ETV Bharat / city

केंद्रीय बजट के खिलाफ और ऊना पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले पर शिमला में सीटू का प्रदर्शन

author img

By

Published : Feb 25, 2022, 8:14 PM IST

सीटू व हिमाचल किसान सभा राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने केंद्रीय बजट व ऊना जिला के बाथू-बाथड़ी में अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट में आठ महिला मजदूरों की मौत के मुद्दे पर शिमला में (CITU demonstration in Shimla) प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया.

CITU protest in Shimla against Union Budget
शिमला में सीटू का प्रदर्शन

शिमला: सीटू व हिमाचल किसान सभा राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने हाल ही में पेश किए गए केंद्रीय बजट को मजदूर,किसान व आम जनता विरोधी करार दिया है. शिमला में प्रदर्शन के दौरान (CITU demonstration in Shimla) उन्होंने कहा कि मनरेगा के बजट में 38 हजार करोड़, मिड डे मील के बजट में एक हजार तीन सौ करोड़ रुपये व आंगनबाड़ी के बजट में भारी कटौती की गई है. खाद्य सब्सिडी, फर्टिलाइजर सब्सिडी व अन्य सब्सिडियों में 11 से 31 प्रतिशत की कटौती की (CITU protest against Union Budget) गई है जबकि पूंजीपतियों के कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है. यह बजट पूंजीपतियों के पक्ष व आम जनता के विरोध में है.

वहीं, सीटू राज्य कमेटी ने फैक्ट्री मालिक, प्रबंधन, श्रम अधिकारी ऊना, उद्योग व बिजली विभाग के अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की है. राज्य कमेटी ने मारे गए आठ मजदूरों के परिवार को 25 लाख, गम्भीर रूप से घायल चौदह मजदूरों को 20 लाख व अन्य घायलों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है.

सीटू ने इस घटना के लिए प्रदेश सरकार, उद्योग,बिजली व श्रम विभाग को सीधे तौर पर (Una cracker factory blast case) जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि श्रम विभाग के नाक तले श्रम कार्यालय ऊना के बिल्कुल नजदीक अवैध रूप से पटाखा फैक्ट्री चल रही थी. फैक्ट्री में बिजली का भी अवैध कनेक्शन था. काफी समय से यह गोरखधंधा चल रहा था, इसलिए फैक्ट्री मालिक, प्रबंधन के साथ ही श्रम अधिकारी, उद्योग व बिजली विभाग के अधिकारियों पर तुरन्त एफआईआर दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए व उन पर हत्या का मुकद्दमा दर्ज किया जाए. इस पूरे घटनाक्रम से साफ हो गया है कि उक्त फैक्ट्री को प्रदेश सरकार व अधिकारियों का खुला संरक्षण था.

शिमला: सीटू व हिमाचल किसान सभा राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने हाल ही में पेश किए गए केंद्रीय बजट को मजदूर,किसान व आम जनता विरोधी करार दिया है. शिमला में प्रदर्शन के दौरान (CITU demonstration in Shimla) उन्होंने कहा कि मनरेगा के बजट में 38 हजार करोड़, मिड डे मील के बजट में एक हजार तीन सौ करोड़ रुपये व आंगनबाड़ी के बजट में भारी कटौती की गई है. खाद्य सब्सिडी, फर्टिलाइजर सब्सिडी व अन्य सब्सिडियों में 11 से 31 प्रतिशत की कटौती की (CITU protest against Union Budget) गई है जबकि पूंजीपतियों के कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है. यह बजट पूंजीपतियों के पक्ष व आम जनता के विरोध में है.

वहीं, सीटू राज्य कमेटी ने फैक्ट्री मालिक, प्रबंधन, श्रम अधिकारी ऊना, उद्योग व बिजली विभाग के अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की है. राज्य कमेटी ने मारे गए आठ मजदूरों के परिवार को 25 लाख, गम्भीर रूप से घायल चौदह मजदूरों को 20 लाख व अन्य घायलों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है.

सीटू ने इस घटना के लिए प्रदेश सरकार, उद्योग,बिजली व श्रम विभाग को सीधे तौर पर (Una cracker factory blast case) जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि श्रम विभाग के नाक तले श्रम कार्यालय ऊना के बिल्कुल नजदीक अवैध रूप से पटाखा फैक्ट्री चल रही थी. फैक्ट्री में बिजली का भी अवैध कनेक्शन था. काफी समय से यह गोरखधंधा चल रहा था, इसलिए फैक्ट्री मालिक, प्रबंधन के साथ ही श्रम अधिकारी, उद्योग व बिजली विभाग के अधिकारियों पर तुरन्त एफआईआर दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए व उन पर हत्या का मुकद्दमा दर्ज किया जाए. इस पूरे घटनाक्रम से साफ हो गया है कि उक्त फैक्ट्री को प्रदेश सरकार व अधिकारियों का खुला संरक्षण था.

ये भी पढ़ें : यूक्रेन में हालात बदतर: -4 डिग्री टेंपरेचर में बंकर में रहने को मजबूर हैं हिमाचल के छात्र, हमीरपुर के अनन्य शर्मा ने बताई स्थिति

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.