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यूं ही नहीं कहते डॉक्टर को भगवान, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अरविंद ने दिल के रोगी को दिया जीवनदान

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Published : Dec 8, 2021, 9:43 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 10:27 PM IST

देश के विख्यात कार्डियोलॉजिस्ट (Cardiology Department IGMC Shimla) और आईजीएमसी अस्पताल (IGMC Hospital Shimla) के चिकित्सक डॉ. अरविंद कंदौरिया ने एक जटिल आपरेशन केस को सफलता से अंजाम देकर मरीज को जीवनदान दिया है. डॉ. कंदौरिया और उनकी टीम ने एक बुजुर्ग रोगी का बेहद जटिल हार्ट प्रोसीजर किया. शिमला के रामपुर का रहने वाले 76 साल के मरीज को वर्ष 2011 में दिल की तकलीफ होने पर पेसमेकर लगाया गया था. बाद में वर्ष 2018 में पेसमेकर की बैटरी खत्म होने के कारण पेसमेकर जैनरेटर रिप्लेसमेंट की गई. फिर इसी साल नवंबर 2021 में मरीज को तकलीफ हुई. पेसमेकर इन्फैक्टिड होने के कारण मरीज की जान को खतरा हो गया. ऐसे में उसे ओपन हार्ट सर्जरी की नौबत आ गई, लेकिन डॉ. अरविंद कंदौरिया ने जटिल प्रोसीजर को सफलता से अंजाम देकर मरीज की जान बचा ली और उसे ओपन हार्ट सर्जरी की जरूरत भी नहीं पड़ी.

Cardiologist performed rare operation at IGMC Shimla
डॉ. अरविंद कंडोरिया, कार्डियोलॉजी आईजीएमसी के प्रोफेसर

शिमला: डॉक्टर को यूं ही भगवान नहीं कहते. देश के विख्यात कार्डियोलॉजिस्ट और आईजीएमसी अस्पताल (IGMC Hospital Shimla) के चिकित्सक डॉ. अरविंद कंदौरिया ने एक जटिल आपरेशन केस को सफलता से अंजाम देकर मरीज को जीवनदान दिया है. डॉ. कंदौरिया और उनकी टीम ने एक बुजुर्ग रोगी का बेहद जटिल हार्ट प्रोसीजर किया. इंपैक्टिड एंड ब्रोकन पेसमेकर वाले मरीज के पूर्व में लगाए गए पेसमेकर को निकाला गया. ये पेसमेकर इन्फेक्शन के कारण तकलीफ दे रहा था. कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. कंदौरिया (IGMC Shimla Doctor Arvind Kandauria) ने एक साहसिक फैसला लिया और मरीज को ओपन हार्ट सर्जरी की जटिलता से बचा लिया.

शिमला के रामपुर का रहने वाले 76 साल के मरीज को वर्ष 2011 में दिल की तकलीफ होने पर पेसमेकर लगाया गया था. बाद में वर्ष 2018 में पेसमेकर की बैटरी खत्म होने के कारण पेसमेकर जैनरेटर रिप्लेसमेंट की गई. फिर इसी साल नवंबर 2021 में मरीज को तकलीफ हुई. पेसमेकर इन्फैक्टिड होने के कारण मरीज की जान को खतरा हो गया. ऐसे में उसे ओपन हार्ट सर्जरी की नौबत आ गई, लेकिन डॉ. अरविंद कंदौरिया ने जटिल प्रोसीजर को सफलता से अंजाम देकर मरीज की जान बचा ली और उसे ओपन हार्ट सर्जरी की (Complex operation in IGMC Shimla) जरूरत भी नहीं पड़ी.

दूसरी साइड से पेसमेकर लगाया गया. लीड लॉक डिवाइस से ये जटिल प्रोसीजर किया गया. यह अपनी तरह का पहला केस है और आईजीएमसी अस्पताल में ऐसे जटिल प्रोसीजर का सफलतापूर्वक संपन्न होना हिमाचल के डॉक्टर्स की मेधा को दर्शाता है. इस प्रोसीजर में डॉ. अरविंद कंदौरिया का साथ देने वाली टीम में डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. राहुल निझावन शामिल थे. यहां बता दें कि डॉ. अरविंद कंदौरिया देश के जाने माने कार्डियोलॉजिस्ट हैं और उन्होंने कई जटिल प्रोसीजर सफलता से पूरे किए हैं.

वे साधनहीन मरीजों के लिए निशुल्क कैंप भी लगाते हैं जिसमें दिल के रोगियों का निशुल्क चेकअप किया जाता है और दवाइयां भी दी जाती हैं. डॉ. कंदौरिया ने बताया कि अभी तक मेडिकल साइंस में ऐसे प्रोसीजर का जिक्र नहीं है. ये एक साहसिक फैसला था और उन्हें संतोष है कि मरीज अब सकुशल है.

ये भी पढ़ें- हिमाचली बुलेटिन: शिमला च रेजिडेंट डॉक्टरां री हड़ताल ते मरीजां री बढ़ी परेशानी

शिमला: डॉक्टर को यूं ही भगवान नहीं कहते. देश के विख्यात कार्डियोलॉजिस्ट और आईजीएमसी अस्पताल (IGMC Hospital Shimla) के चिकित्सक डॉ. अरविंद कंदौरिया ने एक जटिल आपरेशन केस को सफलता से अंजाम देकर मरीज को जीवनदान दिया है. डॉ. कंदौरिया और उनकी टीम ने एक बुजुर्ग रोगी का बेहद जटिल हार्ट प्रोसीजर किया. इंपैक्टिड एंड ब्रोकन पेसमेकर वाले मरीज के पूर्व में लगाए गए पेसमेकर को निकाला गया. ये पेसमेकर इन्फेक्शन के कारण तकलीफ दे रहा था. कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. कंदौरिया (IGMC Shimla Doctor Arvind Kandauria) ने एक साहसिक फैसला लिया और मरीज को ओपन हार्ट सर्जरी की जटिलता से बचा लिया.

शिमला के रामपुर का रहने वाले 76 साल के मरीज को वर्ष 2011 में दिल की तकलीफ होने पर पेसमेकर लगाया गया था. बाद में वर्ष 2018 में पेसमेकर की बैटरी खत्म होने के कारण पेसमेकर जैनरेटर रिप्लेसमेंट की गई. फिर इसी साल नवंबर 2021 में मरीज को तकलीफ हुई. पेसमेकर इन्फैक्टिड होने के कारण मरीज की जान को खतरा हो गया. ऐसे में उसे ओपन हार्ट सर्जरी की नौबत आ गई, लेकिन डॉ. अरविंद कंदौरिया ने जटिल प्रोसीजर को सफलता से अंजाम देकर मरीज की जान बचा ली और उसे ओपन हार्ट सर्जरी की (Complex operation in IGMC Shimla) जरूरत भी नहीं पड़ी.

दूसरी साइड से पेसमेकर लगाया गया. लीड लॉक डिवाइस से ये जटिल प्रोसीजर किया गया. यह अपनी तरह का पहला केस है और आईजीएमसी अस्पताल में ऐसे जटिल प्रोसीजर का सफलतापूर्वक संपन्न होना हिमाचल के डॉक्टर्स की मेधा को दर्शाता है. इस प्रोसीजर में डॉ. अरविंद कंदौरिया का साथ देने वाली टीम में डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. राहुल निझावन शामिल थे. यहां बता दें कि डॉ. अरविंद कंदौरिया देश के जाने माने कार्डियोलॉजिस्ट हैं और उन्होंने कई जटिल प्रोसीजर सफलता से पूरे किए हैं.

वे साधनहीन मरीजों के लिए निशुल्क कैंप भी लगाते हैं जिसमें दिल के रोगियों का निशुल्क चेकअप किया जाता है और दवाइयां भी दी जाती हैं. डॉ. कंदौरिया ने बताया कि अभी तक मेडिकल साइंस में ऐसे प्रोसीजर का जिक्र नहीं है. ये एक साहसिक फैसला था और उन्हें संतोष है कि मरीज अब सकुशल है.

ये भी पढ़ें- हिमाचली बुलेटिन: शिमला च रेजिडेंट डॉक्टरां री हड़ताल ते मरीजां री बढ़ी परेशानी

Last Updated : Dec 8, 2021, 10:27 PM IST
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