शिमलाः पहाड़ों की रानी शिमला एक लंबा इतिहास अपने भीतर संजोए हुए है. आजादी से पहले ब्रिटिशकाल में शिमला अंग्रेजों की समर कैपिटल रही. अंग्रेजों के समय बनी इमारतें, औजार व कागजातों को शिमला प्रशासन ने अब तक संभाल कर रखा हुआ है जो मौजूदा पीढ़ी को उस समय के इतिहास के साथ रूबरू करवाते हैं.
एक ऐसा ही उदाहरण शिमला में फिर देखने को मिला. जब इंगलैंड से आए एक दंपति को 106 साल पहले जन्मी उनकी मां का प्रमाण पत्र नगर निगम शिमला की ओर से दिया गया. इंग्लैंड के साउथैम्पटन शहर की जेलियन अपने पति के साथ शिमला घूमने पहुंची थी.
इस दौरान जेलियन नगर निगम के संयुक्त आयुक्त के पास पहुंची और उन्हें बताया कि उनकी मां का जन्म शिमला में हुआ था. उसका रिकॉर्ड मांगने के लिए अर्जी भी दी. इसके बाद निगम की स्वास्थ्य शाखा ने उन्हें उनकी मां का जन्मप्रमाण पत्र दिया. हाथ से लिखा हुआ इतने साल पहले का रिकॉर्ड देख दंपत्ति हैरान हो गया.
22 सितंबर 1914 को हुआ जेलियन की मां का जन्म
रिकॉर्ड के मुताबिक 22 सितंबर 1914 को जेलियन की मां (पीएम स्वॉयर) का जन्म शिमला में हुआ था. जेलियन के नाना उस समय शिमला में कैप्टन थे और शहर में उनका एक भवन भी था. दंपति को भवन तो नही मिला, लेकिन उन्हें अपनी मां का जन्मप्रमाण पत्र मिल गया.
मां की बहुत यादें शिमला से जुड़ी- जेलियन
अपनी मां का जन्म प्रमाण पत्र हासिल कर जेलियन बेहद खुश हुई. उन्होंने बताया कि उनकी मां और उनके नाना काफी समय तक शिमला में रहे और यही उनका जन्म भी हुआ था. मां की बहुत यादें शिमला से जुड़ी हैं. उन्होंने रिकॉर्ड की फोटोकापी दी गई. जिसमें उनके अन्य रिशतेदारों के भी नाम शामिल थे. दंपति ने बताया कि वे इस याद को फ्रेम करके घर में रखेंगे.
1870 से लेकर अब तक का रिकॉर्ड है मौजूद- नगर निगम शिमला
नगर निगम शिमला के संयुक्त आयुक्त अजीत भारद्वाज ने बताया कि हर साल इंग्लैंड से लोग अपने परिजनों का जन्म और मृत्यु का प्रमाण पत्र लेने आते हैं. निगम के पास 1870 से लेकर अब तक का रिकॉर्ड मौजूद है. उन्होंने कहा कि शनिवार को जेलियन अपने पति के साथ अपनी मां का जन्म प्रमाणपत्र लेने पहुंचे थे जिन्हें उनका जन्म प्रमाण पत्र सौंप दिया गया है.
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