शिमला/नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की सुनवाई टाल दिया है. इस मामले में कोर्ट वीरभद्र सिंह के खिलाफ दर्ज मामले को पहले ही समाप्त कर चुकी है. स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने इस मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को करने का आदेश दिया है.
शनिवार को सुनवाई के दौरान वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, आनंद चौहान और विक्रमादित्य सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए. इस मामले के अभियोजन पक्ष की ओर से दो गवाहों, शरत कांत विनोद और एस बाला सुब्रमण्यम ने अपने बयान दर्ज कराए. इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक कैलाश कालोनी के प्रतिनिधि को पेश होना था, लेकिन कोई पेश नहीं हुआ. जिसके बाद कोर्ट ने बैंक के ब्रांच हेड के खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश दिया.
3 अगस्त 2021 को कोर्ट ने वीरभद्र सिंह की मौत की सूचना के बाद उनके खिलाफ दर्ज मामले को समाप्त करने का आदेश दिया था. बता दें कि 8 जुलाई 2021 को वीरभद्र सिंह की मौत हो गई. 22 फरवरी 2019 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दायर मामले में आरोप तय किया था. 21 जुलाई 2018 को ईडी ने वीरभद्र सिंह के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल किया था. ईडी ने पूरक चार्जशीट में वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य को भी आरोपी बनाया है.
22 मार्च 2018 को कोर्ट ने वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह समेत सभी नौ आरोपियों को 50-50 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी थी. उसके पहले 12 फरवरी 2018 को कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोप पत्र का संज्ञान लिया था. इस मामले में वीरभद्र सिंह के एलआईसी एजेंट आनंद चौहान को पटियाला हाउस कोर्ट ने 2 जनवरी 2018 को जमानत दे दिया था. 30 नवंबर 2017 को कोर्ट ने वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी को सुनवाई के लिए व्यक्तिगत पेशी से हमेशा के लिए छूट दे दी थी. कोर्ट ने दोनों को निर्देश दिया था कि वे आरोप तय होने के बाद कोर्ट में पेश हों.