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1200 करोड़ में बनेगा बल्क ड्रग फार्मा पार्क, 20 हजार को मिलेगा रोजगार

Bulk Drug Pharma Park in Himachal चुनावी साल में बड़ी सौगात मिली है. 1200 करोड़ की लागत से बनने वाले इस बल्क ड्रग फार्मा पार्क से 20 हजार लोगों को नौकरियों का दावा सीएम जयराम ठाकुर ने किया है.

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Published : Aug 31, 2022, 9:20 AM IST

शिमला: राज्य को बल्क ड्रग फार्मा (Bulk Drug Pharma Park in Himachal) पार्क आवंटित करने के लिए सीएम जयराम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है. बल्क ड्रग फार्मा पार्क आवंटित करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के लिए राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना का आवंटन वास्तव में एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि यह राज्य में कई वर्षों के लिए हिमाचल फार्मा फॉर्मूलेशन (Himachal Pharma Formulation Units) इकाइयों के प्रतिधारण के साथ-साथ स्थानीय रोजगार के अवसर सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों को बल्क ड्रग फार्मा पार्क आवंटित करने का मुख्य उद्देश्य घरेलू निर्माण, दवा सुरक्षा सुनिश्चित करना और चीन पर बल्क ड्रग की निर्भरता (Reduce the dependence of bulk drugs on China) कम करना है.

21 मार्च 2020 को मंजूरी: जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 मार्च, 2020 को बल्क ड्रग पार्क योजना को मंजूरी दी थी और बाद में 21 जुलाई, 2020 को प्रस्ताव जमा करने के लिए मूल्यांकन मानदंड निर्धारित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए थे. इन दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत सरकार के फार्मा विभाग (डीओपी) द्वारा 1000 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा के साथ परियोजना लागत का 90 प्रतिशत प्रदान किया जाएगा.

20 हजार को मिलेगा रोजगार: मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना अवधि के दौरान राज्य सरकार ने अपेक्षित भूमि की पहचान करना शुरू कर दिया और जिला ऊना की हरोली तहसील के पोलियां, टिब्बीं, मल्लूवाल में 1,405 एकड़ भूमि का चयन किया गया. उन्होंने कहा कि पार्क की अनुमानित परियोजना लागत लगभग 1200 करोड़ रुपये है, जिसमें से सामान्य बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा 1000 करोड़ रुपये का वित्त पोषण किया जाएगा और इस पार्क में लगभग 8000 से 10,000 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश अपेक्षित है. उन्होंने कहा कि इससे लगभग 15 हजार से 20 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. फार्मा पार्क के लिए लगभग 100-120 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है.
3 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली: उन्होंने कहा कि निवेश पर उच्च प्रतिलाभ के प्रस्ताव में उपयोगिता शुल्क और अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में दस साल के लिए 3 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली, दस साल के लिए शून्य रख-रखाव शुल्क और गोदाम शुल्क के अलावा 33 साल के लिए एक रुपये प्रति वर्गमीटर प्रति वर्ष भूमि दर, स्टाम्प शुल्क में छूट, अधिकतम निवेश के उच्च रिटर्न को सुनिश्चित करने के प्रस्ताव में प्रति वर्ष 51 लाख रुपये तक के सावधि ऋण पर सात प्रतिशत ब्याज सबवेंशन और शुद्ध एसजीएसटी पर 70 प्रतिशत छूट की पेशकश की गई थी.

शिमला: राज्य को बल्क ड्रग फार्मा (Bulk Drug Pharma Park in Himachal) पार्क आवंटित करने के लिए सीएम जयराम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है. बल्क ड्रग फार्मा पार्क आवंटित करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के लिए राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना का आवंटन वास्तव में एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि यह राज्य में कई वर्षों के लिए हिमाचल फार्मा फॉर्मूलेशन (Himachal Pharma Formulation Units) इकाइयों के प्रतिधारण के साथ-साथ स्थानीय रोजगार के अवसर सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों को बल्क ड्रग फार्मा पार्क आवंटित करने का मुख्य उद्देश्य घरेलू निर्माण, दवा सुरक्षा सुनिश्चित करना और चीन पर बल्क ड्रग की निर्भरता (Reduce the dependence of bulk drugs on China) कम करना है.

21 मार्च 2020 को मंजूरी: जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 मार्च, 2020 को बल्क ड्रग पार्क योजना को मंजूरी दी थी और बाद में 21 जुलाई, 2020 को प्रस्ताव जमा करने के लिए मूल्यांकन मानदंड निर्धारित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए थे. इन दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत सरकार के फार्मा विभाग (डीओपी) द्वारा 1000 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा के साथ परियोजना लागत का 90 प्रतिशत प्रदान किया जाएगा.

20 हजार को मिलेगा रोजगार: मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना अवधि के दौरान राज्य सरकार ने अपेक्षित भूमि की पहचान करना शुरू कर दिया और जिला ऊना की हरोली तहसील के पोलियां, टिब्बीं, मल्लूवाल में 1,405 एकड़ भूमि का चयन किया गया. उन्होंने कहा कि पार्क की अनुमानित परियोजना लागत लगभग 1200 करोड़ रुपये है, जिसमें से सामान्य बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा 1000 करोड़ रुपये का वित्त पोषण किया जाएगा और इस पार्क में लगभग 8000 से 10,000 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश अपेक्षित है. उन्होंने कहा कि इससे लगभग 15 हजार से 20 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. फार्मा पार्क के लिए लगभग 100-120 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है.
3 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली: उन्होंने कहा कि निवेश पर उच्च प्रतिलाभ के प्रस्ताव में उपयोगिता शुल्क और अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में दस साल के लिए 3 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली, दस साल के लिए शून्य रख-रखाव शुल्क और गोदाम शुल्क के अलावा 33 साल के लिए एक रुपये प्रति वर्गमीटर प्रति वर्ष भूमि दर, स्टाम्प शुल्क में छूट, अधिकतम निवेश के उच्च रिटर्न को सुनिश्चित करने के प्रस्ताव में प्रति वर्ष 51 लाख रुपये तक के सावधि ऋण पर सात प्रतिशत ब्याज सबवेंशन और शुद्ध एसजीएसटी पर 70 प्रतिशत छूट की पेशकश की गई थी.

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