शिमला: 5 अक्टूबर को पीएम मोदी बिलासपुर और कुल्लू दौरे पर आ रहे हैं. ऐसे में एसपी बिलासपुर द्वारा 5 अक्तूबर को प्रस्तावित पीएम नरेंद्र मोदी की रैली को कवर करने के लिए पत्रकारों से चरित्र प्रमाणपत्र मांग (Character Certificate Sought From Journalists) लिए गए. वहीं, जब एसपी बिलासपुर के इन आदेशों की सोशल मीडिया में किरकिरी होने लगी तो आदेश वापस ले लिए गए हैं.
दरअसल, बिलासपुर जिला पुलिस की ओर से पीएम की रैली (PM Modi Rally In Himachal) की कवरेज के लिए 29 सितंबर को डीपीआरओ को पत्रकारों से उनके चरित्र सत्यापन का प्रमाण पत्र देने के लिए एक पत्र जारी किया गया. लेकिन जब सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से इन आदेशों की आलोचना होने लगी तो 4 अक्टूृबर को पुलिस ने इन आदेशों को वापस ले लिया.
खुद हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू ने इन आदेशों को वापस लिया है और इस पूरे मामले पर खेद जताया है. साथ ही कहा कि रैली में सभी पत्रकारों का स्वागत है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सभी पत्रकारों का 5 अक्टूबर को प्रस्तावित पीएम मोदी की रैली में स्वागत है. हिमाचल प्रदेश पुलिस पत्रकारों को कवरेज की सुविधा प्रदान करेगी. किसी भी असुविधा के लिए खेद है. डीपीआर व डीपीआरओ की ओर से अनुशंसित पत्रकारों, फोटोग्राफर को पास उपलब्ध करवाए जाएंगे.
वहीं, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने ट्वीट कर इन आदेशों की आलोचना की. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि चरित्रहीन भाजपा नेता हिमाचल के चरित्रवान पत्रकारों से चरित्र प्रमाणपत्र मांग रहे हैं. वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने ट्वीट कर अलका लांबा से पूछा कि उनका आशय क्या है? हिमाचल आने के बाद वह लगातार अमर्यादित टिप्पणियां कर रही हैं. प्रधानमंत्री के प्रति कांग्रेस की दुर्भावना छिपी नहीं हैं, लेकिन इस तरह की भाषा इस्तेमाल करना शर्मनाक व निंदनीय है.
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