्यों में नशे की कुरीति के विरुद्ध किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रदान की.

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