शिमला: उपचुनाव में हार(defeat in by-election) के बाद भाजपा में मंथन का दौर जारी(Brainstorming continues in BJP) है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने उपचुनाव में भितरघात करने वाले नेताओं व कार्यकर्ताओं की गतिविधियों का कड़ा संज्ञान लिया है. पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले भीतरघातियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत(action against the insiders) दिए गए.. फील्ड से रिपोर्ट लेकर पार्टी की अनुशासन समिति को सौंपी गई है.
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा(BJP chief spokesperson Randhir Sharma) ने शिमला में मीडिया से बातचीत में कहा कि हार के कारणों पर चिंतन करने के बाद संगठन और सरकार ने कई फैसले लिए. पार्टी अनुशासनहीनता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है. उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता पर लगाम लगाने के लिए एक मत होकर निर्णय लिया गया है. उन्होंने हार के कारणों का विश्लेषण साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस को सिंपैथी वोट का भी लाभ(Congress got Sympathy vote) हुआ.
वहीं, चुनाव में हार का एक फैक्टर महंगाई(losing factor was inflation) भी रहा. रणधीर शर्मा ने कहा कि भाजपा एक कैडर बेस्ड पार्टी(BJP cadre based party) है और यहां लोकतांत्रिक तरीके से हर घटना का विश्लेषण किया जाता है. उपचुनावों में हार के बाद संगठन के पदाधिकारियों के साथ चर्चा हुई. कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक लिया गया .उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी गलतियों से सीख कर आगे बढ़ेगी.
शर्मा ने कहा कि मिशन रिपीट को हर हाल में सफल बनाया जाएगा. मौजूदा सरकार के कार्यकाल के चार साल पूरा होने पर एक बड़ा राजनीतिक आयोजन किया जाएगा. जिसमें केंद्र से पार्टी के बड़े नेता आएंगे. उस आयोजन के बाद भारतीय जनता पार्टी समूचे प्रदेश में महा जनसंपर्क अभियान चलाएगी. उन्होंने कहा कि इन उपचुनावों को भाजपा ने आई ओपनर की तरह लिया है. अभी 2022 के उपचुनावों के लिए एक साल का बाकी जो कमियां रही उनको सुधारा जाएगा. उन्होंने कहा कि हम विश्वास के साथ कहते हैं कि आने वाले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करेंगे.
रणधीर शर्मा ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि इन उपचुनावों के बाद कांग्रेस के मित्र उछलना शुरू हो गए.उन्होंने कहा कि अभी 2022 के चुनावों को एक साल बचा, लेकिन कांग्रेस नेता ऐसे उछल रहे जैसे उन्होंने 2022 का विधानसभा चुनाव जीत लिया हो. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता मुंगेरीलाल के सपने देखना बंद करें. उनकी असलियत भी जनता जानती है. अभी तो उपचुनाव था जब मुख्य चुनाव आएगा तो सबसे बड़ा मुद्दा आएगा कि आपका मुख्यमंत्री कौन है. उसके लिए तो 12 से 13 उम्मीदवार हैं. भाजपा विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करेगी.
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