शिमला: सत्ता संभालने के बाद अपने पहले बजट में सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेश भर में 10 अटल आदर्श विद्यालय और दूसरे बजट में 15 और अटल आदर्श विद्यालय घोषित किए गए थे. लेकिन अभी तक प्रदेश में एक भी अटल आदर्श विद्यालय शुरू नहीं हो सका है. प्रदेश में बनने वाले इन आवासीय विद्यालयों की योजना का नामकरण देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर किया गया था.
इस योजना के तहत बनने वाले आवासीय स्कूलो में कई तरह की सुविधाएं दी जानी थी. अभी तक मंडी जिले में दो और सिरमौर तथा बिलासपुर में एक-एक स्कूल का निर्माण कार्य ही शुरू हो पाया है. इस योजना में सबसे बड़ी दिक्कत भूमि अधिग्रहण और एफसीए को लेकर आ रही है. इन स्कूलों में आईसीटी लैब, जिम, स्वीमिंग पुल सहित अन्य कई सुविधाएं दी जानी हैं. छात्रों के सर्वांगीण विकास की ओर ध्यान दिया जाना है ना केवल शिक्षा बल्कि खेल व वैज्ञानिक दृष्टिकोण की तरफ छात्रों का रुझान पैदा किया जाएगा.
सरकार के अनुसार 25 विधानसभा क्षेत्रों में ऐसे स्कूल स्थापित करने को लेकर (Atal Adarsh School in Himachal) अधिसूचना जारी हो चुकी है. मंडी में धर्मपुर के समीप मढी और नाचन के गुडाहरी में काम शुरू कर दिया गया है. हर स्कूल को पांंच करोड़ रुपए की धनराशि दी गई है. एक स्कूल मुख्यमंत्री के ही गृह जिले में सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में खुलना है इसके लिए सरकारी विभाग की 19 बीघा जमीन ट्रांसफर की गई है. प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा में लंबागांव में भी ऐसा ही स्कूल खुलना है लेकिन उसकी अधिसूचना होने के बाद लैड ट्रांस्फर वाला मामला बहुत धीमा है. ऊना जिले में कुटलैहड़ में गेहरा में ऐसा ही स्कूल खुलना है.
योजना की शुरुआत पर सरकार ने इसके लिए 25 करोड़ रुपए का बजट रखा. लेकिन तब से अब तक यह योजना धरातल पर नहीं उतर पाई है. हालांकि आईएएस अधिकारी से विधायक बने जेआर कटवाल अपने विधानसभा क्षेत्र झंडूता में एक स्कूल सेंक्शन करवाने में सफल रहे. जेआर कटवाल ने कहा कि उनके पास भवन पहले से मौजूद है. जवाहर नवोदय विद्यालय शिफ्ट होने के कारण झंडूता में 20 से अधिक कमरों का एक भवन खाली है. इसी भवन में अटल आदर्श विद्यालय शुरू करने की योजना है. एक सवाल के जवाब में जेआर कटवाल ने कहा कि शर्त के मुताबिक अन्य सुविधाओं के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है लेकिन एफसीए की मंजूरी नहीं मिलने के कारण वहां निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं. जैसे ही एफसीए की क्लियरेंस मिल जाएगी उसी समय वहां अन्य सुविधाएं भी शुरू कर दी जाएंगी.
मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र सिराज में पिछले साल अगस्त में (Atal Adarsh School in Himachal) इस तरह का स्कूल बगस्याड़ में घोषित किया गया. यदि अन्य स्कूलों की बात करें तो बिलासपुर के बरठीं, चंबा के सत्यास, मंडी के चैलचौक और सरकाघाट, सिरमौर के बंदली में भी 2019 में स्कूल खोलने का ऐलान किया गया था. सोलन जिले के कुनिहार स्कूल को भी ऐसे आवासीय विद्यालय में बदलने का ऐलान किया गया. इसके अलावा ऐसे विधानसभा क्षेत्रों की सूची में जुब्बल-कोटखाई, रेणुकाजी, द्रंग, रामपुर, चिंतपूर्णी, धर्मशाला, ज्वाली, बल्ह, देहरा, शाहपुर, हमीरपुर, अर्की और नाहन विधानसभा क्षेत्र भी शामिल हैं. यह योजना हर तरह से शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए सक्षम है. लेकिन भूमि का चयन, भूमि अधिग्रहण, लैंड ट्रांसफर के तौर पर पहला चरण ही पूरा नहीं हो रहा है. चार साल में एक भी स्कूल पूरी तरह से निर्मित नहीं हो पाया है. यह सही है कि चार स्कूलों का निर्माण कार्य जारी है.
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर का कहना है कि योजना भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए तैयार की गई है. भूमि अधिग्रहण और लैंड ट्रांसफर जैसी बाधाएं पूरी होने पर आगामी चरण का काम जल्द संभव होगा. सरकार ने इसके लिए बजट भी पर्याप्त रखा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि लैंड ट्रांसफर की बाधा दूर होते ही जल्द बोर्डिंग स्कूल निर्माण कार्य तेज होगा.