शिमला: हिमाचल के सभी जिलों में होने वाले जनमंच कार्यक्रम में मंत्रियों की ड्यूटी लगा दी गई है. पहले लगाई गई ड्यूटी में कुछ बदलाव कर आज फिर से मंत्रियों की सूची जारी कर दी गई है. मुख्य सचेतक बिक्रम जरयाल (Chief Whip Bikram Jaryal) ने कहा कि अब जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Jal Shakti Minister Mahender Singh Thakur) अब हमीरपुर जिला के नादौन में होने वाले जनमंच कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. इसके अलावा शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) अब कुल्लू जिला के आनी में होने वाले जनमंच कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे.
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी अब बिलासपुर जिला के श्री नैना देवी जी में होने वाले जनमंच कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) शिमला जिला के जुब्बल कोटखाई, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी (Social Justice and Empowerment Minister Sarveen Choudhary) मंडी जिला के करसोग, डॉ. रामलाल मारकंडा लाहौल स्पीति के काजा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर बिलासपुर जिला के झंडूत्ता, स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल सिरमौर जिला के पछाद, वन मंत्री राकेश पठानिया (Forest Minister Rakesh Pathania) कांगड़ा जिला के जयसिंहपुर, खाद्य आपूर्ति मंत्री राजिंद्र गर्ग किन्नौर के निचार और विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज चंबा के तीसा में जनमंच में उपस्थित रहेंगे.
जनमंच कार्यक्रम के अध्यक्ष और विधानसभा में सरकार के मुख्य सचेतक बिक्रम सिंह जरयाल ने कहा कि सभी जिलों से जनमंच की समीक्षा रिपोर्ट भी मांगी गई है. जिसमें अब तक हुए जनमंचों का ब्यौरा दिया जाएगा. इसके अनुसार ऐसी शिकायतें जिनका जनमंच में समाधान नहीं हो पाया है उनपर गंभीरता से विचार किया जाएगा. बिक्रम सिंह ने कहा कि अबतक के सभी 22 जनमंचों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी.
हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में करीब 6 माह बाद 23वां जनमंच कार्यक्रम होगा. 12 सितंबर को इस जनमंच कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. कोरोना महामारी के चलते जनमंच कार्यक्रमों को बंद कर दिया गया था. अब राज्य में कोरोना के मामले कम होना शुरू हुए हैं. ऐसे में सरकार ने दोबारा से जनमंच कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव संदीप भटनागर ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है.
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12 फरवरी को हुआ था अंतिम जनमंच: अंतिम जनमंच कार्यक्रम (Jan Manch Program) का आयोजन 12 फरवरी 2021 को किया गया था. इसके बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ना शुरू हो गए और कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) हिमाचल पर पूरी तरह से हावी हो गई. ऐसे में सरकार ने सभी तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगा दी थी. इसी के चलते जनमंच कार्यक्रम भी बंद कर दिए गए. जनमंच में ज्यादा संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती है, ऐसे में कोरोना के फैलने का खतरा ज्यादा रहता है. इसी को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम बंद किए गए थे.
जनमंच में सुनी जाती है लोगों की समस्याएं: भाजपा सरकार ने जनमंच कार्यक्रम लोगों को घर द्वार पर सुविधाएं पहुंचाने के लिए शुरू किए थे. लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़े. मौके पर ही समस्या का समाधान हो जाए, इसलिए यह जनमंच शुरू किए गए. कार्यक्रम स्थल पर अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहते हैं. जिससे मौके पर मंत्री के सामने समस्या का समाधान हो जाता है.
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