शिमलाः कोरोना वायरस के संकट के समय में भी प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी नहीं रुक रही है. निजी स्कूल सरकार और शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन भी नहीं कर रहे हैं. यह कहना है छात्र अभिभावक मंच का. इसी को लेकर मंच एक बार फिर अपना आंदोलन इन निजी स्कूलों के खिलाफ शुरू करने जा रहा है.
छात्र अभिभावक मंच 19 जून को निजी स्कूलों की मनमानी के विरोध में शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन करने जा रहा है. यह प्रदर्शन निजी स्कूलों की प्रदेश सरकार के केवल ट्यूशन फीस लेने के आदेश की अवहेलना के खिलाफ किया जा रहा है.
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि कोरोना महामारी के समय में भी निजी स्कूल लूट मचा रहे हैं. बावजूद इसके भी सरकार और शिक्षा विभाग चुप्पी साधे हुए बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि स्कूलों की ओर से अभिभावकों पर एसएमएस के माध्यम से बार बार फीस जमा करवाने का दबाव बनाया जा रहा है. कई अभिभावकों ने अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए फीस भी जमा करवा दी है. निजी स्कूल ट्यूशन फीस के साथ ही सभी तरह के एनुअल चार्ज और अन्य फंड भी वसूल रहा है.
विजेंद्र मेहरा ने कहा कि सरकार की ओर से भी कोई उचित मैकेनिज्म तैयार नहीं किया गया है जिसकी वजह से ही यह निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं. ट्यूशन फीस कुल फीस के पचास प्रतिशत से अधिक नहीं वसूली जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार और उच्च शिक्षा निदेशक साल 2019 की तर्ज पर केवल ट्यूशन फीस लेने के साथ ही तीन महीने की फीस को हर महीने के आधार पर वसूल करने के आदेशों का निजी स्कूलों से पालन नहीं करवाया गया तो मंच का आंदोलन और तीव्र होगा.
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