शिमला: भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व विधायक रणधीर शर्मा (bjp spokesperson randhir sharma) ने कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हिमाचल में नशा भेजते हैं. रणधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा (Congress national spokesperson Alka Lamba) ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) पर हिमाचल में ड्रग्स भेजने के संगीन आरोप लगाए हैं वो सरासर गलत है.
रणधीर शर्मा ने कहा कि उन्हें सबसे पहले कांग्रेस शासित राज्यों विशेष तौर पर पंजाब की ओर देखना चाहिए. पंजाब में नशे से युवा पीढ़ी किस हद तक तबाह हो चुकी है ये बात किसी से छिपी नहीं. ये वही कांग्रेस शासित राज्य है जिसे लोग उड़ता पंजाब के नाम से संबोधित करते हैं. क्या अलका लांबा ये कहना चाहती हैं कि पंजाब के मुख्यमंत्री की ओर से हिमाचल में नशा सप्लाई किया जाता है.
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रणधीर शर्मा ने कहा कि उनके पास बोलने के लिए हिमाचल से संबंधित कोई मुद्दा नहीं था, इसलिए वो प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इधर-उधर की बातें कर रहीं थी. अलका लांबा केवल दिल्ली की गर्मी से राहत पाने के लिए हिमाचल आई हुई थीं और हिमाचल की वादियों से इतना मदहोश हो गईं कि बहकी-बहकी बातें करने लगीं. ऐसा उसलिए क्योंकि उन्हें अपने बयान में पद, गरिमा और कानून तक की फिक्र नहीं रही.
उन्होंने कहा कि जयराम सरकार हिमाचल में नशे पर अंकुश लगाने के लिए बहु आयामी रणनीति अपनाकर राज्य को 'ड्रग फ्री स्टेट' बनाने लिए प्रतिबद्ध है. प्रदेश की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहल करते हुए हिमाचल के सभी पड़ोसी राज्यों को नशे के खिलाफ एकजुट किया था. इसके लिए साल 2019 में चंडीगढ़ में हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान के मुख्यमंत्रियों और जम्मू कश्मीर, केंद्र शासित क्षेत्र चंडीगढ़ व दिल्ली के उच्चाधिकारियों के साथ इस मसले पर गहन चर्चा की थी. उन्होंने कहा कि जयराम सरकार पहली सरकार है जिसने उत्तर भारत के चार राज्यों के साथ मिलकर संयुक्त रणनीति बनाई. नशे की इस गंभीर समस्या से निपनटने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (special task force) का भी गठन किया.
जयराम सरकार में पुलिस ना केवल नशा तस्करों को दबोच रही है, बल्कि नशा बेचकर संपत्ति अर्जित करने वालों की संपत्ति भी सीज की जा रही है. प्रदेश में पिछले एक वर्ष में 19 विभिन्न मामलों में 11.37 करोड़ रुपये की सम्पत्ति अटैच और फ्रीज की गई, जिसमें जिला कुल्लू में 15 मामलों में 3.79 करोड़ रुपये की सम्पत्ति व जिला कांगड़ा में दो मामलों में 7.29 करोड़ रुपये की सम्पत्ति अटैच और जिला बिलासपुर के एक मामले में 18.31 लाख रुपये व जिला शिमला के एक मामले में 10.67 लाख रुपये के बैंक डिपोटिज फ्रीज किए गए हैं.
रणधीर शर्मा ने कहा कि जयराम सरकार में नशा तस्करों के ज्यादा मामले पकड़े जा रहे हैं। इसका मतलब सीधा है कि राज्य सरकार नशा तस्करों के खिलाफ ज्यादा सख्त और मुस्तैदी से कार्रवाई कर रही है. कांग्रेस शासित राज्य में भी यदि कार्रवाई ज्यादा होती तो हिमाचल में भी कम मामले सामने आते. हिमाचल की पुलिस तो उनके राज्यों के नशा तस्करों पर भी लगाम लगा रही है.
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