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शिमला में पानी की किल्लत: हाईकोर्ट ने जल प्रबंधन बोर्ड से मांगे सुझाव - न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान

पानी की किल्लत को लेकर दायर मामले में हाई कोर्ट ने मंगलवार तक अपने सुझाव अदालत के समक्ष पेश करने को कहा है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने स्थानीय निवासी अधिवक्ता विजय अरोड़ा द्वारा जनहित में दायर इस याचिका को आज यानी मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया.

शिमला में पानी की किल्लत, water shortage in shimla
हिमाचल हाईकोर्ट (फाइल फोटो).
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Published : May 9, 2022, 9:23 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला शहर में पानी की व्यवस्था सुचारू रूप से किए जाने बारे जल प्रबंधन बोर्ड से सुझाव मांगे हैं. पानी की किल्लत को लेकर दायर मामले में हाई कोर्ट ने मंगलवार तक अपने सुझाव अदालत के समक्ष पेश करने को कहा है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने स्थानीय निवासी अधिवक्ता विजय अरोड़ा द्वारा जनहित में दायर इस याचिका को आज यानी मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया.

शिमला जल प्रबंधन बोर्ड की ओर से अदालत को बताया गया कि पिछले दिनों गुम्मा में बिजली की सप्लाई ठप रहने से पानी की आपूर्ति बाध्य रही. अदालत को बताया गया कि शिमला जल प्रबंधन बोर्ड ने बिजली बोर्ड के पास नए ट्रांसफार्म के लिए पैसे जमा करवा रखे हैं, लेकिन अभी तक बिजली बोर्ड ने नया ट्रांसफार्म नहीं लगाया है.

अदालत ने इस मामले में हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रतिवादी बनाया. अदालत को यह भी अवगत करवाया गया कि गुम्मा से कोटखाई तक हो रही अवैध डंपिंग से प्राकृतिक स्रोत सूखने की कगार पर है.

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शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला शहर में पानी की व्यवस्था सुचारू रूप से किए जाने बारे जल प्रबंधन बोर्ड से सुझाव मांगे हैं. पानी की किल्लत को लेकर दायर मामले में हाई कोर्ट ने मंगलवार तक अपने सुझाव अदालत के समक्ष पेश करने को कहा है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने स्थानीय निवासी अधिवक्ता विजय अरोड़ा द्वारा जनहित में दायर इस याचिका को आज यानी मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया.

शिमला जल प्रबंधन बोर्ड की ओर से अदालत को बताया गया कि पिछले दिनों गुम्मा में बिजली की सप्लाई ठप रहने से पानी की आपूर्ति बाध्य रही. अदालत को बताया गया कि शिमला जल प्रबंधन बोर्ड ने बिजली बोर्ड के पास नए ट्रांसफार्म के लिए पैसे जमा करवा रखे हैं, लेकिन अभी तक बिजली बोर्ड ने नया ट्रांसफार्म नहीं लगाया है.

अदालत ने इस मामले में हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रतिवादी बनाया. अदालत को यह भी अवगत करवाया गया कि गुम्मा से कोटखाई तक हो रही अवैध डंपिंग से प्राकृतिक स्रोत सूखने की कगार पर है.

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