शिमलाः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट पेश कर दिया है. इस बजट में किसानों और गरीब लोगों का विशेष ध्यान रखा गया है. आम जनता में भी इस बजट को लेकर सकारात्मकता देखने को मिल रही है, लेकिन इस बजट में पेट्रोल-डीजल और कुछ अन्य चीजों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल पर 1-1 रुपये का अतिरिक्त सेस लगाया जाएगा. पेट्रोल और डीजल पर सेस बढ़ाने से इसका असर आम आदमी की जेब पर सीधा पड़ेगा. पेट्रोल-डीजल पर सेस बढ़ाने से न सिर्फ महंगाई बढ़ेगी, बल्कि इनका दाम बढ़ने से माल ढुलाई पर आने वाला खर्च भी बढ़ेगा. इसका प्रभाव हर सामान की कीमत पर पड़ना तय है.
बैंकिंग क्षेत्र में सेस बढ़ने का साफ असर देखने को मिलेगा. आसान शब्दों में कहें तो सेस बढ़ने से बैंकों से लिए जाने वाले कर्ज पर आपको अधिक ब्याज देना पड़ेगा. अगर रिपोर्टों की मानें तो आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) इस वक्त देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कर रहा है.
अगर सेस लगने के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि जारी रहती है तो आरबीआई प्रमुख उधार दर (लैंडिंग रेट) में 25 बीपीएस की बढ़ोतरी करने पर विचार कर सकता है. विशेषज्ञों के बीच भी इसे लेकर आशंका है कि इससे एक समय अवधि के लिए मुद्रास्फीति में वृद्धि होगी.