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DDU अस्पताल में कथित तौर पर क्लास-4 के कर्मी ले रहे कोरोना सैंपल! MS का इन्कार

शिमला में कोविड डेडिकेटेड अस्पताल डीडीयू पर आरोप लगा है कि अस्पताल में क्लास-4 के कर्मचारी कोरोना मरीजों के सैंपल ले रहे हैं. कोरोना टेस्ट ले रहे कर्मचारी दबी जुबान में प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं. दूसरी और अस्पताल प्रशासन ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया है. ईटीवी भारत ने सैंपल ले रहे कर्मचारियों से बातचीत की लेकिन किसी ने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया

corona test in DDU hospital shimla
corona test in DDU hospital shimla
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Published : Jun 17, 2020, 7:05 PM IST

शिमलाः राजधानी शिमला का दीन दयाल अस्तपताल एक बार फिर सुर्खियों में है. कोरोना की जंग से लड़ने के लिए बनाया गया डेडिकेटेड अस्पताल डीडीयू इस बार कोरोना टेस्ट को लेकर चर्चा में है. आरोप है कि शहर के बीचोबीच स्थित डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल में क्लास-4 के कर्मचारी कोरोना मरीजों के ब्लड सैंपल ले रहे हैं.

दबी जुबान में कर्मचारियों ने जताया विरोध

ऐसे में अब कोरोना टेस्ट को लेकर सवाल उठ रहे हैं. कोरोना सैंपल ले रहे कर्मचारी दबी जुबान में प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर भी कई प्रश्न खड़े कर रहे हैं.

वीडियो

क्लास-4 के कर्मचारी भले ही कैमरे पर आने से डर रहे हैं, लेकिन प्रशासन के आदेश पर बिना प्रशिक्षण के सैंपल लेने को मजबूर हैं. क्लास-4 के कर्मचारी प्रशासन के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और प्रशिक्षित तकनीशियन और नर्सिज से सैंपलिंग का काम करवाने की मांग कर रहे हैं.

अस्पताल प्रशासन ने आरोप को किया खारिज

वहीं, क्लास-4 कर्मचारियों की ओर से लगाए आरोपों को अस्पताल प्रशासन ने सिरे से खारिज किया है. अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि गाइडलाइंस के तहत सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना टेस्ट करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है.

अस्पताल एमएस डॉ. लोकिन्द्र शर्मा ने बताया कि कोरोना टेस्ट करने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है. इसके लिए शिफ्टों में सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात किया जाता है. उन्होंने बताया कि ड्यूटी को लेकर किसी तरह प्रशासन और कर्मचारियों के बीच कोई दरार नहीं है. ऐसे में सभी कर्मचारी प्रशिक्षित हैं जिन्हें पीपीई किट पहनाकर ड्यूटी पर तैनात किया जाता है.

क्या कहते हैं कर्मचारी नेता

कर्मचारी नेता सुभाष धांटा का कहना है कि टेस्ट लेने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में करीब चार सौ कर्मचारी हैं जिन्हें कोविड-19 के चलते कोरोना टेस्ट लेने का प्रशिक्षण दिया गया है.

ये भी पढ़ें- कथित स्वास्थ्य घोटाले को लेकर नाहन में यूथ कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, CM से मांगा इस्तीफा

बता दें कि कोरोना की जंग लड़ने के लिए बनाया गया डेडिकेटेड कोविड अस्पताल शुरु से ही विवादों में है. डेडिकेटेड अस्पताल में जहां सुविधाओं को लेकर शहरवासियों और राजनीतिक दलों ने कई सवाल उठाए हैं. वहीं, अब अस्पताल में किए जा रहे कोरोना टेस्ट को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- 1.37 लाख पंजीकृत कामगारों को मिलेगी 2 हजार की अतिरिक्त किश्त, CM ने की घोषणा

शिमलाः राजधानी शिमला का दीन दयाल अस्तपताल एक बार फिर सुर्खियों में है. कोरोना की जंग से लड़ने के लिए बनाया गया डेडिकेटेड अस्पताल डीडीयू इस बार कोरोना टेस्ट को लेकर चर्चा में है. आरोप है कि शहर के बीचोबीच स्थित डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल में क्लास-4 के कर्मचारी कोरोना मरीजों के ब्लड सैंपल ले रहे हैं.

दबी जुबान में कर्मचारियों ने जताया विरोध

ऐसे में अब कोरोना टेस्ट को लेकर सवाल उठ रहे हैं. कोरोना सैंपल ले रहे कर्मचारी दबी जुबान में प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर भी कई प्रश्न खड़े कर रहे हैं.

वीडियो

क्लास-4 के कर्मचारी भले ही कैमरे पर आने से डर रहे हैं, लेकिन प्रशासन के आदेश पर बिना प्रशिक्षण के सैंपल लेने को मजबूर हैं. क्लास-4 के कर्मचारी प्रशासन के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और प्रशिक्षित तकनीशियन और नर्सिज से सैंपलिंग का काम करवाने की मांग कर रहे हैं.

अस्पताल प्रशासन ने आरोप को किया खारिज

वहीं, क्लास-4 कर्मचारियों की ओर से लगाए आरोपों को अस्पताल प्रशासन ने सिरे से खारिज किया है. अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि गाइडलाइंस के तहत सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना टेस्ट करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है.

अस्पताल एमएस डॉ. लोकिन्द्र शर्मा ने बताया कि कोरोना टेस्ट करने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है. इसके लिए शिफ्टों में सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात किया जाता है. उन्होंने बताया कि ड्यूटी को लेकर किसी तरह प्रशासन और कर्मचारियों के बीच कोई दरार नहीं है. ऐसे में सभी कर्मचारी प्रशिक्षित हैं जिन्हें पीपीई किट पहनाकर ड्यूटी पर तैनात किया जाता है.

क्या कहते हैं कर्मचारी नेता

कर्मचारी नेता सुभाष धांटा का कहना है कि टेस्ट लेने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में करीब चार सौ कर्मचारी हैं जिन्हें कोविड-19 के चलते कोरोना टेस्ट लेने का प्रशिक्षण दिया गया है.

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बता दें कि कोरोना की जंग लड़ने के लिए बनाया गया डेडिकेटेड कोविड अस्पताल शुरु से ही विवादों में है. डेडिकेटेड अस्पताल में जहां सुविधाओं को लेकर शहरवासियों और राजनीतिक दलों ने कई सवाल उठाए हैं. वहीं, अब अस्पताल में किए जा रहे कोरोना टेस्ट को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.

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