शिमला: शहर में सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे सैहब कर्मियों ने नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कर्मचारियों ने अपनी मांगें न मानने पर निगम के खिलाफ प्रदर्शन करने और सफाई व्यवस्था ठप करने की चेतावनी दी है. सैहब कर्मियों ने मांग उठाई है कि उन्हें स्थाई नौकरी दी जाए और उनका वेतन भी बढ़ाकर फिक्स किया जाए. मंगलवार को सैहब सोसाइटी ने बीते हफ्ते हुए अपने जनरल हाउस के बाद एक और बैठक बुलाई.
सैहब कर्मियों का कहना है कि वह करीब 12 सालों से स्थाई नौकरी की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांगों पर कोई अमल नहीं किया गया. कर्मियों का कहना है कि अभी उन्होंने 8 से 10 हजार रुपये मसिक वेतन मिलता है. ऐसे में वह अपना घर कैसे चलाएंगे. कोरोना काल में अभी तक सैहब सोसाइटी के कर्मियों ने दिन रात मेहनत की और शहर को साफ रखने में अपना पूरा योगदान दिया. ऐसे में शहर के सफाई कर्मियों की भी मांगें पूरी की जाए. सैहब सोसाइटी के प्रधान जसवंत का कहना है कि कर्मियों की एक ही मुख्य मांग है और वह स्थाई नौकरी है.
इससे साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक निगम की ओर से सैहब कर्मियों की बकाया राशि का भुगतान भी नहीं किया गया. सैहब कर्मियों के लिए 4.9.14 तो लागू कर दिया गया, लेकिन जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक का एरियल कर्मियों को नहीं मिला. ऐसे में जल्द से जल्द कर्मियों को उनकी बकाया राशि का भुगतान भी किया जाए.
उन्होंने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी निगम से बाहर करने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखा जा रहा है, जो कि अन्य कर्मचारियों के साथ अन्याय है. बीते हफ्ते भी कर्मचारियों ने यह मांग उठाई थी और निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ.
कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल एक बार फिर निगम को अपनी मांगों से अवगत कराएगा, लेकिन अगर निगम ने इस मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो दो दिन बाद रोजाना कर्मचारियों की बैठक बुलाई जाएगी और निगम कार्यालय के बाहर प्रशर्दन कर नारेबाजी की जाएगी.
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