शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आंदोलनरत कर्मचारियों (Jairam Thakur on the agitating employees) को दो टूक शब्दों में कहा है कि जो कर्मचारी नियमों की अवहेलना करेंगे, आंदोलन करेंगे, उनकी बात नहीं मानी जाएगी और जो कर्मचारी नियम तोड़ कर आंदोलन करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कर्मचारियों को कोई दिक्कत है, तो वह मिलकर बात कर सकते हैं. लेकिन आंदोलन की राह पर जो लोग जाएंगे, उनकी मांग किसी भी सूरत में नहीं मानी जाएगी.
प्रदेश में नया वेतन आयोग लागू होने के बाद से कर्मचारियों के अलग-अलग वर्ग अपने मांगों को लेकर विभिन्न माध्यमों से सरकार के समक्ष आ रहे हैं. कुछ कर्मचारी वर्गों ने आंदोलन की राह अभी पकड़ ली है. ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कर्मचारी विधानसभा के बाहर बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. इसको लेकर प्रदेश भर में माहौल तैयार किया जा रहा है. इस प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलनरत कर्मचारियों की बात नहीं सुनी जाएगी.
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को जो भी दिक्कतें आ रही हैं. वह मिलकर बात करें, उसका समाधान किया जाएगा. लेकिन अगर कर्मचारी आंदोलन करते हैं और नियमों की अवहेलना करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी की बात बड़ी ही सहजता के साथ सुन रही है और जो-जो मांगें पूरी की जा सकती थी, उन्हें पूरा किया जा रहा है. इसके आगे भी सरकार कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का हर संभव प्रयास करेगी.
दरअसल ओपीएस की (Demand of OPS in Himachal) मांग को लेकर प्रदेश में इन दिनों धरने प्रदर्शन जारी हैं और कर्मचारी प्रदेश के विभिन्न स्थानों से एकत्र होकर विधानसभा का घेराव करने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि प्रदेश सरकार की तरफ से कर्मचारियों के इस संगठन को बातचीत का न्योता भी दिया गया है. अब यह देखने वाली बात होगी कि क्या कर्मचारी मुख्यमंत्री के बातचीत के आमंत्रण को स्वीकार करते हैं या फिर विधानसभा (Himachal assembly budget session) के घेराव की अपनी बात पर अडिग रहते हैं. हालांकि प्रदेश सरकार की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि जो कर्मचारी आंदोलन करेंगे, उनकी बात नहीं मानी जाएगी.
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